भारत में ट्रेडिंग बिजनेस कैसे शुरू करें । Trading Business Plan in Hindi.

भारत में ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस में हो रहे सुधार युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रोत्साहित कर रहे हैं। ऐसे में यदि आप कोई ट्रेडिंग बिजनेस  शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, तो हो सकता है की आप उन व्यवसायिक विचारों के बारे में जानने को इच्छुक हों, जो ट्रेडिंग से सम्बंधित हों।

लेकिन सबसे पहले सवाल यही उठता है की एक ट्रेडिंग कंपनी  क्या होती है? क्योंकि जब तक हम यह जान नहीं पाएंगे, तब तक हम अन्य व्यवसायों और ट्रेडिंग व्यवसाय में अंतर भी नहीं कर पाएंगे।

इसलिए आज हम हमारे लेख के माध्यम से न सिर्फ ट्रेडिंग बिजनेस आइडियाज के बारे में बात करेंगे। बल्कि सबसे पहले यही जानने का प्रयत्न करेंगे की इस प्रकार का यह व्यवसाय होता क्या है?

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पूरा लेख एक नजर में

ट्रेडिंग बिजनेस क्या होता है (What is Trading Business in Hindi)

आम तौर पर एक ट्रेडिंग कंपनी अपने ग्राहकों को (जिनमें उपभोक्ता और व्यापारिक इकाइयाँ भी शामिल होती हैं) को एक नहीं बल्कि कई ब्राण्ड एवं कंपनियों के उत्पादों की व्यापक श्रृंखला को बेचती है।

एक ट्रेडिंग बिजनेस में उद्यमी एक नहीं बल्कि कई थोक विक्रेताओं एवं निर्माताओं से सामान खरीदकर उन्हें सीधे उपभोक्ताओं या रिटेल विक्रेताओं को बेचकर पैसे की कमाई करता है।

इस व्यवसाय के तहत उद्यमी चाहे तो किसी एक कंपनी या एक से अधिक कंपनीयों के अधिकृत ट्रेडिंग पार्टनर के तौर पर भी काम कर सकता है।   

ट्रेडिंग बिजनेस के लिए आइडियाज (Trading Business Ideas in Hindi)

अब आप यह तो जान चुके हैं की, ट्रेडिंग व्यापार कहते किसे हैं। लेकिन अब सवाल यह उठता है की यदि आप ट्रेडिंग बिजनेस शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। तो ऐसे कौन कौन से बिजनेस हैं, जिन्हें ट्रेडिंग व्यवसाय के तौर पर शुरू कर सकते हैं।

तो आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ बेहतरीन बिजनेस के बारे में जिन्हें आप ट्रेडिंग व्यवसाय के तौर पर शुरू कर सकते हैं।

कृषि उत्पादों की ट्रेडिंग ( Trading of Agriculture produce)

इस धरा पर भारत जनसँख्या की दृष्टी से दूसरा सबसे बड़ा देश है। और इसके बावजूद भारत की जनसँख्या तेजी से बढती जा रही है। यही कारण है की भारत में कृषि उत्पादों जैसे अनाज, दालें, तिलहन, फल, सब्जियाँ, मसाले इत्यादि की माँग भी निरंतर बढती जा रही है।

यदि आप किसी ऐसे बिजनेस को आजमाना चाहते हैं, जिसको शुरू करने में तुलनात्मक रूप से कम निवेश और कमाई अधिक हो सकती है, तो आप कृषि उत्पादों की ट्रेडिंग करने पर विचार कर सकते हैं।

अनाज, दालें, तिलहन, मसाले जिन भी कृषि उत्पादों का जिक्र हमने ऊपर किया हुआ है, ये मनुष्य की अत्यंत आवश्यकताओं में शामिल हैं। इसलिए मनुष्य इन्हें खरीदने से बच नहीं सकता।      

खाद्य एवं पेय उत्पादों की ट्रेडिंग ( Trading of food and beverage products)

वर्तमान में मनुष्य की जीवनशैली ऐसी हो गई है की उसे सारा दिन घर से बाहर रहना पड़ता है। ऐसे में जब भी उसका मन करता है, वह खाने के लिए बिस्कुट खरीद लेता है, चिप्स खरीद लेता है, कोल्ड ड्रिंक या पानी की बोतल भी खरीद लेता है।

सिर्फ घर से बाहर रहने वाले लोग ही खाद्य एवं पेय पदार्थों का उपभोग नहीं करते, बल्कि सारा दिन घर में बिताने वाले लोगों को भी बाज़ार से बहुत सारे खाद्य एवं पेय पदार्थों को खरीदने की आवश्यकता होती है।

इसलिए आप चाहें तो ट्रेडिंग बिजनेस के तौर पर खाद्य एवं पेय पदार्थों को बेचने का बिजनेस शुरू कर सकते हैं। ध्यान रहे इसमें भी मुख्य ग्राहक के तौर पर उपभोक्ता और रिटेल विक्रेता ही रहने वाले हैं।    

केमिकल उत्पादों की ट्रेडिंग ( Trading of Chemical products)

इस तरह के बिजनेस में आपके ग्राहक के तौर पर उद्योगों एवं फैक्ट्री के स्वामी रहने वाले हैं। यही कारण है की इसे आप B2B (Business to Business) की संज्ञा भी दे सकते हैं। भारत में रासायनिक उद्योग सबसे तेजी से बढ़ने वाले उद्योगों में शामिल है।

वह इसलिए क्योंकि भारत में औद्योगिकीकरण हो रहा है, जिसके चलते केमिकल की माँग पहले से कहीं अधिक हो गई है। हालांकि इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को कई प्रकार के लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता हो सकती है।

लेकिन आप चाहें तो किसी स्थानीय केमिकल कंपनी के साथ इस तरह का बिजनेस शुरू करके उसके द्वारा उत्पादित केमिकल उत्पादों की ट्रेडिंग कर सकते हैं।      

इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की ट्रेडिंग

आज जिस युग में हम जी रहे हैं, उसमें हम अपने रसोईघर से लेकर वाशरूम तक में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को इस्तेमाल करने के आदी हो चुके हैं। सोचो यदि डाइनिंग हाल में टेलीविजन न हो, वाशरूम में वाशिंग मशीन न हो, किचन में मिक्सी, कॉफ़ी मेकर, माइक्रोवेव ओवन या रेफ्रीजिरेटर न हो।

इनके अलावा भी कई इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद हैं, जिनके इस्तेमाल के हम आदी हो चुके हैं। इसलिए यदि आप किसी अच्छे चल सकने वाले व्यापार  को शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। तो इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की ट्रेडिंग करने पर विचार कर सकते हैं।

ऑटोमोबाइल कल पुर्जों की ट्रेडिंग (Trading of auto accessories)  

कभी आप अपनी गाड़ी की सर्विस कराने गए हों, या किसी समस्या का सामना करने के पश्चात उसे ठीक कराने गए हों। या आपके घर के नज़दीक जो बाइक रिपेयरिंग करने वाली दुकान है, गलती से उसमें आपकी नज़र पड़ गई हो। और आपने वहाँ पर बहुत सारे लोगों को अपनी गाड़ी या बाइक ठीक कराते हुए देखा हो, तो चौंकिए मत।

जी हाँ एक औसतन शहर में एक औसतन जगह पर प्रतिदिन बाइक और गाड़ी खराब होने की संख्या आपके अनुमान से कहीं अधिक हो सकती है। इसलिए ऑटोमोबाइल उत्पादों का ट्रेडिंग शुरू करना भी काफी लाभकारी हो सकता है ।

लेकिन इसके लिए उचित मात्रा में निवेश की आवश्यकता होती है। आपको गाड़ियों में लगने वाले कल पुर्जों को अपनी दुकान का हिस्सा बनाना है, और फिर इन्हें गाड़ी ठीक करने वाली वर्कशॉप और सर्विस सेण्टर में बेचना है ।     

चाय का ट्रेडिंग बिजनेस (Tea Trading Business)

कहते हैं की मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। सामाजिक प्राणी होने के नाते कई बार उसे वह भी करना पड़ता है, जिसे वह खुद करना पसंद न करे, लेकिन समाज में वह प्रचलित हो।  खैर यहाँ पर कोई गंभीर बात नहीं, बल्कि बात चाय की हो रही है।

कहने का मतलब यह है की भले ही आप चाय न पीते हों, लेकिन यदि आपके घर में कोई मेहमान इत्यादि आ जाए, तो उन्हें चाय पानी पूछनी पड़ती है। और न सिर्फ पूछनी पड़ती है, बल्कि चाय पिलानी पड़ती है।  

भारत में चाय सर्वाधिक लोकप्रिय पेय पदार्थों में से एक है, यही कारण है की आपको हर छोटे बड़े बाज़ार में चाय की दुकान अवश्य देखने को मिल जाएगी। यदि आप चाय की ट्रेडिंग शुरू करते हैं, तो इसे बेचने में आपको किसी प्रकार की कोई दिक्कत आने की संभावना नहीं है।    

लैदर के उत्पादों की ट्रेडिंग

लैदर के उत्पाद कपड़े या अन्य सिंथेटिक लैदर से निर्मित उत्पादों की तुलना में ज्यादा मजबूत, टिकाऊ और आकर्षक होते हैं । यही कारण है की इनकी कीमतें भी अन्य उत्पादों की तुलना में अधिक होती है। लेकिन भारत में लैदर से निर्मित उत्पादों को उच्च कीमतों में खरीदने वाले ग्राहकों की भी कोई कमी नहीं है।

चूँकि लैदर के अधिकतर उत्पाद पहनावे, फैशन इत्यादि से सम्बंधित होते हैं, इसलिए यदि आप फैशन, पहनावे में रूचि रखते हैं । तो आप बिजनेस  के तौर पर इसे शुरू कर सकते हैं। इसमें आप जैकेट, बैग, बेल्ट, वॉलेट इत्यादि कई तरह के लैदर के उत्पाद बेचकर लाभ की प्राप्ति कर सकते हैं।  

मोबाइल एक्सेसरीज की ट्रेडिंग (Trading of mobile accessories)

भारत में जितनी तीव्र गति से मोबाइल उद्योग का विकास और विस्तार हुआ है, शायद ही इतनी तीव्रता के साथ किसी अन्य उद्योग का विस्तार और विकास हुआ हो। शायद इसी का परिणाम है की आज भारत के हर भौगौलिक क्षेत्र में लोगों के पास मोबाइल फ़ोन देखने को अवश्य मिल जाता है ।

मोबाइल फ़ोन के इस्तेमाल बढ़ने के कारण इसकी एक्सेसरीज जैसे मोबाइल कवर, हैडफ़ोन, पॉवर बैंक, इयर फ़ोन, पोर्टेबल स्पीकर, ब्लूटूथ इत्यादि की माँग में भी तीव्र गति से वृद्धि हुई है। इसलिए व्यवसाय  के तौर पर आप मोबाइल एक्सेसरीज की ट्रेडिंग भी कर सकते हैं।  

कंप्यूटर सम्बन्धित उत्पादों की ट्रेडिंग   

भारत में ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में कंप्यूटर शिक्षा के बिना आपकी शिक्षा अधूरी मानी जाएगी। उसका कारण यह है की वर्तमान में हर क्षेत्र में चाहे वह आपकी गली मोहल्ले की कोई दुकान हो, या एक मल्टीनेशनल कंपनी इनमें कंप्यूटर से ही काम किया जाने लगा है।

अब जब कंप्यूटर का इस्तेमाल बढ़ा है, तो स्वभाविक है की उससे सम्बंधित आने वाली समस्याओं में भी वृद्धि होगी। और इसके लिए लोग कंप्यूटर रिपेयरिंग सेण्टर इत्यादि खोलकर बाज़ार में बैठे होंगे। और इन्हें कंप्यूटर ठीक करने के लिए उसके पार्ट्स की आवश्यकता हो सकती है।

ऐसे में आप चाहें तो कंप्यूटर के हार्डवेयर जैसे मदरबोर्ड, कीबोर्ड, स्कैनर, प्रिंटर, माउस, वेबकैम एवं अन्य उत्पाद जिनकी बाज़ार में माँग हो की ट्रेडिंग  शुरू कर सकते हैं।

भारत में ट्रेडिंग बिजनेस कैसे शुरू करें (How to start trading business in India)

चूँकि एक ट्रेडिंग व्यापार में आपको कई ब्रांड का सामान बल्क में खरीदने की आवश्यकता हो सकती है। जो इस व्यवसाय को शुरू करने में आने वाली लागत को बढ़ा देता है। कुल मिलाकर कहें तो इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको तुलनात्मक रूप से अधिक निवेश की आव्श्य्लता होती है।

ट्रेडिंग की प्रकृति को समझें (Understand nature of trading)

यदि आप ट्रेडिंग शुरू करने के प्रति गंभीर हैं, तो सबसे पहले आपको यही समझना होगा की यह अन्य बिजनेस से किस तरह से अलग है। इसकी विशेषताएँ क्या हैं? इसमें आपके टारगेट ग्राहक कौन रहने वाले हैं? इत्यादि।

इसके अलावा इस व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने के लिए उद्यमी को किन किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, और वह यह किस तरह से करेगा।   

ट्रेडिंग बिजनेस का चुनाव करें (Select business for trading)

ऐसे बिजनेस का चुनाव करें, जिसमें आपको पहले से कोई अनुभव और जानकारी प्राप्त हो। कुछ ट्रेडिंग व्यवसाय ऐसे होते हैं जिन्हें कम निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है, तो कुछ ऐसे भी होते हैं, जिन्हें शुरू करने में काफी धन खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है।

इसलिए अपनी निवेश क्षमता का आकलन करना जरुरी हो जाता है, अनुभव जानकारी और निवेश क्षमता के अलावा उस व्यवसायिक विचार और उसमें होने वाली गतिविधियों को करने में आपकी विशेष रूचि होनी चाहिए। तभी आप अपने बिजनेस को अगले स्तर तक ले जाने में सक्षम हो पाएँगे।  

जरुरी लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्राप्त करें

यद्यपि लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन बिजनेस की प्रकृति के आधार पर अलग लग हो सकते हैं। जैसे एक टूर और ट्रेवल बिजनेस के लिए अलग और एक खाद्य एवं पेय बिजनेस को शुरू करने के लिए अलग अलग लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है।  लेकिन यहाँ पर कुछ ऐसे लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन का जिक्र कर रहे हैं, जिन्हें आम तौर पर हर व्यवसायिक इकाई द्वारा अपनाया जाता है।

  • व्यवसाय का प्रोप्राइटरशिप या अन्य क़ानूनी बिजनेस एंटिटी के तहत रजिस्ट्रेशन।  
  • व्यवसाय के नाम से बैंक में चालू खाता और पैन कार्ड ।
  • जरुरी टैक्स रजिस्ट्रेशन जैसे जीएसटी रजिस्ट्रेशन।
  • स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका से जरुरी परमिशन।
  • यदि उद्यमी अपने उत्पादों को निर्यात करना चाहता है तो इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड।   

आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रबंध करें

इंफ्रास्ट्रक्चर से आशय बिजनेस के लिए आवश्यक लोकेशन, जमीन, दुकान, इंटीरियर, मैनपावर इत्यादि से है। इस तरह के बिजनेस के लिए भी एक उपयुक्त लोकेशन का जहाँ पर दिन में हजारों हज़ार लोग चहलकदमी करते हों, जरुरी है । यह किसी नगर या क्षेत्र की स्थानीय मार्किट भी हो सकती है।

उद्यमी को सिर्फ दुकान दुकान के लिए नहीं बल्कि गोडाउन के लिए भी जगह की आवश्यकता हो सकती है। और ध्यान रहे गोदाम दुकान से ज्यादा दूरी पर नहीं होना चाहिए, ताकि किसी सामान की अनुपस्थिति में उसे गोदाम से आसानी से मँगाया जा सके।    

ब्रांड एवं कंपनियों से संपर्क करें

जब किसी अच्छी लोकेशन पर आप अपनी दुकान को स्थापित कर देते हैं, तो उसके बाद आपको उन ब्रांड एवं कंपनियों से संपर्क करना होगा जिनके उत्पादों की ट्रेडिंग आप करना चाहते हैं। जिस भी सेक्टर में आप ट्रेडिंग शुरू कर रहे हैं, उस सेक्टर की कुछ चुनिन्दा और प्रतिष्ठित कंपनियों जिनके उत्पादों की बाज़ार में अधिक माँग हो, से आप संपर्क कर सकते हैं।

शुरू में यदि विनिर्माणकर्ता या सीधे कंपनी से आप उत्पादों की मात्रा की प्रतिबद्धता के कारण उत्पाद नहीं खरीद पा रहे हैं। तो आप उनके ऑथोराइजड डीलरों या डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क कर सकते हैं। और अपनी निवेश क्षमता के मुताबिक उत्पादों को खरीदकर अपनी दुकान और गोदाम का हिस्सा बना सकते हैं।      

प्रमोशन और मार्केटिंग करें (Promote your trading business)

भले ही आप कितने ही प्रतिष्ठित कंपनी का लोक्रप्रिय उत्पाद को अपने ट्रेडिंग बिजनेस का हिस्सा बनाएँ। लेकिन इस गफलत में रहने से बचें की ग्राहक आपकी दुकान तक खुद आएगा, तब तक हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं।

जबकि सच्चाई यह है की आपको ग्राहक का हाथ पर हाथ धरे इंतजार न करते हुए, अपने उत्पादों को ग्राहक तक पहुँचाने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए । डिजिटल मार्केटिंग या ऑनलाइन मार्केटिंग वर्तमान में सबसे शक्तिशाली मार्केटिंग हथियारों में से एक है।     

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