किशमिश बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें। Kishmish Making Business Plan in Hindi

क्या आप किशमिश बनाने (Kismish Making Process) को जानते हैं? इससे तो आप अच्छी तरह से वाकिफ होंगे जी हाँ इसे यदि आप खायेंगे तो यह मीठा स्वादिष्ट होता है। लेकिन जैसे ही यह किसी पसंदीदा रेसिपी में पड़ता है तो उसका स्वाद दुगुना कर देता है। कहने का आशय यह है की इसे आप चाहें तो बिना किसी के साथ मिलाये भी खा सकते हैं, किसी रेसिपी में मिलाकर भी खा सकते हैं और विभिन्न फलों के साथ मिलाकर भी खा सकते हैं।

इसका इस्तेमाल वर्तमान में काफी ज्यादा बढ़ गए हैं क्योंकि जहाँ पहले इसका इस्तेमाल कई तरह के पारम्परिक व्यंजनों जैसे हलवा, पुलाव, खीर इत्यादि में किया जाता था। वर्तमान में कई तरह की मिठाई और अन्य नमकीन व्यंजनों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। चूँकि यह बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, इसलिए इसका इस्तेमाल दूध और दूध से जुड़े अन्य उत्पादों के साथ भी किया जाता है ।

बेकरी उद्योग किशमिश का एक बहुत बड़ा ग्राहक है क्योंकि ब्रब्रेड, मफिन, कुकीज, केक, पाई, टार्ट और पुडिंग इत्यादि में इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह कब्ज, हृदय रोग, मधुमेह, पेट के कैंसर और मोटापा जैसी व्याधियों को भी दूर रखने में मददगार साबित होता है । किशमिश का इस्तेमाल सिर्फ बेकरी उत्पादों में ही नहीं बल्कि कई तरह के अन्य व्यंजनों को बनाने में भी किया जाता है। और कहीं कहीं पर चीनी की जगह किशमिश का इस्तेमाल किया जाता है।

ऐसे में यदि आप किसी ऐसे उत्पाद को बनाने का बिजनेस शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, जिसकी बाज़ार में माँग बहुत अधिक है, तो आप किशमिश बनाने के बिजनेस को शुरू करने पर विचार कर सकते हैं।

kishmish making business
Kishmish Banane Ka business

किशमिश के लिए बाज़ार  

यह एक ऐसा उत्पाद है जिसके लिए पहले से स्थापित बाज़ार उपलब्ध है । लेकिन चूँकि किशमिश बनाने का यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से अंगूर की उपलब्धता पर निर्भर करता है। और चूँकि अंगूर का अत्यधिक उत्पादन भारत में मौसमी होता है, इसलिए इसी बात को ध्यान में रखकर इस तरह का यह प्रोजेक्ट जुलाई और सितम्बर महीनों के बीच शुरू करने की सलाह दी जाती है।

लेकिन ऐसा भी नहीं है की भारत में सिर्फ मौसमी अंगूरों का ही उत्पादन होता है, बल्कि भारत में अंगूरों की ऐसी भी प्रजाति है जिनका उत्पादन वर्ष भर किया जा सकता है। इसलिए इस तरह के अंगूरों का मूल्यवर्धन करके भी उद्यमी अच्छा लाभ कमा सकता है। किशमिश के मुख्य ग्राहक के तौर पर व्यक्तिगत व्यक्ति, ड्राई फ्रूट बेचने वाले विक्रेता, बेकरी, मिठाई की दुकानें और दवा उद्योग हैं।

एक बार जब उद्यमी घरेलू बाज़ार में अपने बिजनेस को अच्छी तरह से स्थापित कर लेता है तो उसके बाद वह विदेशी बाजारों में अपनी किशमिश को बेचने के लिए इनका निर्यात भी कर सकता है। यद्यपि निर्यात करने के लिए उद्यमी को अपने उत्पाद का निर्माण अंतराष्ट्रीय गुणवत्ता मानको का अनुसरण करके करना होता है।

किशमिश बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to start Kishmish Making Business In India)           

क्या आप किसी ऐसे क्षेत्र से आते हैं जहाँ पर अंगूरों का उत्पादन अच्छा होता है। तो वहां पर आप खुद का किशमिश बनाने का व्यापार शुरू कर सकते हैं। किशमिश को सभी वर्गों के लोग अच्छी तरह से जानते हैं और कई तरह पौष्टिक आहार और मिठाई बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा यदि उद्यमी किशमिश का उत्पादन अंतराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को ध्यान में रखकर करता है तो इस उत्पाद के विदेशी बाजारों में भी बिकने की संभावना है।

यद्यपि किशमिश बनाने का बिजनेस करने वाले उद्यमी को शुरूआती दौर में घरेलू बाज़ार में ही अपने व्यापार की साख बनानी होगी। उसके बाद वह इसका निर्यात करने पर भी विचार कर सकता है। तो आइये जानते हैं कोई इच्छुक उद्यमी कैसे इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर सकता है।

जगह का प्रबंध करें

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की एक ऐसी लोकेशन जहाँ पर अंगूरों का उत्पादन अधिक होता हो वहां पर इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना काफी लाभकारी हो सकता है। इस व्यवसाय को शुरू करने में आवश्यक जगह कितनी चाहिए वह इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी अपने बिजनेस का आकार क्या रखना चाहता है। यदि वह एक औसतन प्लांट भी शुरू करना चाहता है तो उसे 750 से 1200 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता हो सकती है ।

क्योंकि इसी परिसर में उद्यमी को विनिर्माण क्षेत्र के अलावा स्टोर रूम और एक छोटा सा ऑफिस बनाने के लिए भी जगह की आवश्यकता होती है । यह जरुरी नहीं है की आप किसी भीड़ भाड़ वाली जगह में ही इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए जगह या बिल्डिंग का प्रबंध करें। बल्कि आप स्थानीय बाज़ार के १० से १५ किलोमीटर के रेडियस में कहीं भी जहाँ सस्ती जगह मिले वहाँ पर इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर सकते हैं।    

जरुरी लाइसेंस रजिस्ट्रेशन प्राप्त करें

किशमिश बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को कई तरह के लाइसेंस और पंजीकरणों की आवश्यकता हो सकती है, इनमें से कुछ की लिस्ट निम्न है।

  • आप अपने बिजनेस को प्रोप्राइटरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म, वन पर्सन कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि में से किसी एक के तहत रजिस्टर करा सकते हैं।
  • टैक्स रजिस्ट्रेशन के तौर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
  • अपने व्यवसाय के नाम से बैंक में चालू खाता और पैन कार्ड बना सकते हैं।
  • स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं।
  • अपने व्यवसाय को सूक्ष्म लघु, मध्यम उद्यम के तौर पर पहचान दिलाने के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
  • यदि आप उत्पादित किशमिश को अपने ब्रांड नाम के तहत बेचना चाहते हैं तो आपको ब्रांड नाम की सुरक्षा के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता होती है।
  • इसके अलावा यदि उद्यमी अपने उत्पाद को बाहर देशों के बाज़ारों में निर्यात करना चाहता है तो उसे इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड की भी आवश्यकता होती है।
  • फ़ूड लाइसेंस की भी आवश्यकता होती है।        

मशीनरी और कच्चा माल खरीदें

मशीनरी भी उद्यमी के बिजनेस के आकार पर अंतरित हो सकती है, लेकिन एक औसतन प्लांट लगाने के लिए निम्नलिखित मशीनरी और उपकरणों की आवश्यकता होती है।

  • फ्रूट वॉशर और ड्रायर मशीन जिसकी कीमत ₹5 लाख तक हो सकती है।
  • सोर्टिंग और ग्रेडिंग मशीन इसकी कीमत ₹3 लाख तक हो सकती है।
  • पैकेजिंग मशीन जिसकी कीमत ₹2 लाख तक हो सकती है।
  • मापक स्केल जिसकी कीमत ₹30 हज़ार तक हो सकती है।
  • सामग्री को हैंडल करने वाले उपकरण जैसे क्रेट और सीलिंग मशीन जिनकी कीमत ₹50 हज़ार तक हो सकती है।
  • अन्य हैण्ड टूल्स जिनकी कीमत ₹30 हज़ार तक हो सकती है ।

किशमिश बनाने में कच्चे माल के तौर पर अंगूरों का इस्तेमाल किया जाता है, इसके अलावा किशमिश को पैकिंग करने के लिए फ़ूड ग्रेड कार्डबोर्ड बॉक्स इत्यादि की आवश्यकता होती है।

कर्मचारियों की नियुक्ति करें

इस बिजनेस को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उद्यमी को कर्मचारियों की नियुक्ति करने की आवश्यकता होती है। इसमें उद्यमी को दो कुशल कर्मचारी ३ अकुशल कर्मचारी एक सुपरवाईजर १ ऑफिस कम अकाउंटेंट की आवश्यकता हो सकती है। इस प्रकार से देखें तो उद्यमी को लगभग ७ से ८ कर्मचारियों को नियुक्त करने की आवश्यकता होती है ।  

किशमिश बनाने की प्रक्रिया शुरू करें

किशमिश बनाने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है, यदि आप इससे अवगत नहीं हैं तो जहाँ से आप मशीनरी और उपकरण खरीद रहे हैं उस विक्रेता से इसका प्रशिक्षण भी प्राप्त कर सकते हैं । उद्यमी द्वारा अंगूरों को खरीदकर ट्रे में रखकर दो से चार हफ़्तों तक सुखाने के लिए रख दिया जाता है।

इस प्रक्रिया के दौरान अंगूरों में से नमी की मात्रा ७५% से कम होकर केवल १५% हो जाती है और अंगूरों का रंग हल्का बैंगनी हो जाता है ।  जब यह फल सूख जाते हैं तो ट्रे को रोल कर दिया जाता है और उसके बाद इन्हें बॉक्स में स्टोर कर दिया जाता है। उसके बाद इन्हें मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में ले जाया जाता है और इनसे धुल इत्यादि अवांछित पदार्थों को दूर कर दिया जाता है।

उसके बाद इन्हें फिर से एक छलनी से पास कराया जाता है जहाँ पर इन फलों में से अवयस्क फलों को अलग कर दिया जाता है। यदि किसी में कोई बीज बच जाता है तो उसे मैकेनिकली हटा दिया जाता है। जब यह सब प्रक्रियाएं पूर्ण हो जाती है तो उसके बाद अलग अलग छलनी से इन्हें गुजारा जाता है। और अलग अलग किशमिश की सोर्टिंग और ग्रेडिंग की जाती है। पैक करने से पहले इनकी गुणवत्ता को लैब में चेक किया जाता है।

किशमिश बनाने के व्यापार में आने वाली लागत

किशमिश बनाने (Kishmish Manufacturing ) का एक औसतन प्लांट शुरू करने के लिए आपको लगभग ₹25 लाख से ₹30 लाख तक खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है । जिसमें यदि पहले साल में आप ₹45 लाख की बिक्री कर पाने में सफल हो जाते हैं तो आप इस पर सभी खर्चे निकालकर लगभग ₹5.5 लाख का मुनाफा कमा सकते हैं। उसके बाद प्रतिवर्ष आपका यह मुनाफा बढ़ता रहता है। यद्यपि यह एक अनुमानित आंकड़ा है, वास्तविक आंकड़े उद्यमी की रणनीति, क्षमता, समय स्थिति के आधार पर अलग हो सकते हैं।  

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