कुरकुरे बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? (प्रक्रिया, मशीनरी, खर्चा, मुनाफा)

भारत में कुरकुरे बनाने का व्यापार (Kurkure Making Business) कोई नया नहीं है । पहले लोग अपनी रसोई में ही कुरकुरे जैसे कई तरह के स्नैक्स का निर्माण कर लेते थे। लेकिन वर्तमान में मशीनों के अविष्कार होने के कारण अब औद्यौगिक रूप से इनका निर्माण होना शुरू हो गया है । और कई तरह की चिप्स के बाद बच्चों एवं सभी वर्ग के लोगों में जो स्नैक्स सबसे ज्यादा प्रचलित है, वह कुरकुरे ही है।

कुरकुरे बनाने के लिए कच्चे माल के तौर पर कई तरह की सामग्री जैसे मकई का आटा, चावल का आटा, बेसन, गेहूँ का आटा इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता है। औद्यौगिक रूप से स्नैक्स का निर्माण एक्सट्रूजन विधि का इस्तेमाल किया जाता है जो अब तक की सबसे प्रभावी और उन्नत तकनीक है।

अच्छी बात यह है की इस विधि से कुरकुरे का निर्माण करने में आपको निर्माण लागत बहुत ज्यादा नहीं आती है, यही कारण है की इतनी महंगाई में भी हम पांच रूपये का कुरकुरे का पैकेट बाज़ार से आसानी से खरीद सकते हैं। बच्चों के बीच तो तो कुरकुरे इस कदर प्रसिद्ध हैं की बच्चे इसे खाने की जिद पकड लेते हैं।

इसके अलावा हर आयु वर्ग के लोगों को इसका स्वाद बहुत अधिक पसंद आता है, यही कारण है लोग इसे कई तरह के कोल्ड ड्रिंक, चाय, कॉफ़ी इत्यादि पेय पदार्थों के साथ पीना भी पसंद करते हैं। ऐसे में यदि आप भी खुद का कुरकुरे बनाने का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। तो हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी हो सकता है, इसलिए इसे अंत तक जरुर पढ़ें।

Kurkure Making Business
Image: Kurkure Making Business

कुरकुरे के इस्तेमाल

आम तौर पर कुरकुरे बच्चों, किशोरों और युवाओं के बीच इसके चटपटे स्वाद के कारण काफी प्रसिद्ध है। यही कारण है की जब भी किसी व्यक्ति को मेहमाननवाजी में जाना होता है और उसे पता चलता है की जहाँ वह जा रहा है वहाँ छोटे बच्चे भी हैं, तो वह उनके लिए कुरकुरे ले जाना नहीं भूलता है।  

लोगों द्वारा आम तौर पर इस तरह के स्नैक्स का इस्तेमाल कई तरह के ड्रिंक के साथ और खाना खाने से पहले किया जाता है। यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की लोग इनका इस्तेमाल पेट भरने के लिए नहीं करते हैं, बल्कि खाना खाने से पहले खाने के बीच में लोगों को स्नैक्स खाना पसंद होता है।

भारत में बड़ी बड़ी कंपनियाँ जो कुरकुरे का निर्माण करती हैं, वे इनके विज्ञापनों के लिए ऐसे अभिनेता अभिनेत्रियों को हायर करती हैं, जिनकी बहुत ज्यादा फैन फॉलोइंग होती है। यही कारण है की कुरकुरे सिर्फ बच्चों, किशोरों और युवाओं के बीच ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यह अधेड़ों, बुजुर्गों के बीच भी काफी प्रसिद्ध है । ऐसे में कुरकुरे नामक इस स्नैक्स की माँग बाज़ारों में हमेशा विद्यमान रहती है।

कुरकुरे बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to start Kurkure Making Business in India):  

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की कुरकुरे बनाने का काम भारत में पहले से लोग रसोई के माध्यम से करते आए हैं। इसलिए यह बिजनेस यहाँ पर नया नहीं है, लेकिन वर्तमान में कुरकुरे का निर्माण औद्यौगिक तौर पर एक्स्ट्रूजन पद्यति से किया जाता है जो की अब तक की सबसे उन्नत एवं बढ़िया तकनीक है । तो आइये जानते हैं की खुद का कुरकुरे उद्योग स्थापित करने के लिए उद्यमी को क्या क्या कदम उठाने की आवश्यकता होती है ।

व्यापारिक योजना तैयार करें

कुरकुरे बनाने का उद्योग लगाने के लिए उद्यमी को एक व्यवहारिक व्यापारिक योजना बनाने की आवश्यकता हो सकती है। इसमें उद्यमी को मार्किट रिसर्च करके इस बिजनेस में प्रतिस्पर्धा और अवसरों के बारे में भी लिखना होता है। परियोजना को संचालित करने में इस्तेमाल होने वाली मशीनरी, उपकरणों, कच्चा माल, जमीन, बिल्डिंग, कर्मचारियों इत्यादि सहित पूरी लागत का आकलन करना भी लिखित रूप से होता है ।

व्यवसाय के लक्ष्यों और एक निश्चित समय के बाद उद्यमी अपने बिजनेस को कहाँ पर देखना चाहता है, इत्यादि का भी पूरा ब्यौरा उल्लेखित होना चाहिए। कहने का आशय यह है की एक व्यवहारिक और प्रभावी व्यापार योजना में मार्किट रिसर्च से लेकर बिजनेस के लक्ष्यों तक का पूरा ब्यौरा होता है। और इस दस्तावेज में उद्यमी को अपनी परियोजना को शुरू करने में आने वाली लागत और अनुमानित कमाई का भी पूरा ब्यौरा लिखित रूप में देना होता है।    

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बिजनेस के लिए फण्ड का प्रबंध करें  

किसी भी मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस को वास्तव स्वरूप प्रदान करने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है। एक व्यवहारिक और प्रभावी बिजनेस प्लान बनाकर आप दस्तावेज में तो अपने बिजनेस की रूप रेखा निर्धारित कर देते हैं। लेकिन उस योजना के हिसाब से उसे वास्तविक रूप देने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है।

यही कारण है की कुरकुरे बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी का अगला कदम पैसों का प्रबंध करने का होना चाहिए। उद्यमी चाहे तो अपनी बचत के पैसों से पैसों का प्रबंध कर सकता है, दोस्तों, रिश्तेदारों, पारिवारिक सदस्यों इत्यादि से अनौपचारिक कर्जा लेकर पैसों का प्रबंध कर सकता है।

वैसे आम तौर पर अधिकतर लोग जो कुछ बिजनेस करना चाहते हैं, वे बैंक या फिर गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों से लोन लेना पसंद करते हैं। इसके अलावा कुछ लोग एंजेल इन्वेस्टर, वेंचर कैप्टिलिस्ट, क्राउड फंडिंग इत्यादि माध्यमों से भी बिजनेस के लिए फंड का प्रबंध करते हैं।   

प्लांट के लिए जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करें

एक इंडस्ट्रियल सेटअप स्थापित करने के लिए उद्यमी को विनिर्माण एरिया के अलावा भी स्टोर या इन्वेंटरी रखने के लिए जगह, विद्युत् पैनल और उपकरणों को रखने के लिए जगह, एक छोटा सा ऑफिस स्थापित करने के लिए जगह चाहिए होती है । इस तरह से देखें तो इस बिजनेस को शुरू करने के लिए 1200-1500 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता होती है।

अच्छी बात यह है की यह जरुरी नहीं है की उद्यमी इस तरह का यह बिजनेस किसी महंगे इंडस्ट्रियल एरिया में या महंगी जगह में जमीन या बिल्डिंग किराये पर या फिर लीज पर लेकर शुरू करे। उद्यमी को एक शहर के १० – १५ किलोमीटर के रेडियस में जहाँ पर भी जगह या बिल्डिंग सस्ते दामों में किराये पर मिलती हो, उद्यमी वहीँ से इस बिजनेस को शुरू कर सकता है। इसमें हम बिल्डिंग का किराया प्रति महीने ₹25000 मान के चल रहे हैं। वास्तविक किराया उद्यमी द्वारा चयनित की गई जगह के आधार पर कुछ भी हो सकता है।     

जरुरी लाइसेंस प्राप्त करें

कुरकुरे बनाने का उद्योग स्थापित करने के लिए उद्यमी को कई तरह के लाइसेंस और पंजीकरण प्राप्त करने की आवश्यकता हो सकती है। इनमें से कुछ की लिस्ट इस प्रकार से है।  

उद्यमी को चाहिए की वह अपने बिजनेस को प्रोप्राइटरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म, वन पर्सन कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि में से किसी एक के तहत रजिस्टर करे।

  • व्यवसाय के नाम से पैन कार्ड बनाये और बैंक में चालू खाता खोलें।
  • व्यवसाय का जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराएँ।
  • स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करें।
  • अपने व्यवसाय को फैक्ट्री अधिनियम के तहत रजिस्टर कराएँ ।
  • खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण से फ़ूड लाइसेंस प्राप्त करें।
  • एमएसएमई योजनाओं का फायदा लेने के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन कराएँ।
  • फायर डिपार्टमेंट से एनओ सी प्राप्त करने की आवश्यकता हो सकती है ।
  • यदि उद्यमी उत्पादित कुरकुरे को अपने ब्रांड नाम के साथ बेचना चाहता है तो ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करें।

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मशीनरी और कच्चा माल खरीदें

कुरुकुरे बनाने में इस्तेमाल में लायी जाने वाली सभी प्रकार की सामग्री भारत में ही आसानी से मिल जाती है। लेकिन मशीनरी की खरीदारी करने से पहले उद्यमी को विभिन्न मशीनरी सप्लायर से कोटेशन अवश्य मँगवा लेना चाहिए। जब उद्यमी द्वारा विभिन्न कोटेशन मंगा ली जाती हैं तो उसके बाद उद्यमी को उनका तुलनात्मक रूप से विश्लेषण करके वेंडर के साथ नेगोशियेशन करने की भी आवश्यकता होती है । एक कुरकुरे उद्योग स्थापित करने के लिए उद्यमी को निम्नलिखित मशीनरी और उपकरणों की आवश्यकता हो सकती है।

  • आटे इत्यादि को मिलाने के लिए रिबन ब्लेंडर मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।
  • कुरकुरे बनाने के लिए extruder मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।
  • इलेक्ट्रिक बैच फ्रायर मशीन का इस्तेमाल कुरकुरे को फ्राई करने के लिए किया जाता है।
  • सीजनिंग टंबलर मशीन का इस्तेमाल बनाये गए कुरकुरों में नमक और मसाले इत्यादि मिलाने के लिए किया जाता है।
  • मेटल डिटेक्टर मशीन का इस्तेमाल खाद्य पदार्थों में धातुओं के टुकड़ों को पकड़ने के लिए किया जाता है।
  • कुरकुरे पैकिंग मशीन।
  • बेल्ट कन्वेयर और कुछ मटेरियल हैंडलिंग टूल की भी आवश्यकता हो सकती है।   

कुरकुरे बनाने के बिजनेस में इस्तेमाल में लाये जाने वाले कच्चे माल की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है ।

  • मकई का आटा
  • चावला का आटा
  • बेसन
  • नमक
  • वेजिटेबल आयल
  • अनियन पाउडर
  • हल्दी
  • अदरक पाउडर और काली मिर्च        

कर्मचारियों की नियुक्ति करें

कुरकुरे बनाने का उद्योग (Kurkure Making Business) शुरू करने के लिए उद्यमी को एक नहीं बल्कि कई कर्मचारियों को काम पर रखने की आवश्यकता हो सकती है।

  • दो मशीन ऑपरेटर की आवश्यकता हो सकती है ।
  • चार हेल्पर की आवश्यकता हो सकती है।
  • दो कुशल/अकुशल श्रमिकों को काम पर रखने की आवश्यकता होती है।
  • एक अकाउंटेंट और एक सेल्समेन रखने की आवश्यकता होती है ।  

इस तरह से देखें तो इस बिजनेस को शुरू करने के लिए उद्यमी को 9-10 कर्मचारियों को काम पर रखने की आवश्यकता हो सकती है ।

कुरकुरे निर्माण प्रक्रिया शुरू करें

अब जब उद्यमी द्वारा कुरकुरे बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए सभी प्रकार की प्रक्रियाएं पूर्ण कर दी जाती हैं, तो उसके बाद उद्यमी का अगला कदम कुरकुरे का निर्माण करने का होना चाहिए। उपर्युक्त बताई गई मशीन और कच्चे माल के माध्यम से कुरकुरे का निर्माण करना काफी आसान हो जाता है।

इसके अलावा मशीनरी और उपकरणों के विक्रेता भी इस प्रक्रिया पर आपको या फिर आपके किसी कर्मचारी को फ्री का प्रशिक्षण प्रदान कर सकते हैं। यद्यपि यदि उद्यमी किसी अनुभवी मशीन ऑपरेटर को काम पर रखता है, तो उन्हें इस प्रक्रिया की जानकारी अच्छे से होती है।   

कुरकुरे कैसे बनाये जाते हैं?

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की उपर्युक्त बताई गई मशीनरी और कच्चे माल से कुरकुरे बनाने की प्रक्रिया बहुत ही आसान होती है। लेकिन फिर भी हम यहाँ पर कुरकुरे बनाने की संक्षिप्त विधि का वर्णन कर रहे हैं।  

  • सबसे पहले कुरकुरे बनाने के लिए कच्चे माल को स्थानीय मार्किट या फिर सप्लायर से खरीद लिया जाता है।
  • उसके बाद विभिन्न सामग्री को एक निश्चित अनुपात में लेकर रिबन ब्लेंडर मशीन की मदद से अच्छी तरह से मिलाकर इसमें पानी मिलाकर गूँथ लिया जाता है। इस मिश्रण में 14-16% तक नमी पर्याप्त होती है।
  • जब मिश्रण की प्रॉपर ब्लेंडिंग कर ली जाती है तो उसके बाद यह सामग्री लसलसी या चिपचिपी हो जाती है, उसके बाद इसे एक्स्ट्रूजन मशीन में भेजा जाता है। उसके बाद यह मशीन भी इस मिश्रण को अच्छी तरह मिलाने का काम करती है, और इसी मशीन द्वारा कुरकुरे का निर्माण भी किया जाता है।
  • जब एक्स्ट्रूजन मशीन द्वारा कुरकुरे का निर्माण कर लिया जाता है, तो उसके बाद इन कुरकुरे को इलेक्ट्रिक बैच फ्रायर मशीन की मदद से फ्राई किया जाता है।
  • फ्राई करने के बाद इन्हें और अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए इनमें सीजनिंग टंबलर मशीन की मदद से मसाले, नमक, मिर्च इत्यादि को बढ़िया से मिलाया जाता है।
  • यह काम करने के बाद इन कुरकुरे में कोई धातु इत्यादि का टुकड़ा तो नहीं शामिल है का पता करने के मेटल डिटेक्शन मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। और अंत में पैकिंग मशीन की मदद से इन्हें पैक कर दिया जाता है।       

 कुरकुरे बनाने का बिजनेस में आने वाला खर्चा

कुरकुरे बनाने का बिजनेस शुरू करने में आने वाला खर्चा भी उद्योग की उत्पादन क्षमता के आधार पर अलग लग हो सकता है। लेकिन एक औसतन कुरकुरे का उद्योग लगाने के लिए उद्यमी को निम्नलिखित मदों पर खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है ।

  • उपर्युक्त बताई गई मशीनों पर उद्यमी को लगभग ₹19 लाख का खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है।
  • 25000 रूपये प्रति महिना किराया के हिसाब से उद्यमी को तीन महीने के किराये के तौर पर ₹75000 खर्चा करना पड़ सकता है।
  • फर्नीचर और फिक्सिंग पर ₹1.5 लाख का खर्चा आ सकता है।
  • बाकी अन्य चीजों जैसे कच्चा माल खरीदने, सैलरी देने और अन्य उपभोज्य वस्तुओं को खरीदने में उद्यमी को लगभग ₹7 लाख खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है।   

आप आप आसानी से गणना कर सकते हैं की एक औसतन स्तर कर कुरकुरे बनाने का उद्योग लगाने में उद्यमी को लगभग ₹28.25 लाख खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है।

कुरकुरे बनाने के बिजनेस में मुनाफा कितना होगा

हालांकि कुरकुरे बनाने के बिजनेस से होने वाला मुनाफा कई कारकों पर निर्भर करता है। लेकिन एक आंकड़े की माने तो इस तरह के बिजनेस से उत्पादन शुरू होने के पहले ही साल में उद्यमी ₹6 लाख तक का शुद्ध मुनाफा कमा सकता है। बशर्ते वह अपनी फैक्ट्री द्वारा उत्पादित सभी कुरकुरों को बेचने में सफलता हासिल कर ले।      

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