लैदर के बटुए बनाने का बिजनेस (Leather Purse Making Business) वर्तमान में फैशन उपकरणों में सबसे फायदेमंद बिजनेस में से एक हो सकता है । लैदर के बटुओं का इस्तेमाल सिर्फ पुरुष ही नहीं करते, बल्कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा बड़े लैदर के बटुओं का इस्तेमाल करती हैं।
चमड़े का इस्तेमाल सिर्फ बटुए ही नहीं बल्कि कई तरह के अन्य फैशन उपकरण जैसे बेल्ट, जैकेट, जूते इत्यादि बनाने के लिए भी किया जाता है। वह इसलिए क्योंकि चमड़े काटने में आसान होता है और इसे कोई भी आकार आसानी से दिया जा सकता है।
यही नहीं चमड़ा एक ऐसी सामग्री है जिससे निर्मित वस्तुएं सुन्दर तो दिखती ही हैं, वे लम्बे समय तक चलने वाली भी होती हैं। यही कारण है की जो लोग फैशन उपकरणों की उच्च गुणवत्ता को पसंद करते हैं वे चमड़े से निर्मित बटुओं का इस्तेमाल करते हैं, भले ही उन्हें इसके लिए थोड़े अधिक पैसे क्यों न खर्च करने पड़ें।
महिलाएँ हमेशा ईधर उधर जाने के लिए एक पर्स यानिकी हैंडबैग अपने साथ रखती ही रखती हैं। लेकिन अब वे चमड़े से निर्मित पर्स को अपने साथ ले जाने में गर्व करती हैं। इसके अलावा चूँकि ये लम्बे समय तक चलते हैं इसलिए महिलाएं बार बार पर्स खरीदने के झंझट से बच जाती हैं।
इसके अलावा चमड़े से निर्मित पर्स रखना एक स्टेट्स सिम्बल के तौर पर भी इस्तेमाल होता है क्योंकि चमड़ा अन्य सामग्री की तुलना में महंगा होता है, और इसे बनाने में श्रम की भी अधिक आवश्यकता होती है, इसलिए यह महंगा हो जाता है।
और महंगे सामान को कुछ लोग अपने स्टेट्स का सिम्बल समझते हैं, ऐसे में यदि आप भी खुद का लैदर के पर्स का निर्माण (Leather Purse Manufacturing) करना चाहते हैं, तो आज का हमारा यह लेख आपके लिए काफी उपयोगी हो सकता है।

पर्स के इस्तेमाल और बिक्री संभावना
एक पर्स जिसे महिलाओं के हैंडबैग के तौर पर भी जाना जाता है यह बिलकुल छोटे से लेकर बड़ा तक हो सकता है। पुरुष आम तौर पर छोटे पर्स जिसे वे आसानी से अपनी जेब में रख सकें का इस्तेमाल करते हैं।
पुरुषों के लिए निर्मित इस पर्स में कुछ कार्ड्स और पैसे रखने की सहूलियत होती है, जबकि लेडिज पर्स में महिलाएं अपना कई तरह का मेकअप इत्यादि का समान भी रख सकती हैं। इसलिए ये पुरुषों द्वारा इस्तेमाल में लाये जाने वाले पर्स की तुलना में बड़े होते हैं, जिन्हें हैंडबैग भी कहा जा सकता है।
जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की चमड़े से निर्मित पर्स या हैंडबैग अन्य सामग्री से निर्मित पर्स या हैंडबैग की तुलना में अधिक मजबूत और आकर्षक होते हैं। और इनका यह आकर्षण लम्बे समय तक बना रहता है, यही कारण है की इनकी माँग विदेशी बाज़ारों में भी बहुत ज्यादा है।
भारत में चमड़े के सामान का पश्चिमी बंगाल में कई स्थापित बाज़ार उपलब्ध हैं, यहाँ पर चमड़े के सामान की माँग भी उपलब्ध है । इसके अलावा भारत की इस अनूठी कला से उत्पादित उत्पादों माँग संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, ग्रेट ब्रिटेन, ब्राजील, कनाडा और इटली जैसे देशों में भी उपलब्ध है।
इससे साफ़ हो जाता है की भारतीय बाज़ारों में तो चमड़े से निर्मित पर्स या हैंडबैग की माँग है ही, उद्यमी के पास अपने उत्पादित सामान को बाहरी देशों की ओर निर्यात करने के भी भरपूर अवसर विद्यमान हैं।
यह भी पढ़ें – लैदर की बेल्ट बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें?
लैदर के पर्स बनाने के लिए कच्चा माल क्या चाहिए
लैदर के पर्स बनाने के लिए प्रमुख कच्चे मालों में तो चमड़ा ही होता है जिससे पर्स या हैंडबैग बनाये जाते हैं। लेकिन इसके अलावा भी कई और तरह के कच्चे माल की आवश्यकता होती है , जिसकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है ।
- तपा हुआ मजबूत चमड़ा
- इस चमड़े की गुणवत्ता 2 मिमी लेसिंग
- सिलाई के लिए लिनन या अन्य लच्छेदार धागा
- चमड़े की सिलाई वाली सुई और फीता लगाने वाली सुई
- चमड़े के ऊपर लगने वाला ऐक्रेलिक पेंट
- रिवेट्स, बकल, कीपर्स और क्लोजर इत्यादि हार्डवेयर
- चमड़े को चिपकाने वाला पदार्थ
जैसा की हमने बताया पश्चिम बंगाल में चमड़े से निर्मित उत्पादों का स्थापित बाज़ार उपलब्ध है, इसलिए इस तरह के बिजनेस में इस्तेमाल होने वाली सामग्री स्थापित बाज़ारों से आसानी से खरीदी जा सकती है।
उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में भी चमड़े से निर्मित उत्पादों का निर्माण करने वाले उद्योग धंधे पहले से स्थापित हैं, वहाँ से भी इस तरह का यह कच्चा माल मँगाया जा सकता है।
लैदर पर्स बनाने के लिए मशीनरी और उपकरण
लैदर पर्स का निर्माण करने के लिए कई तरह की मशीनरी और उपकरणों की भी आवश्यकता होती है। इनकी संख्या उद्यमी की फैक्ट्री की उत्पादन क्षमता के आधार पर अलग अलग हो सकती है।
तो आइये जानते हैं लो खुद का Leather Purse Making Business के लिए उद्यमी को किन किन मशीनरी और उपकरणों की आवश्यकता हो सकती है।
- लैदर सिलाई मशीन जिसकी कीमत ₹45000 तक हो सकती है, यह उद्यमी की योजना पर निर्भर करता है की उसे कितनी सिलाई मशीन खरीदने की आवश्यकता होगी।
- स्टेनलेस स्टील एज पेडल इसकी कीमत ₹25000 हो सकती है, यह कितनी चाहिए यह सब भी उद्यमी की योजना पर निर्भर करेगा।
- प्रेसिंग टूल मशीन एक मशीन की कीमत लगभग ₹20000 हो सकती है।
- कटिंग उपकरण एवं अन्य टूल्स जिनकी कीमत ₹25000 हो सकती है।
लैदर का पर्स बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को लगभग ₹1.15 लाख मशीनरी और उपकरणों पर खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है।
लैदर पर्स निर्माण के लिए कितनी जगह चाहिए
हालांकि इस बिजनेस में इस्तेमाल में लाये जाने वाले कच्चे माल यह फिर उत्पादित माल को स्टोर इत्यादि करने के लिए बहुत बड़ी जगह की आवश्यकता नहीं होती है। क्योंकि उत्पादित माल साइज़ आकार इत्यादि में छोटा ही होता है।
इसलिए एक छोटी सी जगह में भी पर्याप्त मात्रा में उत्पादित माल को स्टोर किया जा सकता है। लेकिन चूँकि एक औद्योगिक सेटअप में वर्क एरिया के अलावा इन्वेंटरी रूम, विद्युत् उपकरणों के लिए जगह, सिलाई और पोलिशिंग एरिया इत्यादि का निर्धारण करना पड़ सकता है।
इसलिए उद्यमी को इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए कम से कम 1000 वर्गफीट जगह की आवश्यकता हो सकती है। यदि उद्यमी के पास खुद की गैरकृषि भूमि है तो वह वहीँ पर कंस्ट्रक्शन का काम कराके अपनी इकाई स्थापित कर सकता है।
लेकिन यदि शुरूआती दौर में कंस्ट्रक्शन और भूमि खरीदने की लागत से बचना चाहता है तो वह कोई बनी बनाई बिल्डिंग किराये पर लेकर भी इस बिजनेस को शुरू कर सकता है।
एक ऐसा एरिया जहाँ पर बिजली, पानी, सड़कें जैसी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध हों वहाँ पर इस तरह का यह बिजनेस शुरू किया जा सकता है ।
यह भी पढ़ें – छाता बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? पूरी जानकारी
कितनी मैनपावर और विद्युत् चाहिए होगी
किसी भी बिजनेस को शुरू करने में और उसे सफलता के शिखर तक पहुंचाने में श्रम शक्ति का अहम् योगदान होता है। यही कारण है की हर तरह के व्यापार को शुरू करने के लिए मैनपावर यानिकी कर्मचारियों की आवश्यकता होती ही होती है।
लैदर पर्स बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए भी उद्यमी को निम्न कर्मचारियों को काम पर रखने की आवश्यकता हो सकती है।
- कुशल/अकुशल श्रमिक – 3
- हेल्पर – 4
- सिलाई/कटिंग करने वाले कारीगर – 3 (उद्यमी के पास जितनी भी सिलाई मशीन हों)
- सेल्समेन – 01
- अकाउंटेंट – 01
लैदर पर्स की एक औसतन फैक्ट्री स्थापित करने के लिए उद्यमी को कम से कम 12 कर्मचारियों को काम पर रखने की आवश्यकता हो सकती है।
इस बिजनेस (Leather purse making) में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी/उपकरणों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कम से कम 8 हॉर्स पॉवर विद्युत् की आवश्यकता हो सकती है।
लैदर पर्स बिजनेस के लिए लाइसेंस/पंजीकरण
बेहद छोटे स्तर पर इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस/पंजीकरण की अनिवार्यता नहीं होती है। लेकिन एक ऐसी फैक्ट्री जहाँ पर उद्यमी प्रतिदिन लगभग 100 लैदर के पर्स का निर्माण कर रहा हो, उसके लिए उद्यमी को निम्नलिखित लाइसेंस और पंजीकरण कराने की जरुरत हो सकती है।
- अपने बिजनेस को प्रोप्राइटरशिप फर्म या वन पर्सन कंपनी के तौर पर रजिस्टर करें।
- व्यवसाय के नाम से पण कार्ड बनाएँ।
- व्यवसाय के नाम से बैंक में चालू खाता खोलें।
- कर सम्बन्धी कार्यों के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराएँ।
- स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करें ।
- चूँकि यह चमड़े से जुड़ा हुआ बिजनेस है और चमड़ा जानवरों की खाल से बनाया जाता है, इसलिए इसके लिए अतिरिक्त लाइसेंस या परमिशन की भी आवश्यकता हो सकती है ।
- यदि उद्यमी अपने ब्रांड नाम के तहत पर्स बेचना चाहता है तो उसे अपने ब्रांड नाम की सुरक्षा के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन भी करना होगा।
लैदर के पर्स का निर्माण कैसे किया जाता है (Manufacturing process of Leather purse)
उपर्युक्त बताये गए कच्चे माल और मशीनरी का इस्तेमाल करके लैदर पर्स का निर्माण करना आसान हो जाता है । हालांकि यह काम कलात्मक कार्य है इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह अनुभवी कारीगरों को नियुक्त करके ही इस बिजनेस को शुरू करे।
- इस प्रक्रिया में सबसे पहले पर्स बनाने के लिए चमड़े की शीट का चयन किया जाता है, यानिकी पर्स की डिजाईन या रंग के हिसाब से चमड़े की कौन सी शीट उपयुक्त रहेगी, पहले इसका चुनाव किया जाता है।
- उसके बाद उस चमड़े की शीट को उपयुक्त डिजाईन के आधार पर काटा जाता है, ताकि इच्छित डिजाईन के अनुसार पर्स तैयार किया जा सके। इस प्रक्रिया में इस पर नक्काशी भी की जाती है।
- उसके बाद डिजाईन के हिसाब से पर्स को रंग दिया जाता है, जब यह प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है तो लीनिंग और स्ट्रेपिंग की प्रक्रिया को पूर्ण कर दिया जाता है।
- इस प्रक्रिया के बाद पर्स लगभग तैयार हो जाता है और तैयार पर्स को पैक कर दिया जाता है।
लैदर पर्स बिजनेस में लागत
लैदर पर्स का निर्माण करने में आने वाली लागत इस बात पर निर्भर करेगी की आप एक दिन में कितने पर्स का निर्माण करना चाहते हैं। यदि आप एक दिन में 100 पर्स का निर्माण करना चाहते हैं तो आपको सिलाई मशीन की संख्या में बढ़ोत्तरी करनी होगी।
सिर्फ सिलाई मशीन ही नहीं बल्कि अन्य उपकरणों और मशीनरी की संख्या में भी वृद्धि हो सकती है, मशीनरी और उपकरणों की जो लागत हमने ऊपर बताई हुई है उसमें तिगुनी वृद्धि हो सकती है।
लागत का विवरण | लागत रुपयों में |
बिल्डिंग का किराया ₹15000 प्रति महीने के हिसाब से तीन महीने का | ₹45000 |
मशीनरी और उपकरणों पर खर्चा | ₹3 लाख |
फर्नीचर और फिक्सिंग | ₹1.7 लाख |
सैलरी, कच्चा माल इत्यादि को मिलकर कार्यशील लागत | ₹4.5 लाख |
कुल लागत | ₹9.65 लाख |
इस बिजनेस से होने वाली कमाई भी कई कारकों जैसे उद्यमी द्वारा कच्चा माल कहाँ से और कैसे किन कीमतों पर सोर्स किया जा रहा है।
बाज़ार में उपलब्ध प्रतिस्पर्धा, ब्रांड ट्रस्ट इत्यादि कई बातों पर निर्भर करता है। लेकिन इस बिजनेस (Leather Purse Making Business) के पहले ही वर्ष में उद्यमी द्वारा लगभग ₹2.5 लाख तक का शुद्ध मुनाफा कमाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें
- चप्पल बनाने की फैक्ट्री कैसे खोलें ? चप्पल बनाने का बिजनेस
- फैशनेबल बिंदी बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें?