सॉफ्ट टॉय बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें। Soft Toys Making Business Plan in Hindi.

कोमल खिलौने बनाने का बिजनेस (Soft Toys Making Business) वर्तमान में तेजी से बढ़ता हुआ व्यवसाय है। किसी बच्चे के होंठों पर मुस्कान लाने के लिए वर्तमान में सॉफ्ट टॉयज का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है।

आजकल के माता पिता अपने बच्चों की हर तरह की खवाहिश को पूरा करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं। ऐसे में वे अपने बच्चों के लिए तरह तरह के खेल खिलौनों को लाते हैं, ताकि उनका बच्चा उनके साथ आराम से खेल कर सके।

यद्यपि खिलौने इलेक्ट्रिकल और सख्त भी हो सकते हैं लेकिन उनका इस्तेमाल से बच्चे अपने आपको चोट भी पहुँचा सकते हैं। यही कारण है की विशेषकर छोटे बच्चों को लोग सॉफ्ट टॉयज के साथ खेलते हुए देखना ही पसंद करते हैं।

सॉफ्ट टॉयज गुड़ियाँ, जंगली जानवरों जैसे बिल्ली, शेर, हाथी, हिरन, भालू इत्यादि के रूप में बनाये जाते हैं, यही कारण है की यह बच्चों को अपनी ओर जल्दी आकर्षित करते हैं। और बच्चे इनके साथ खेलने में आनंदित महसूस करते हैं।

आजकल तो गिफ्ट में भी सॉफ्ट खिलौने देने का एक रिवाज सा बन गया है। ऐसे में कोई भी उद्यमी जो खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए इच्छुक है वह सॉफ्ट टॉयज बनाने का बिजनेस शुरू करने की सोच सकता है।

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Image: Soft Toys making Business in Hindi

सॉफ्ट टॉयज होते क्या हैं

एक सॉफ्ट टॉयज ऐसा खिलौना होता है, जिसके अन्दर कुछ सामग्री भरकर उसे बाहर से सिल दिया जाता है। और बाहर से इसे किसी गुड़िया, बिल्ली, भालू, शेर, हाथी, कुत्ता, खरगोश इत्यादि का स्वरूप प्रदान कर दिया जाता है।  

इस तरह के खिलौनों को बनाने के लिए कई तरह की सामग्री जैसे पॉलीक्लॉथ, नाइलैक्स फैब्रिक, फाइबर इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता है । इस तरह के खिलौने सिर्फ जंगली जानवरों पर ही आधारित नहीं होते बल्कि इन्हें एनीमेशन पात्रों या फिर कल्पना आधारित पात्रों का भी स्वरूप प्रदान किया जा सकता है।

सॉफ्ट टॉयज के इस्तेमाल और बिक्री संभावना

सॉफ्ट टॉयज का इस्तेमाल मूल रूप से बच्चों को खेल खिलाने के लिए किया जाता है। लेकिन वर्तमान में इस तरह के खिलौनों को लोग एक दुसरे को गिफ्ट के तौर पर भी देते हैं। यही कारण है बीतते समय के साथ सॉफ्ट टॉयज की माँग बाज़ारों में बढती जा रही है।

एक आंकड़े की माने तो भारतीय खिलौना उद्योग 300 करोड़ से अधिक का है, और जैसे जैसे लोगों की डिस्पोजेबल इनकम में बढ़ोत्तरी हो रही है, वैसे वैसे सॉफ्ट टॉयज का इस्तेमाल और बढ़ता जा रहा है।

क्योंकि ऐसे लोग जो पहले अपने बच्चों को खेल खिलौने देने में असमर्थ थे उनकी डिस्पोजेबल इनकम बढ़ने के कारण अब वे भी अपने बच्चों के लिए सॉफ्ट टॉयज खरीदना पसंद कर रहे हैं ।

घरेलु बाज़ार तो इनके लिए तैयार है ही इसके अलावा सॉफ्ट टॉयज को बाहरी देशों की ओर निर्यात करने में भी भरपूर अवसर विद्यमान हैं।

सॉफ्ट टॉयज की श्रेणी में लोगों के बीच टेडी बियर और जोकर सबसे अधिक लोकप्रिय एवं पसंदीदा टॉयज हैं, जिनकी कीमतें ₹50 से शुरू होकर ₹2000 तक कुछ भी हो सकती है।  

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सॉफ्ट टॉयज की फैक्ट्री के लिए कितनी जगह चाहिए

एक ऐसी इकाई जिसमें प्रतिदिन लगभग 120 सॉफ्ट टॉयज का निर्माण किया जाता हो, उसके लिए उद्यमी को 1200 वर्गफीट जगह की आवश्यकता हो सकती है।

क्योंकि फैक्ट्री परिसर में उद्यमी को वर्क एरिया के अलावा इन्वेंटरी को रखने के लिए, विद्युत् पैनल और उपकरणों को इंस्टाल करने के लिए, उत्पादित उत्पाद को भण्डारण के लिए स्टोर रूम, कार्यालय सम्बन्धी कार्यों को करने के लिए एक छोटा सा ऑफिस की भी आवश्यकता होती है।

हालांकि यह जरुरी नहीं है की उद्यमी की फैक्ट्री किसी भीड़ भाड़ इलाके या किसी महंगी इंडस्ट्रियल एरिया में ही होनी चाहिए। बल्कि उद्यमी चाहे तो किसी ऐसे एरिया जहाँ पर किराया सस्ता हो वहाँ पर कोई बिल्डिंग किराये पर लेकर भी इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर सकता है।

यदि उद्यमी की खुद की गैर कृषि योग्य भूमि है तो वह उस भूमि पर कंस्ट्रक्शन का काम कराकर भी सॉफ्ट टॉयज बनाने की फैक्ट्री शुरू कर सकता है। लेकिन कंस्ट्रक्शन में आने वाली लागत उद्यमी की इस बिजनेस को शुरू करने में आने वाली लागत को बढ़ा देती है।

सॉफ्ट टॉयज बनाने के लिए लाइसेंस/पंजीकरण  

भारत में वैधानिक रूप से खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए कई तरह के लाइसेंस और पंजीकरण करने की आवश्यकता हो सकती है ।

लेकिन चूँकि सॉफ्ट टॉयज बनाने की इकाई किसी प्रकार का प्रदूषण पैदा नहीं करती है, इसलिए इसके लिए प्रदूषण विभाग इत्यादि से एनओसी इत्यादि की आवश्यकता तो नहीं होती है ।

इस बिजनेस को शुरू करने के लिए जिन जिन लाइसेंस और पंजीकरण की आवश्यकता होती है उनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • बिजनेस रजिस्ट्रेशन
  • जीएसटी रजिस्ट्रेशन
  • व्यवसाय के नाम से पण कार्ड और चालू खाता
  • ट्रेड लाइसेंस
  • ब्रांड नाम हो तो ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन
  • उद्यम रजिस्ट्रेशन
  • यदि उद्यमी उत्पादों का निर्यात करना चाहता है तो इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड     

सॉफ्ट टॉयज बनाने के लिए कच्चा माल

सॉफ्ट टॉयज बनाने के लिए कई तरह के कच्चे माल की आवश्यकता हो सकती है।

  • रिबन
  • फैब्रिक
  • रंगीन कपडा
  • ऐक्रेलिक फर
  • लेटेस्ट ट्रेडिंग ओर्मेंटेशन आइटम्स
  • पैकेजिंग सामग्री  

इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने में इस्तेमाल में लाया जाने वाला कच्चा माल सभी स्थापित बाज़ारों में आसानी से उपलब्ध है। इसलिए उद्यमी इसे अपने नजदीकी स्थापित बाज़ार से आसानी से खरीद सकता है।

सॉफ्ट टॉयज बनाने के लिए क्या मशीनरी चाहिए

यद्यपि पहले इस तरह के टॉयज यानिकी सॉफ्ट टॉयज का निर्माण कारीगर अपने हाथों से बिना मशीन की मदद के भी कर देते थे।लेकिन बिना मशीन के इन्हें बनाने में लम्बा समय लगता है जिससे इनकी लागत बढ़ जाती है।

यही कारण है की वर्तमान में सॉफ्ट टॉयज बनाने के लिए कई तरह ,की मशीनरी और उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है जिनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • सिलाई मशीन एक मशीन की कीमत ₹22-25 हज़ार रूपये हो सकती है और प्रतिदिन लगभग 120 सॉफ्ट टॉयज का निर्माण करने के लिए लगभग 6 सिलाई मशीन खरीदने की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए इनकी कुल कीमत ₹1.5 लाख मान के चल सकते हैं।
  • इम्पल्स सीलिंग मशीन दो मशीन चाहिए हो सकती हैं जिनकी कीमत लगभग ₹50000 मान के चल सकते हैं।
  • फाइबर फिलिंग मशीन दो चाहिए होती हैं इनकी कीमत भी ₹50000 मान के चल सकते हैं।
  • फैब्रिक कटिंग मशीन दो चाहिए होती हैं इनकी कीमत ₹35000 मान के चल सकते हैं।
  • अन्य उपकरण और टूल्स जिन्हें खरीदने में ₹35000 का खर्चा संभावित है।

सॉफ्ट टॉयज का बिजनेस शुरू करने वाले उद्यमी को लगभग ₹3.2 लाख केवल मशीनरी और उपकरणों पर खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है ।

कर्मचारी और विद्युत् की आवश्यकता

सॉफ्ट टॉयज बनाने में इस्तेमाल में लाइ जाने वाली मशीनरी को संचालित करने के लिए लगभग 5 एचपी विद्युत् की आवश्यकता हो सकती है । कर्मचारियों की संख्या व्यवसाय के आकार पर निर्भर करेगी लेकिन एक इकाई जिसमें प्रतिदिन 120 सॉफ्ट टॉयज का निर्माण किया जाता हो उसके लिए निम्नलिखित कर्मचारी चाहिए हो सकते हैं।

  • कुशल अकुशल श्रमिक – 06
  • मशीन ऑपरेटर      – 01
  • हेल्पर्स          – 02
  • सेल्समेन      – 01
  • मेनेजर/अकाउंटेंट  – 01

इस तरह से देखें तो उद्यमी को कुल मिलाकर 11-12 कर्मचारियों को काम पर रखने की जरुरत होती है।

सॉफ्ट टॉयज का निर्माण कैसे किया जाता है

सॉफ्ट टॉयज के निर्माण में शामिल गतिविधयों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार से है।

  • सबसे पहले उपयुक्त कच्चा माल खरीद लिया जाता है।
  • उसके बाद कच्चे माल की कटिंग और मोल्ड बनाने की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है।
  • उसके बाद सॉफ्ट टॉयज को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाती है ।
  • भराई करने के बाद इनमें सिलाई की जाती है।
  • और सिलाई करने के बाद क्वालिटी चेकिंग करके इनकी पैकिंग की जाती है। 

सॉफ्ट टॉयज बनाने का बिजनेस में लागत  

सॉफ्ट टॉयज बनाने के बिजनेस में आने वाली लागत बिजनेस के आकार यानिकी उत्पादन क्षमता के अधर पर और अन्य कई भौगौलिक, सामाजिक परिस्थितयों के कारण अलग अलग हो सकती है ।

लेकिन एक ऐसी इकाई जिसमें प्रतिदिन 120 सॉफ्ट टॉयज का निर्माण करने की योजना हो उसे शुरू करने में निम्नलिखित लागतें शामिल हो सकती हैं।

लागतों का विवरणलागत रुपयों में
बिल्डिंग किराये पर मान लेते हैं जिसका किराया ₹23000 हर महिना मान लेते हैं तो तीन महीने का किराया₹69000
प्लांट और मशीनरी का खर्चा₹3.2 लाख
फर्नीचर और फिक्सिंग₹1.5 लाख
कच्चा माल, सैलरी एवं अन्य कार्यशील लागतें₹3.5 लाख  
कुल लागतें ₹8.89 लाख
Investment in Soft Toys making business

कमाई की बात करें तो इस बिजनेस (Soft Toys Making Business) से पहले ही वर्ष में उद्यमी ₹4.5 लाख तक का शुद्ध मुनाफा कमा सकता है।

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