एल्युमीनियम का बिजनेस कैसे शुरू करें? (खिड़की, दरवाजे, पार्टीशन का काम)

क्या आप जानते हैं की यह व्यापार (Aluminium Business) क्या होता है?  वर्तमान में खुली दुकान रखने की बजाय लोग धुल इत्यादि से बचने के लिए एल्युमीनियम पार्टीशन लगाना पसंद करने लगे हैं। यदि आपको एल्युमिनियम पार्टीशन के बारे में नहीं पता है तो आपको बता देना चाहेंगे की इसका इस्तेमाल सिर्फ दरवाजों पर ही नहीं बल्कि क्लिनिक, अस्पतालों, कार्यालयों इत्यादि में बड़े पैमाने पर पार्टीशन के लिए किया जाता है। यानिकी एक बड़े अन्दुरुनी हिस्से को अलग अलह हिस्सों में बाँट देना ही पार्टीशन कहलाता है।

मान लीजिये की आपने कोई डेंटल क्लिनिक खोलना है इसके लिए आपको एक बड़ी सी जगह अच्छी लोकेशन पर किराये में मिल रही है। लेकिन आप चाहते हैं की आपके डेंटल क्लिनिक में ग्राहकों के बैठने का स्थान अलग हो, ग्राहकों की पर्ची और पेमेंट करने का स्थान अलग हो और जहाँ आप अपने मरीजों को देखें और उनका ईलाज करें उसका स्थान अलग हो। यानिकी आप उस बड़ी सी अन्दुरुनी जगह की तीन चार हिस्सों में बाँटना चाहते हैं, तो ऐसे में आप अपना काम सिद्ध करने के लिए क्या करेंगे ।

आप चाहें तो उस पर लकड़ी की पार्टीशन बी करा सकते हैं, लेकिन लकड़ी की पार्टीशन महंगी पड़ेगी। ऐसे में आप किसी एल्युमीनियम पार्टीशन का काम करने वाले व्यक्ति को ढूँढेंगे। जी हाँ इसलिए यदि आप किसी ऐसे बिजनेस को शुरू करने पर विचार कर रहे हैं जिसकी वर्तमान में डिमांड अधिक है, तो आप एल्युमीनियम पार्टीशन का बिजनेस शुरू करने पर विचार भी कर सकते हैं।

aluminium business
Image: Aluminium Business Plan in Hindi

एल्युमीनियम का बिजनेस चलने की संभावना

वर्तमान में अधिकतर छोटे छोटे ऑफिस के गेट पर भी आपको एल्युमीनियम पार्टीशन की हुई नज़र आ जाएगी। किसी कॉमन सर्विस सेण्टर से लेकर किसी गिफ्ट स्टोर में तक आपको इस तरह की यह पार्टीशन देखने को मिल जाएगी। आपने ध्यान दिया होगा की आपके स्थानीय बाज़ार में भी अब आपको शटर लगी दुकानों पर शीशे के गेट लगे हुए दिखाई देते होंगे इनके नीचे की तरफ से तीन फीट तक एल्युमीनियम शीट लगी होती है, और ऊपर की तरफ शीशा लगा हुआ होता है।

और जिन फ्रेम में यह शीट और शीशा फंसाया जाता है वह पूरी तरह से एल्युमीनियम से निर्मित फ्रेम होते हैं। कुल मिलाकर देखें तो ये दिखने में बहुत ही सुन्दर लगते हैं। इसलिए इनका चलन वर्तमान में बढ़ता जा रहा है।

जनसँख्या बढ़ने के साथ लोगों को आवासीय और पेशेवर बिल्डिंग बनाने की आवश्यकता हो रही है, इसके अलावा सरकार भी जनता की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर स्कूल, कॉलेज, अस्पताल एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।

कहने का आशय यह है की एल्युमीनियम पार्टीशन का यह बिजनेस भी कंस्ट्रक्शन और बिल्डिंग निर्माण की गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। कहीं पर कोई दुकान खुलती है, कहीं पर कोई क्लिनिक खुलता है, कोई छोटा ऑफिस खुलता है या फिर वर्तमान में तो लोग अपने घरों में भी एल्युमीनियम पार्टीशन कराना पसंद कर रहे हैं ।

ऐसे में यदि आप किसी ऐसे बिजनेस को शुरू करने के बारे में विचार कर रहे हैं , जिसकी वर्तमान में तो डिमांड है ही, लेकिन उसकी आने वाले समय में भी और अधिक डिमांड बढ़ने की संभावना है । तो वह यह एल्युमीनियम पार्टीशन का यह बिजनेस हो सकता है ।

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एल्युमीनियम का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Aluminium Business In India)

यदि आप भी खुद का एल्युमीनियम का यह बिजनेस शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, तो आपका सबसे पहला प्रश्न यही होगा की क्या आप भी इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं? इसका मतलब हुआ की आप यह जानना चाहते हैं की इस बिजनेस को शुरू करने के लिए प्रमोटर की क्या योग्यता होनी चाहिए?

वैसे तो इस बिजनेस को कोई भी वह व्यक्ति शुरू कर सकता है, जिसके पास इस बिजनेस को शुरू करने के लिए उपयुक्त पैसे हैं। लेकिन क्या बिजनेस शुरू करने के लिए पैसों का होना ही पर्याप्त है? शायद नहीं, कोई भी बिजनेस शुरू करने के लिए प्रमोटर की योग्यता एवं कौशल भी मान्यता रखता है।

इसलिए इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए भी प्रमोटर को कुछ विशेष स्किल और योग्यता की आवश्यकता होती है । एक ऐसा व्यक्ति जिसने एल्युमीनियम फेब्रिकेशन में कोई कोर्स किया हुआ हो, या उसे एल्युमीनियम पार्टीशन का काम अच्छे ढंग से आता हो, वह इस तरह के बिजनेस के लिए आदर्श प्रमोटर माना जाता है।

तो आइये जानते हैं की कोई इच्छुक व्यक्ति खुद का एल्युमीनियम पार्टीशन का व्यापार कैसे शुरू कर सकता है।

एल्युमीनियम पार्टीशन का काम सीखें

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की इस तरह के बिजनेस को हर कोई नहीं कर सकता है। वह इसलिए क्योंकि इस तरह का काम करने में कई तकनिकी चीजें हैं जिनका ज्ञान होना और व्यवहारिक जानकारी होना आपके लिए आवश्यक है। इसलिए यदि आप इस तरह का बिजनेस शुरू करने का विचार कर रहे हैं तो सबसे पहले आपको एल्युमीनियम पार्टीशन का काम सीखना होगा।

यदि आपके पास एल्युमीनियम फेब्रिकेशन में कोई डिप्लोमा या सर्टिफिकेट है तो यह आपके लिए एक एड ऑन हो सकता है । लेकिन खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए काम आना तो अनिवार्य है लेकिन इस तरह के सर्टिफिकेट या डिप्लोमा अनिवार्य नहीं है ।

इसलिए आप चाहें तो किसी ऐसे उद्यमी के संपर्क में आ सकते हैं जो पहले से इस तरह का यह बिजनेस कर रहा हो और वहां पर कुछ महीनों की नौकरी या ट्रेनिंग ले सकते हैं। क्योंकि पार्टीशन करते समय आपको सटीक माप लेना, उस माप के हिसाब से एल्युमीनियम के फ्रेम तैयार करना, एल्युमीनियम शीट काटना, शीशा फिट करना, यदि यह पार्टीशन दरवाजे पर हो तो लॉक फिट करना जैसे कई ऐसे काम करने होते हैं, जो बिना व्यवहारिक प्रशिक्षण लिए नहीं हो सकते हैं ।    

दुकान के लिए जगह का चयन करें

अब आपको स्थानीय बाज़ार में या ऐसे क्षेत्र में जहाँ पर नई नई कॉलोनी कटी हों वहां पर एक दुकान का प्रबंध करना चाहिए। हालांकि इस बिजनेस में अधिकतर कार्यों को साईट पर यानिकी जहाँ पर पार्टीशन लगाना होता है, वहीँ पर अंजाम दिया जाता है। लेकिन इसके बावजूद आपको आर्डर मिलने पर कई चीजें जैसे माप के हिसाब से फ्रेम तैयार करने जैसे कार्यों को अपनी दुकान या वर्कशॉप पर भी पूर्ण करना होता है। इसके लिए आपको बहुत बड़ी दुकान की तो आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन लगभग १०० वर्ग फीट जगह की आवश्यकता तो हो ही सकती है।

ज्यादा जगह की आवश्यकता इसलिए नहीं होती है क्योंकि आपको एल्युमीनियम पार्टीशन में इस्तेमाल में लायी जाने वाली सामग्री अपनी स्टोर में भंडारित करके नहीं रखनी होती है। बल्कि जिस प्रकार ग्राहक का आर्डर आता है उसी के मुताबिक सप्लायर से माल मँगाकर इसे तैयार करना होता है। इसलिए इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए १०० वर्ग फीट जगह भी पर्याप्त रहती है ।       

जरुरी मशीनरी उपकरण खरीदें

एल्युमीनियम पार्टीशन के बिजनेस में बहुत भारी भरकम मशीनरी और उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। आम तौर पर इस तरह के पार्टीशन बनाने में एल्युमीनियम फ्रेम, एल्युमीनियम शीट इत्यादि को काटने और एल्युमीनियम फ्रेम को फिक्स करने और इंस्टाल करने के लिए जगह जगह छेद करने की आवश्यकता हो सकती है।

इसलिए इस तरह के बिजनेस को शुरू करने के लिए पेचकश, पलास, मापक फीता, अलग अलग ड्रिल मशीन, ब्लेड इत्यादि की आवश्यकता हो सकती है । शीशे को आप माप के अनुसार सीधे वहीँ से कटवा के ला सकते हैं जहाँ से आप शीशा लेने वाले हैं। यही काम आप एल्युमीनियम शीट के लिए भी कर सकते हैं। लेकिन शीशे की तुलना में एल्युमीनियम शीट को काटना बहुत ही सरल होता है।

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स्टाफ को नियुक्त करें

इस बिजनेस की खासियत यह है की इसमें आप केवल एक लड़के को ऐसा रख सकते हैं जो इस काम को अच्छी तरह जानता हो। बाकी बहुत सारे ऐसे लोग होते हैं जो इस तरह के काम को सीखना चाहते हैं इसलिए वे शुरूआती दौर में फ्री में भी काम करने को तैयार होते हैं। जैसे जैसे आपको लगे की आपका काम भी बढ़ रहा है और उन्हें काम आ भी अच्छे से रहा है तो उसके बाद आप उन्हें सैलरी देना शुरू कर सकते हैं ।

इस तरह का एक छोटे से सेटअप में भी आपको कम से कम दो बन्दों को काम पर रखने की आवश्यकता हो सकती है।   

स्थानीय बिल्डर और ठेकेदारों से संपर्क करें  

इससे पहले की आप अपने बिजनेस की मार्केटिंग करें या उसके लिए ग्राहकों को ढूंढना शुरू करें, उससे पहले आपको एक ऐसे सप्लायर का चुनाव करना है जो इस बिजनेस से सम्बंधित सभी प्रकार की सामग्री अच्छी कीमतों में प्रदान करता हो।

यह सप्लायर आपकी दुकान से बहुत ज्यादा दूर भी नहीं होना चाहिए, अन्यथा आपको ग्राहकों को सर्विस प्रदान करने में समय लग सकता है। 10-15 किलोमीटर के रेडियस में सप्लायर होगा तो आपको जब भी माल की आवश्यकता होगी आप आसानी से दुकान से उठा सकते हैं या फिर अपनी दुकान पर मँगा सकते हैं।

चूँकि यह बिजनेस (Aluminium Partition Business)  प्रत्यक्ष रूप से कंस्ट्रक्शन क्षेत्र से जुड़ा हुआ व्यवसाय है । अधिकतर लोग अपने घरों, कार्यालयों या अन्य भवनों में ही इस तरह का पार्टीशन करना पसंद करते हैं। इसलिए आप जिस भी एरिया में इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने का विचार कर रहे हैं, उस एरिया में स्थित बिल्डर, ठेकेदार, प्रॉपर्टी डीलर, राज मिस्त्रियों इत्यादि से संपर्क जरुर बनाये रखें।

एल्युमीनियम पार्टीशन बिजनेस शुरू करने में खर्चा

अब सवाल यह उठता है की इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने मेर खर्चा कितना आएगा? खर्चा इस बात पर निर्भर करेगा की प्रमोटर अपने इस बिजनेस को किस स्तर पर शुरू करना चाहता है। छोटे से स्तर पर इस बिजनेस (Aluminium Business) शुरू करने में आपकी शुरूआती लागत बहुत अधिक न आकार ₹50000 तक आ सकती है।  

शुरूआती लागत में आप सिर्फ उस पैसे को शामिल कर सकते हैं जो आप थोड़ा बहुत एकमुश्त उस दुकान के स्वामी को देने वाले हैं जो आपने किराये पर ली है। इसके अलावा ₹20000 तक में अपने सारे टूल्स इत्यादि खरीद सकते हैं। बाकी पैसे आपको अपना पहला आर्डर पूर्ण करने में इस्तेमाल में होने वाली सामग्री के लिए चाहिए होता है। या फिर आप चाहें तो कुछ पैसे अपने सप्लायर के पास पहले ही जमा करके रख सकते हैं, और बाद में जब आप ग्राहक का काम पूरा कर लें, और ग्राहक भुगतान कर दे तो आप भी सप्लायर का पूरा भुगतान कर सकते हैं।

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