कैटरिंग बिजनेस कैसे शुरू करें। Catering Business Plan in Hindi.

Catering Business in India : जब बात कभी कुटीर उद्योग अर्थात छोटे बिजनेस शुरू करने की आती है तो उसमें कैटरिंग का नाम आना स्वभाविक है । इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना आसान इसलिए भी हो जाता है क्योंकि भारत की हर रसोई में कोई न कोई स्वादिष्ट खाना बनता रहता है।

इसलिए चूँकि यह भी खाने से जुड़ा हुआ बिजनेस है इसलिए यदि एक ऐसी गृहिणी जो बेहद स्वादिष्ट खाना बनाती हो इस तरह का बिजनेस कुटीर उद्योग के तौर पर शुरू करती है तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह बिजनेस सफल हो सकता है।

वर्तमान में विभिन्न संस्थान, कम्पनियां इत्यादि अपने कर्मचारियों को ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर इत्यादि की सुविधाएँ देते हैं इसलिए उद्यमी चाहे तो इस तरह के संस्थानों में खाना पहुँचाके अपनी कमाई कर सकता है। इन सबके अलावा यह बिजनेस करने वाला उद्यमी विभिन्न आयोजनों जैसे शादी, जन्मदिन, सालगिरह इत्यादि की पार्टियों में भी कैटरिंग सर्विस देकर कमाई कर सकता है।

कहने का अभिप्राय यह है की यदि आप खाना बनाने में माहिर हैं और आपको लगता है की आपके द्वारा बनाया गया खाना लोगों को काफी पसंद आ सकता है तो आप चाहे गृहिणी हों, या फिर कोई व्यवसायिक रसोइये इस बिजनेस को आसानी से शुरू कर सकते हैं।

विभिन्न फैक्ट्रीयों कम्पनियों में काम करने वाले ऐसे लोग भी हैं जो स्वयं के खर्चे पर अपना टिफिन किसी ऐसी जगह से लगाना पसंद करते हैं जो घर जैसे खाने की फैसिलिटी मुहैया कराते हों।

यदि उद्यमी को बेहतरीन एवं स्वादिष्ट खाना बनाना आता है या फिर वह किसी ऐसे रसोइये की नियुक्ति करता है जिसका बनाया हुआ खाना पसंद किया जाय तो इस बिजनेस में उद्यमी के असफल होने की संभावना बेहद कम है। इससे पहले की हम इस विषय पर और विस्तृत तौर पर वार्तलाप करें आइये जानते हैं की यह बिजनेस होता क्या है।

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कैटरिंग बिजनेस क्या है (What is Catering Business): 

आम तौर पर इस बिजनेस से आप अच्छी तरह से अवगत होंगे लेकिन यदि हम इसका अर्थ समझने की कोशिश करेंगे तो हम पाएंगे की कैटरिंग एक ऐसा बिजनेस है जिसके तहत विभिन्न स्थानों या संस्थानों जैसे होटल, हॉस्पिटल, पब, एयरक्राफ्ट, क्रूज, पार्क फिल्म शूटिंग साईट, शादी, जन्मदिन, सालगिरह इत्यादि जैसे अवसरों पर फूड सर्विस प्रदान की जाती है।

यही कारण है की वर्तमान में यह सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में एक लाभकारी बिजनेस के तौर पर जाना जाता है।     

कैटरिंग बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start a Catering Business in India in Hindi):  

कैटरिंग के बिजनेस को दो तरीकों से शुरू किया जा सकता है पहला तो यह है की उद्यमी शुरूआती दौर में कुटीर उद्योग के तौर पर इस बिजनेस को घर से ही शुरू कर सकता है। हाँ इसके लिए उद्यमी को स्थानीय शाषन से कुछ परमिशन इत्यादि की आवश्यकता अवश्य हो सकती है। दुसरे तरीके में उद्यमी कहीं बाहर खाना बनाने की जगह इत्यादि किराये पर लेकर इस तरह का बिजनेस कर सकता है।

लेकिन दुसरे वाले तरीके में पहले वाले तरीके की तुलना में अधिक खर्चा आ सकता है। इसलिए हम यहाँ पर छोटे स्तर पर जिसमें उद्यमी को खाना बनाने के लिए जगह तक किराये पर लेने की आवश्यकता नहीं होगी उसके बारे में बताने का प्रयत्न करेंगे।

1. बिजनेस की योजना बना लें (Make Business Plan for Catering Business):

सबसे पहले उद्यमी को अपने बिजनेस की पूरी योजना तैयार कर लेनी चाहिए इसमें यह भी शामिल होना चाहिए की वह किस तरह का कैटरिंग बिजनेस शुरू करना चाहता है। कहने का आशय यह है की उद्यमी को तय करना होगा की वह अपनी कैटरिंग सर्विस कहाँ कहाँ और किस प्रकार के ग्राहकों को देना चाहता है।

क्योंकि जैसे यदि उद्यमी अपनी सर्विस कॉर्पोरेट इत्यादि में देना चाहता है तो उसे बहुत अधिक व्यवसायिक बनने की आवश्यकता होगी और इन्वेंटरी एवं निवेश की भी अधिक आवश्यकता होगी ।

और यदि शुराती दौर में उद्यमी केवल व्यक्तिगत ग्राहकों को अपनी सर्विस देने की सोच रहा है तो वह इस बिजनेस को कम निवेश एवं कम इन्वेंटरी के साथ भी आसानी से शुरू कर पाने में सफल हो पायेगा। इसलिए कैटरिंग बिजनेस करने वाले उद्यमी को सर्वप्रथम अपने बिजनेस की योजना बना लेनी चाहिए ताकि उसी आधार पर वह आगे की कार्यवाहियों को भी आगे बढाते रहे। 

2. लिस्ट बना लें की क्या इन्वेंटरी चाहिए:

हालांकि उद्यमी को मिलने वाले आर्डर के आधार पर इस्तेमाल में लायी जाने वाली इन्वेंटरी की लिस्ट अलग अलग हो सकती है। जैसे यदि उद्यमी को कोई बड़ा आयोजन का आर्डर मिला है तो इन्वेंटरी की लिस्ट अलग एवं छोटे आयोजन में इन्वेंटरी की लिस्ट लग अलग हो सकती है।

इसलिए यह जरुरी नहीं है की उद्यमी हर तरह की इन्वेंटरी खुद ख़रीदे बल्कि आकस्मिक या कभी कभी मिलने वाले आर्डर के लिए उद्यमी इन्वेंटरी को किराये पर ले सकता है।

या फिर आयोजनकर्ता से केवल खाना बनाने की डील कर सकता है न की इन्वेंटरी इत्यादि उपलब्ध कराने की। लेकिन जब बात नियमित ग्राहकों की आती है तो इस स्थिति में उद्यमी को इन्वेंटरी खरीदनी ही होगी मान लीजिये की आपने हर रोज 20 व्यक्तियों को ब्रेकफास्ट, लंच एवं डिनर पहुँचाना है तो इसके लिए आपको प्लेट्स, ड्रम, टिफ़िन, बैन मैरी, चूल्हा, सिलिंडर, पतीले इत्यादि इन्वेंटरी की आवश्यकता हो सकती है।

इसलिए अपने बिजनेस के प्रकार के हिसाब से लिस्ट बना लें की आपको इस बिजनेस को शुरू करने के लिए क्या क्या इन्वेंटरी चाहिए।     

3. टारगेट मार्किट का चुनाव करें ( Select Target Market for Catering Business):

उद्यमी का अब अगला कदम अपनी टारगेट मार्किट का चुनाव करने का होना चाहिए वह इसलिए क्योंकि शुरूआती दौर में यदि उद्यमी बेहद कम निवेश के साथ शुरू कर रहा हो। तो उसकी इतनी क्षमता नहीं होगी की वह किसी ऐसे शादी समारोह में कैटरिंग का आर्डर ले पाए जिसमें 100 या इससे अधिक मेहमान आने वाले हों।

इसलिए बेहतर तो यही होगा की शुरूआती दौर में उद्यमी को आकस्मिक या कभी कभी मिलने वाले बड़े आर्डर की तुलना में नियमित आर्डर पर ध्यान देना चाहिए। जैसे यदि किसी संस्थान में दस कर्मचारियों को रोज खाना देना हो तो यह काम शुरूआती तौर पर उद्यमी के लिए व्यवहारिक होगा। जिसे उद्यमी आसानी से निभा पायेगा। इसलिए टारगेट मार्किट का चुनाव करना भी बेहद जरुरी है।      

4. प्रतिस्पर्धी मेनू तैयार कीजिये (Prepare Menu for Catering Business):

कभी कभी होने वाले आयोजनों के लिए तो अपने बजट के अनुसार ग्राहक ही मेनू फाइनल करते हैं जैसे यदि किसी शादी समारोह में कैटरिंग का काम आप लेते हैं। तो यह उस शादी समारोह के आयोजनकर्ता पर निर्भर करता है की वह इस आयोजन में कौन कौन से पकवानों को आयोजन का हिस्सा बनाना चाहता है।

लेकिन जब बात नियमित ग्राहकों की हो रही हो तो उनकी एक कैटरिंग कंपनी से यही अपेक्षा रहती है की उन्हें उचित दामों में अपने कर्मचारियों या व्यक्तियों के लिए अच्छा खाना मिल जाय। इसलिए ध्यान रहे जब भी आप किसी ऐसी मीटिंग में जा रहे हों जहाँ से आपको नियमित ग्राहक मिलने की उम्मीद हो उनके सामने प्रतिस्पर्धी रेट ही लेकर जाएँ अन्यथा वे आपके बढे हुए रेट देखकर आप के बिजनेस में कोई रूचि नहीं रखेंगे।    

5. सप्लायर एवं विक्रेताओं से संपर्क करें:

ग्राहक एक कैटरिंग का व्यापार करने वाले उद्यमी से अपेक्षा रखते हैं की वह शीशे के बर्तन से लेकर सभी प्रकार के लिनन इत्यादि प्रदान करे। कभी कभी तो यह अपेक्षा कुर्सी, मेज, टेंट तक भी पहुँच जाती है। इसलिए उद्यमी के लिए यह सब कुछ खरीदना तो संभव होगा नहीं और अगर संभव हो भी तो तब भी यह खरीदना बिजनेस की दृष्टि से लाभकारी नहीं होगा।

इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह उस एरिया में स्थित टेंट प्रदान करने वाले एवं अन्य इससे जुड़ा सामान प्रदान करने वाले लोगों से टाई अप करे। ताकि जरुरत पड़ने पर उन्हें सामान उचित किराये पर मिल सके।     

6. स्थानीय नियमों के मुताबिक लाइसेंस इत्यादि प्राप्त करें:

यद्यपि भारत के किसी भी कोने में इस बिजनेस को कुटीर उद्योग के तौर पर आसानी से शुरू किया जा सकता है। लेकिन इन सबके बावजूद भी उद्यमी को सोसाइटी एवं स्थानीय नियमों का विशेष ध्यान रखना होगा। और उद्यमी को FSSAI License की भी आवश्यकता हो सकती है जिसे उद्यमी चाहे तो इसकी अधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आसानी से बना सकता है।

यदि उद्यमी का टर्नओवर सालाना बारह लाख से कम है तो इस लाइसेंस को 120-150 रूपये  शुल्क का भुगतान करके ऑनलाइन आसानी से बनाया जा सकता है।    

7. अपने ग्राहकों तक पहुँचे एवं कमाई करें:     

चाहे आप कितना भी अच्छा खाना बनाते हों लेकिन जब तक लोगों को इस बारे में पता ही नहीं चलेगा तो भला कोई कैसे आपके कैटरिंग की सर्विस लेगा। और ये कोई ग्राहक सर्विस ही नहीं लेगा तो भला उद्यमी की कमाई कैसे होगी। इसलिए सारे कार्य पूर्ण कर लेने के बाद अपने बिजनेस को लोगों तक पहुँचाने के लिए मार्केटिंग प्लान तैयार कीजिये।

अपने बिजनेस को सोशल मीडिया जैसे फ्री प्लेटफोर्म पर प्रमोट कीजिये। और अगर हो सके तो अपनी ऑनलाइन उपस्थिति बनाने के लिए एक वेबसाइट बनाइये इसमें एक साल के लिए 7-10 हजार तक का खर्चा आ सकता है।

Catering Business से कमाई करने के लिए केवल मार्केटिंग ही नहीं अपितु उच्च गुणवत्तायुक्त भोजन भी अति आवश्यक है ताकि आपके मौजूदा ग्राहक ही आपके मार्केटिंग टीम के तौर पर कार्यरत हो जाएँ। वह इसलिए क्योंकि वह अपने सगे सम्बन्धियों से अच्छे खाने की तारीफ किये बिना रह नहीं पाएंगे।

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