पान मसाला का होलसेल बिजनेस कैसे करें | Gutkha Pan Masala Wholesale Business in Hindi.

क्या आप सच में गुटखा और पान मसाला का व्यापार (Gutkha Pan Masala Business) शुरू करना चाहते हैं। या फिर आप इस बिजनेस के बारे में सिर्फ जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं? आप इन दोनों में से जो भी चाहते हों, हमारे द्वार दी जाने वाली जानकारी आपके इन दोनों उद्देश्यों की पूर्ति कर सकती है

हालांकि गुटखे और पान मसाले पर भी साफ़ एवं स्पष्ट शब्दों में वैधानिक चेतावनी लिखी होती है, स्वास्थ्य की दृष्टी से इनका सेवन इतना खतरनाक होता है । की इनके सेवन से कैंसर जैसा प्राणघातक रोग भी हो सकता है। लेकिन क्या इस वैधानिक चेतवानी के बावजूद भी लोगों ने इनका सेवन कम कर दिया है।

जी नहीं वर्तमान में किशोर, युवा, अधेड़, बुजुर्ग सभी को इसकी ऐसी लत लगी हुई है की उनके लाख चाहने के बावजूद उनसे यह लत छुटती नहीं है। इसलिए हो सकता है की यदि आप एक मानव हितैषी के रूप में अपने आपको देखते हैं और आपका दिल जल्दी से द्रवित हो जाता है, तो हो सकता है आपको आपका दिल इस तरह के इस बिजनेस को करने की गवाही न दे ।

लेकिन इस बिजनेस (Gutkha Pan Masala Business) में आपके प्रविष्ट न होने से क्या समाज में कोई बदलाव आ जाएगा? क्या वे लोग इसका सेवन बंद कर देंगे जिन्हें इनकी लत लगी हुई है? या फिर वे फैक्ट्रीयां कंपनियाँ इनका उत्पादन बंद कर देंगी जो बड़े बड़े अभिनेताओं को खरीदकर इनका विज्ञापन देने के लिए मना देती हैं।

जी नहीं ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला सच्चाई यह है की गुटखा और पान मसाले से होने वाले स्वास्थ्य नुकसानों के बारे में सभी अच्छी तरह जानते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इनका सेवन करते हैं। इसलिए वर्तमान में कमाई की दृष्टी से इस तरह का यह बिजनेस करना काफी फायदेमंद माना जाता है। 

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पान मसाले का बिजनेस शुरू करना फायदेमंद क्यों है?

भारत में पान मसाले और गुटखे के उपभोक्ता लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यद्यपि यह सब जानते हैं की इनका सेवन किसी भी व्यक्ति के लिए प्राणघातक हो सकता है, लेकिन इसके बावजूद इनके सेवन करने वालों की संख्या बढती जा रही है। वर्तमान में बड़े बड़े अभिनेताओं को पान मसालों का विज्ञापन करते हुए देखा जा सकता है, जिससे हमारे किशोर एवं युवा पीढ़ी जल्दी से इसकी ओर प्रभावित होते हैं।

पान मसाला बनाने वाली कंपनियाँ ऐसे लोगों को अपने उत्पादों का विज्ञापन करने के लिए कहती हैं, जिनका समाज में अच्छा नाम है जिन्हें करोड़ों लोग फॉलो करते हैं। ऐसे में जब वे अपने चहेते अभिनेताओं या अन्य किसी व्यक्ति को उनका विज्ञापन करते हुए देखते हैं तो वे भी उस उत्पाद की ओर जल्दी से आकर्षित हो जाते हैं।

कहने का आशय यह है की इस तरह का यह बिजनेस (Pan Masala Wholesale Business) शुरू करने के लिए आपको अपने व्यवसाय की मार्केटिंग की आवश्यकता नहीं होती। क्योंकि मार्केटिंग की जिम्मेदारी गुटखा एवं पान मसाला बनाने वाली कंपनियों ने खुद संभाली हुई है।

इसमें एक बार और स्पष्ट कर देना जरुरी है की जिस किशोर, युवा, अधेड़, बुजुर्ग इत्यादि को एक बार पान मसाला या गुटखा खाने की आदत लग गई। उसके बाद उसके लिए उस आदत को छोड़ना बड़ा मुश्किल हो जाता है, जिसका मतलब यह है की जो एक बार इनका ग्राहक बन गया तो वह काफी लम्बे समय तक ग्राहक बना रहेगा।

यही कारण है की आज इस तरह के व्यवसायों को सबसे प्रॉफिट वाले व्यवसायों की लिस्ट में गिना जाता है। इस तरह के व्यवसाय में अन्य व्यवसायों की तुलना में जोखिम कम है। लेकिन इस व्यवसाय में एक बहुत बड़ा जोखिम है जिसका जिक्र हम इस लेख के अंत में करेंगे।               

गुटखा और पान मसाले का होलसेल बिजनेस कैसे शुरू करें (Wholesale Business Plan of Gutkha & Pan Masala)

 वैसे तो देखा जाय तो पान मसाले और गुटखे का होलसेल बिजनेस शुरू करना भी किसी दुकान खोलने जैसा ही है। इसमें भी आपको उन सभी प्रक्रियाओं से होकर गुजरने की आवश्यकता होती है, जिनसे किसी अन्य तरह के बिजनेस को शुरू करने के लिए गुजरना पड़ता है।

प्रसिद्ध मार्किट में दुकान ढूंढें

बात सिर्फ गुटखा और पान मसाले की ही नहीं है, बल्कि आप किसी भी उत्पाद या वस्तु का होलसेल बिजनेस क्यों न करना चाहते हों, उसके लिए आपको दुकान और गोदाम किसी स्थापित मार्किट में ढूंढनी होगी । जी हाँ हम अच्छी तरह जानते हैं की किसी स्थापित मार्किट में दुकान का किराया महंगा होगा।

लेकिन यदि आप होलसेल बिजनेस शुरू करने के मैदान में आए हैं तो इसका मतलब यह है की आपके पास निवेश करने के लिए पैसे उपलब्ध हैं तभी तो आए होंगे।

स्थापित मार्किट में दुकान लेना इसलिए जरुरी है क्योंकि कोई रिटेल विक्रेता जब अपनी दुकान के लिए सामान खरीदने आएगा, तो वह किसी स्थापित मार्किट में ही आएगा। यदि आप अपने गुटखा एवं पान मसाले की दुकान और गोदाम कहीं अलग ही स्थापित मार्किट से दूर खोलकर बैठ जाएँगे, तो वहां पर उनके आने की संभावना कम हो जाती है ।

इसलिए इस बिजनेस के लिए आपको पहले से स्थापित मार्किट में ही दुकान देखनी होती है। जहाँ पर आप दुकान देख रहे हैं उसके नज़दीक ही आपको एक गोदाम भी देखने की आवश्यकता होती है। ताकि दुकान में माल कम पड़ने की स्थिति में आप गोदाम से जल्दी से माल मँगाने में सफल हो पायें।

यदि आप सिर्फ पान मसाला, गुटखे, बीड़ी सिगरेट इत्यादि को ही अपनी दुकान का हिस्सा बना रहे हैं, तो आपको इनकी दुकान के लिए बहुत अधिक जगह की आवश्यकता नहीं होती, यहाँ तक की मुख्य बाज़ार में 70 वर्गफीट जगह भी आपकी दुकान के लिए उपयुक्त होती है। लेकिन उसके नज़दीक आपके गोदाम का होना आवश्यक है।         

गुटखा और पान मसाले के डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क करें

आप खुद इसका थोक बिजनेस शुरू कर रहे हैं, तो सवाल यह उठता है की आप कहाँ से माल खरीदेंगे। इसके लिए आपको अपने एरिया में किसी बड़े डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क करना होगा जिसका काम ही थोक में पान मसाला और गुटखा बेचने का हो। लेकिन साथ में आपको यह भी सुनिश्चित करना है की आपके पास कोई डुप्लीकेट माल न आ पाए ।

इसके लिए आप जिस भी कंपनी का पान मसाला और गुटखा खरीदना चाहते हैं उन कंपनियों से सीधे संपर्क करें। और उसके बाद वे कंपनियाँ ही आपको अपने ऑथोराईजड डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर का नंबर और पता प्रदान करेंगे। कंपनी द्वारा प्रदान किये गए संपर्क सूत्र से आप अपने होलसेल बिजनेस के लिए माल मंगा सकते हैं।     

माल का आर्डर दें

आम तौर पर जब हम गुटखा और पान मसाला के होलसेल बिजनेस की बात करते हैं तो इसमें बीड़ी, सिगरेट इत्यादि अपने आप शामिल हो जाते हैं। लेकिन सबसे जरुरी बात यह है की यहाँ पर एक नहीं बल्कि कई मसाला एवं गुटखा के ब्रांड चलते हैं। लोकेशन, क्षेत्र और राज्य के हिसाब से अलग अलग शहरों में अलग अलग पान मसाले और गुटखा लोकप्रिय हो सकते हैं।

इसलिए जिस भी एरिया में आप यह बिजनेस (Pan Masala Business) शुरू करना चाहते हैं वहां पर लोगों के बीच कौन कौन से पान मसाले और गुटखे प्रचलित हैं । उनकी एक लिस्ट तैयार कर लें और उसी के आधार पर अपना पहला आर्डर डिस्ट्रीब्यूटर या सप्लायर को दें।   

रिटेल विक्रेताओं को बेचना शुरू करें  

यदि आपकी यह होलेसेल की दुकान किसी प्रसिद्ध स्थानीय मार्किट में हैं जहाँ पर कई क्षेत्रों एवं एरिया से रिटेल दुकानदार अपनी दुकान के लिए माल खरीदने आते हैं, तो आपके पास ग्राहक स्वयं ही आएँगे।

आम तौर पर आपके पास वे ग्राहक आएँगे जो अलग अलग लोकेशन पर खुद की रिटेल दुकान जैसे जनरल स्टोर, बीड़ी पान मसाले का बिजनेस शुरू कर रहे होंगे । पान मसाले एवं गुटखे तो आप अपने नजदीकी किसी भी जनरल स्टोर से भी खरीद सकते हैं। यही कारण है की ऐसे लोग जो खुद का जनरल स्टोर चला रहे होते हैं वे भी इस तरह के बिजनेस में उद्यमी के प्रमुख ग्राहक होते हैं ।  

पान मसाला होलसेल बिजनेस में आने वाली लागत

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की पान मसाला और गुटखा बनाने वाली कंपनियाँ अपनी मार्केटिंग पर बहुत ज्यादा पैसा खर्च करती हैं। इसके लिए वे बड़े बड़े अभिनेताओं सेलेब्रिटी इत्यादि को बड़े प्रलोभन देकर अपने विज्ञापन देने के लिए राजी करती हैं।

इसलिए उन्हें पूर्ण विश्वास रहता है की उनका प्रोडक्ट तो मार्किट में बिक ही जाएगा। इसी के चलते वे अपने डिस्ट्रीब्यूटर, थोक विक्रेता इत्यादि को उतना मार्जिन नहीं दे पाती। कहने का आशय यह है की कंपनीयों द्वारा मार्केटिंग पर खर्चा करने से उनके प्रोडक्ट की डिमांड बढती है, लेकिन बिक्री पर थोक विक्रेताओं इत्यादि को ज्यादा मार्जिन नहीं मिलता है ।

लेकिन इसके बावजूद गुटखा और पान मसाला बेचने का होलसेल बिजनेस बहुत ही फायदेमंद और लाभकारी है। लेकिन इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको अच्छे खासे निवेश की आवश्यकता होती है। इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए आपको कम से कम ₹10 लाख से ₹15 लाख तक की आवश्यकता तो होती होती है।       

पान मसाला बिजनेस शुरू करने में अवसर एवं जोखिम

इसमें कोई दो राय नहीं की भारत में इस तरह का यह बिजनेस (Pan Masala Wholesale Business) एक बेहद फायदेमंद बिजनेस के रूप में फल फूल सकता है। वह इसलिए क्योंकि एक तो पहले से पान मसाला और गुटखा खाने वालों की हमारे देश में कोई कमी नहीं है । दूसरा किशोर और युवा वर्ग जब अपने चहेते सेलेब्रिटी या अभिनेता को किस पान मसाले इत्यादि का विज्ञापन करते हुए देखते हैं, तो वे उसकी ओर जल्दी से आकर्षित होते हैं।

और एक बार जिसको पान मसाला या गुटखे के सेवन की लत लग गई फिर उसके लिए उस लत को छोड़ पाना काफी मुश्किल हो जाता है। इस कारण वह लम्बे समय तक इस बिजनेस का ग्राहक बना रहता है।

इस बिजनेस में सबसे बड़ा जोखिम यह है की चूँकि यह लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है। इसलिए डर यह बना रहता है की कहीं सरकार समाज कल्याण की भावना से इस तरह की गतिविधि पर नियंत्रण करने के लिए कोई कठोर कानून या फिर इसे पूरीतरह से प्रतिबंधित न कर दे। जैसा कुछ राज्यों में शराब के साथ हो चुका है ।  

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