दुकान से जुड़े बिजनेस आइडियाज। Shop Business Ideas in Hindi.

यदि आप कोई दुकान शुरू करने की सोच रहे हैं तो हो सकता है की आप इन व्यापारों (Shop Business Ideas) के बारे में ढूंढ रहे हों। हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की मनुष्य को अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी में कई चीजों की आवश्यकताएं होती हैं जिन्हें वह अपने नजदीकी दुकानों से खरीदता है।

दुकानों की यदि हम बात करें तो इनका उत्पादों को मनुष्य के घर तक या नज़दीक तक पहुँचाने में बड़ा अहम् योगदान है, अर्थात वस्तुओं के डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में दुकानों का बड़ा महत्व है। जब भी हमें कुछ भी सामान चाहिए होता है तो अपने नजदीकी दुकानों में उसे खरीदने चले जाते हैं । हमें इस बात से कोई लेना देना नहीं होता है की वह दुकानदार उस सामान को कहाँ से ला रहा है।

किसी भी वस्तु की दुकान हो, दुकानदार ने उसे प्रॉफिट अर्जित करने के लिए ही शुरू किया हुआ है। इसलिए दुकानदार जिस भी चीज को आपको जिस कीमत पर बेचता है इतना तो निश्चित है की वह उस वस्तु या चीज को उसके द्वारा बेची जाने वाली कीमत से कम कीमत पर ही खरीदता होगा।

भारत में संचालित डिस्ट्रीब्यूशन प्रणाली में दुकानों की बड़ी मजबूत पकड है। इसलिए यदि आप भी दुकान से जुड़ा कोई बिजनेस शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। लेकिन आपको समझ नहीं आ रहा है की दुकान से जुड़े ऐसे कौन कौन से बिजनेस हैं, जिन्हें शुरू करने पर आप विचार कर सकते हैं। तो हमारे द्वारा प्रदान की जाने वाली यह लिस्ट आपकी मदद कर सकती है।

शॉप बिजनेस आइडियाज क्या हैं?

शॉप बिजनेस आइडियाज यानिकी ऐसे बिजनेस जिन्हें दुकान के माध्यम से शुरू किया जा सकता है। एक दुकान वह स्थान होता है जहाँ पर लोग कुछ प्रोडक्ट/ वस्तुएं खरीदने के लिए आते हैं। गली मोहल्लों में कपड़े की दुकानें, जूते चप्पल की दुकानें, राशन की दुकानें, परचून की दुकानें इत्यादि बहुत लोकप्रिय हैं।

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Image : Shop Business ideas

दुकान से जुड़े बिजनेस कौन से हैं (Shop Business Ideas in Hindi):    

छोटे या रिटेल स्तर पर जो भी व्यक्ति खुद का बिजनेस शुरू करना चाहता है, वह सबसे पहले दुकान से जुड़े हुए बिजनेस को शुरू करने पर विचार करता है। ये ऐसे बिजनेस होते हैं जिन्हें किसी गली मोहल्ले या स्थापित मार्किट में कोई खाली दुकान किरयर पर लेकर और उसमें जरुरी इंटीरियर का काम करवाके आसानी से शुरू किया जा सकता है। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही लोकप्रिय और मुनाफे वाले शॉप बिजनेस के बारे में।          

ग्रोसरी शॉप का बिजनेस

दुकान की बात आती है तो सबसे पहले उस दुकान का जिक्र आना स्वभाविक है, जहाँ पर आप सुबह सुबह ब्रेड अंडे, कोलगेट, साबुन लेने पहुँच जाते हो । जी हाँ यह वही परचून की दुकान होती है जो आपके घर से थोड़ी दूरी पर किसी न किसी आपके जानकार द्वारा चलाई जाती है ।

कहने का मतलब यह है की भारत में शायद ही कोई ऐसी गली मोहल्ला हो जहाँ कम से कम एक परचून की दुकान न हो। क्योंकि परचून की दुकान में दुकानदार नित्य प्रतिदिन के इस्तेमाल में लायी जाने वाली सभी प्रकार की वस्तुओं को बेच रहा होता है। इसलिए इस दुकान की जरुरत हर गली मोहल्ले में अनिवार्य रूप से होती है ।

ऐसे में यदि आप किसी शॉप बिजनेस को शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, तो आप खुद का ग्रोसरी शॉप बिजनेस शुरू करने पर विचार कर सकते हैं । लेकिन इससे पहले आपको उस एरिया में प्रतिस्पर्धा और ग्रोसरी आइटम के माँग का आकलन करना भी जरुरी हो जाता है।   

हार्डवेयर शॉप का बिजनेस

एक हार्डवेयर की दुकान में आपको बाथरूम में लगने वाली टैप से लेकर छत में कपड़े टांगने के इस्तेमाल में होने वाली रस्सी तक सभी चीजें आसानी से मिल जाती हैं। आम तौर पर देखा जाय तो हार्डवेयर का बिजनेस कंस्ट्रक्शन क्षेत्र से जुड़ा हुआ बिजनेस है। क्योंकि यहाँ पर आपको बाथरूम हार्डवेयर, फर्नीचर हार्डवेयर, कैबिनेट हार्डवेयर से लेकर कील, हुक, हथौड़ी, पेचकस इत्यादि सभी सामान मिल जाता है।

और जैसा की हम सब जानते हैं की वर्तमान में संयुक्त परिवारों के विघटन और बढती जनसँख्या के कारण लोगों को नए नए घर बनाने की आवश्यकता तो हो ही रही है। साथ में उस जनता को अन्य सुविधाएँ प्रदान करने के लिए स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, दुकान, संस्थान इत्यादि बनाने की भी आवश्यकता हो रही है।

ऐसे में यदि आप खुद की हार्डवेयर शॉप का बिजनेस शुरू करते हैं, तो यह आपके जीवन को बदलने वाला निर्णय भी हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे बिजनेस में अनिश्चितता बनी रहती है , इसमें कुछ भी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है।  

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मेडिकल शॉप का बिजनेस

दवाइयों की आवश्यकता मनुष्य को कब नहीं होती, मेडिकल इमरजेंसी कभी भी हो सकती है। दुकानों से जुड़ा यह एक ऐसा बिजनेस है जिसमें कभी भी मंदी नहीं आती है। वह इसलिए क्योंकि बदलती जीवनशैली और खान पान की आदतों ने लोगों को पहले के मुकाबले अधिक बीमार करना शुरू कर दिया है।

आज भारत में भी ऐसे लोगों की जनसँख्या बढती जा रही है जिन्हें दिन मभर में अपनी ड्यूटी के दौरान किसी प्रकार की कोई शारीरिक गतिविधि करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है । जिसके कारण लोगों में मोटापा और कई तरह की अन्य गंभीर बीमारियों का प्रादुर्भाव हो रहा है।

इसके अलावा इस भाग दौड़ भरी जिन्दगी में मनुष्य मानसिक तनाव से ग्रसित हो गया है। कुल मिलाकर देखा जाय तो वर्तमान में आपको हर जगह मेडिकल स्टोर पर अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल जाएगी । किसी प्रसिद्ध हॉस्पिटल के बाहर स्थित मेडिकल स्टोर में तो आलम कुछ और ही होगा।

इसलिए यदि आप कोई बेहतरीन शॉप बिजनेस शुरू करने पर विचार कर रहे हैं तो किसी अच्छी लोकेशन पर मेडिकल शॉप बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपका रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट होना आवश्यक है।        

स्टेशनरी शॉप का बिजनेस

आज की स्टेशनरी शॉप सिर्फ कॉपी किताबों तक ही सिमित नहीं रह गई है। बल्कि एक बड़ी स्टेशनरी शॉप में आपको स्कूल की ड्रेस, जूते, बेल्ट से लेकर विभिन्न अवसरों के दौरान होने वाली एक्टिविटी के लिए भी पूरा सामान मिल जाएगा। इसके अलावा सरकारी विभागों में निकलने वाली भर्तियों के लिए विशेष किताबें भी पढने को मिल जाएँगी ।

कहने का आशय यह है की जब आपके बच्चे को कॉपी, किताब, पेन्सिल, रबर इत्यादि की आवश्यकता होती है, तब तो आप स्टेशनरी की दुकान में जाएँगे ही। लेकिन जब आपके बच्चे का स्कूल का बैग फट चुका होगा, जूते टूट चुके होंगे, ड्रेस पुरानी या छोटी हो चुकी होगी तब भी आप अपने नजदीकी स्टेशनरी शॉप में जाना नहीं भूलेंगे ।

सिर्फ इतना ही नहीं वर्तमान में बड़े शहरों में जहाँ पर प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के कार्यालय मौजूद हैं, वहाँ पर आप कॉर्पोरेट स्टेशनरी सप्लायर के तौर पर भी काम कर सकते हैं ।  कुल मिलाकर देखा जाय तो स्टेशनरी शॉप का बिजनेस भी आपके हर वो अरमान पूरे करने की क्षमता रखता है जो आप अपनी जिन्दगी में पूरा करना चाहते हैं ।  

मोबाइल शॉप का बिजनेस

अपने घर में एक नज़र दौड़ाइए और पता कीजिये की आपके घर में कितने मोबाइल हैं, यदि बच्चों को छोड़ दिया जाय, तो स्वभाविक है की जितने घर के मेम्बर होंगे उतने फोन तो आपके घर में होंगे ही होंगे । क्या जब कभी आपके फ़ोन में कोई समस्या आ जाती है, तो आपके स्वभाव में परिवर्तन आता है? और यदि आपकी क्षमता होगी तो हो सकता है की आप पुराने फ़ोन में समस्या आते ही उसे छोड़ने का मन बना लें और नया फ़ोन खरीदने को तैयार हो जाएँ।

जी हाँ वर्तमान में मनुष्य के जीवन को जितना प्रभावित फ़ोन ने किया है, शायद उतना किसी और  इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ने नहीं किया होगा । फ़ोन ही आजकल सभी का सबसे बड़ा साथी बन गया है और हो भी क्यों नहीं। यही तो है जो आपके सारे कार्यों को आसान कर रहा है, इसलिए इसके बिना किसी के लिए भी जीवन कठिन हो सकता है ।

कहने का आशय यह है की मनुष्य जीवन में फ़ोन ने अपना महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है । इसलिए यदि आप कोई ऐसा शॉप बिजनेस ढूंढ रहे हैं जो आपको सिर्फ आज ही नहीं बल्कि भविष्य में भी अच्छी कमाई करके दे तो आप मोबाइल शॉप बिजनेस शुरू करने पर विचार कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें – मोबाइल शॉप का बिजनेस कैसे शुरू करें?    

क्लॉथ शॉप का बिजनेस

आप सोच रहे होंगे यार मैं तो सारे कपड़े ऑनलाइन खरीदता हूँ? तो फिर क्लॉथ शॉप चलेगी कैसे? ठीक है मान लेते हैं की आप कपड़े ऑनलाइन खरीदते हैं, लेकिन क्या आप यह भी जानते हैं की वह ई कॉमर्स प्लेटफोर्म भी तो आपको किसी दुकान के माध्यम से ही कपड़े डिलीवर करेगा।

जी हाँ यह सत्य है की ऑनलाइन ई कॉमर्स प्लेटफोर्म पर भी कई कपड़े के विक्रेता अपने आपको वेंडर के तौर पर रजिस्टर्ड करके अपना माल उस प्लेटफोर्म के माध्यम से बेच रहे होते हैं। हालांकि इन ई कॉमर्स प्लेटफोर्म के पास कुछ माल ऐसा भी होता है जो सीधे विनिर्माणकर्ता या फिर उसके डीलर बेच रहे होते हैं।

लेकिन भारत में आज भी अधिकतर जनसँख्या अपने स्थानीय मार्किट से ही कपड़े खरीदना पसंद करती है। और कपड़े मनुष्य को एक बार नहीं बल्कि बार बार चाहिए होते हैं और कई जोड़े चाहिए होते हैं. इसलिए आप चाहें तो क्लॉथ शॉप बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं।       

फुटवियर शॉप का बिजनेस

जिस तरह से मनुष्य के लिए कपड़े पहनना जरुरी है उसी तरह वर्तमान में फुटवियर यानिकी जूते चप्पल पहनना भी जरुरी हो गया है। वैसे शुरूआती दौर में तो मनुष्य फुटवियर का इस्तेमाल अपने पैरों को कंकड़, पत्थर काँटों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए करता था। लेकिन धीरे धीरे इनके डिजाईन, आकार, रंग में परिवर्तन करके इन्हें फैशनेबल बनाया गया।

और आज मनुष्य फुटवियर का इस्तेमाल सिर्फ अपने पैरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए नहीं, बल्कि फैशन उपकरण के तौर पर भी करता है। यही कारण है की आज ऐसे लोग जिनकी डिस्पोजेबल इनकम अच्छी है उनके पास उनके कपड़ों के रंग से मैच करते हुए एक नहीं बल्कि कई जोड़े फुटवियर हुआ करते हैं।

यह जरुरी नहीं है की जिसके पास फुटवियर नहीं हैं तो वही फुटवियर खरीदेगा, बल्कि जिसके पास एक जोड़े हैं वह एक जोड़े और खरीद सकता है, जिसके पास अपने कपड़ों से मैच करते हुए फुटवियर नहीं हैं, वे कपड़ों से मैच करते हुए फुटवियर खरीद सकते हैं। इसलिए वर्तमान में आपके लिए खुद की फुटवियर शॉप बिजनेस शुरू करना भी लाभकारी हो सकता है।      

इलेक्ट्रॉनिक शॉप का बिजनेस

सर्दियों में हीटर, गीजर इत्यादि चाहिए होता है तो गर्मियों में पंखा, कूलर, एयर कंडीशनर, फ्रिज इत्यादि कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आवश्यकता हो सकती है। वैसे देखा जाय तो वर्तमान में कई मौकों पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को गिफ्ट देने का भी रिवाज शुरू हो गया है इनमें टी मेकर, कॉफ़ी मेकर, मिक्सी, ग्राइंडर, जूसर, टेलीविजन इत्यादि शामिल हैं।

एक इलेक्ट्रॉनिक शॉप में उद्यमी इलेक्ट्रिक वायर से लेकर, इनवर्टर इत्यादि तक सभी कुछ बेच रहा होता है। आम तौर पर घरों में इस्तेमाल में लाये जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में कूलर, पंखे, टेलीविजन, मिक्सर ग्राइंडर, इनवर्टर इत्यादि शामिल हैं । इस तरह की शॉप की भी आवश्यकता हर गली मोहल्ले में होती ही होती है।    

वाइन और बियर शॉप का बिजनेस

लगभग 50000 से 100000 वाले आबादी वाले क्षेत्र में कम से कम एक वाइन और बियर शॉप की आवश्यकता तो होती ही होती है । हालांकि कई राज्यों में जहाँ पर मदिरा बेचना इत्यादि प्रतिबंधित है वहां पर इस तरह का यह बिजनेस नहीं किया जा सकता है।

लेकिन यदि आप किसी ऐसे राज्य में रहते हैं जहाँ पर सरकारी ठेके खोले जा सकते हैं तो आप भी आबकारी विभाग से लाइसेंस लेकर खुद का वाइन और बियर शॉप का बिजनेस शुरू कर सकते हैं ।

इस बिजनेस में कमाई तो बहुत है लेकिन रिस्क इस बात का है की सामजिक कार्यकर्ता एवं जनता आपकी दुकान को कहीं और शिफ्ट करने या फिर बंद करने के लिए आवाज उठा सकते हैं ।

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कार एक्सेसरीज शॉप का बिजनेस

जैसे जैसे लोगों की डिस्पोजेबल इनकम बढती जा रही है सड़कों पर गाड़ियों की संख्या भी बढती जा रही है। ऐसे में यदि आप एक ऐसे शहर में रहते हैं जिसकी आबादी ३ लाख से ५ लाख के बीच है तो आप वहां पर खुद का कार एक्सेसरीज शॉप बिजनेस शुरू कर सकते हैं।

इसमें आप अपने ग्राहकों को कई तरह की कार एक्सेसरीज आइटम जैसे सीट कवर, फ्लोर मैट, जीपीएस इंडिकेटर, जम्पर केबल, सिक्यूरिटी अलार्म सिस्टम, पार्किंग सेंसर, पीछे का कैमरा, फ्रंट फोग लैंप, मोबाइल फ़ोन होल्डर, विंडशील्ड कवर, म्यूजिक सिस्टम इत्यादि बेच रहे होते हैं।

हालांकि इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने से पहले उद्यमी को जिस भी एरिया में वह यह बिजनेस शुरू कर रहा हो उस एरिया में ऐसे लोगों की जनसँख्या का एक अनुमान लगाना होगा जिनके पास खुद की कार हो। स्वाभाविक है की एक ऐसा एरिया जहाँ लोगों के पास कार ही न हो वहाँ पर कार एक्सेसरीज शॉप का बिजनेस करना नुकसानदेह हो सकता है।     

ऑटो पार्ट्स शॉप का बिजनेस

हालांकि यह बिजनेस ऐसा है जिसमें आपको अच्छा खासा पैसा निवेश करने की आवश्यकता हो सकती है। क्योंकि ऑटो पार्ट्स से हमारा आशय विभिन्न वाहनों में इस्तेमाल में लाये जाने वाले तरह के पार्ट्स से हैं, जिनके खराब होने पर इन्हें बदला जाता है, इनमें छोटे और बड़े सभी प्रकार के पार्ट शामिल हो सकते हैं।

कोई भी वाहन खराब होता है तो हो सकता है की उसका कोई कल पुर्जा खराब हो गया हो और अब उसे बदलने की आवश्यकता हो। लेकिन यह काम कराने तो लोग ऑटो पार्ट्स शॉप पर नहीं बल्कि मैकेनिक के पास जाते हैं ।

यदि आपकी गाड़ी खराब हो जाती है तो आप किसी वर्कशॉप में जाएँगे जहाँ पर कोई मैकेनिक आपकी गाड़ी का काम कर सके। आप किसी ऑटो पार्ट्स की दुकान में नहीं जाएँगे । इसलिए यदि आप खुद का ऑटो पार्ट्स शॉप का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो इसके लिए सबसे उपयुक्त लोकेशन वह है जहाँ पर गाड़ी, बाइक, ट्रक इत्यादि ठीक करने की कई वर्कशॉप उपलब्ध हैं।

क्योंकि जैसे ही गाड़ी वर्कशॉप में पहुँचती है वैसे ही मैकेनिक उसे चेक करता है और उसके बाद वह गाड़ी के स्वामी को उसमें जो भी उसका पार्ट खराब हो उसके बारे में बताता है, उसके बाद गाड़ी का स्वामी चाहे तो खुद पास की ऑटो वर्कशॉप में जाकर उस पार्ट को खरीदकर मैकेनिक को दे दे ।

मैकेनिक उसे गाड़ी पर लगाकर गाडी को ठीक कर देगा । लेकिन यदि मैकेनिक उसे पार्ट सहित पूरा खर्चा बता देता है तब भी मैकेनिक ने वह पार्ट नजदीकी ऑटो पार्ट्स शॉप से ही खरीदना है ।

इसलिए एक ऐसी जगह जहाँ पर गाड़ी ठीक करने वाली वर्कशॉप बहुत अधिक हों वहां पर इस तरह के बिजनेस की चलने की संभावना अधिक हो जाती है।

FAQ (प्रश्नोत्तर)

शॉप बिजनेस शुरू करने में कितना खर्चा आता है?

इस तरह के बिजनेस में आने वाला खर्चा इस बात पर निर्भर करता है की आपने कौन से शॉप बिजनेस को चुना है। जनरल स्टोर को तो मात्र ₹25000 तक के निवेश के साथ छोटे स्तर पर शुरू कर सकते हैं।

शॉप बिजनेस के लिए लाइसेंस लेना जरुरी होता है क्या?

इस तरह के व्यवसायों को छोटे स्तर पर शुरू करने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की अनिवार्यता नहीं होती है। लेकिन फिर भी यह बिजनेस के आकार और प्रकृति पर भी निर्भर करता है।

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