सेकंड हैण्ड बाइक का बिजनेस कैसे शुरू करें?

क्या आप खुद का पुरानी बाइक बेचने का व्यापार (Second Hand Bike Selling Business) शुरू करने पर विचार कर रहे हैं? वर्तमान में हर प्रकार के लोगों को कम से कम दुपहिया वाहन की तो आवश्यकता होती ही होती है । एक मजदूर जो दिन भर किसी कंस्ट्रक्शन साईट पर मजदूरी करता है वह भी शाम को अपने घर बाइक से जाना पसंद करता है, वह इसलिए क्योंकि साइकिल इत्यादि की तुलना में बाइक से आने जाने में समय कम लगता है ।

इतना ही नहीं स्कूल, कॉलेज पढने वाले विद्यार्थी भी दुपहिया वाहन के जरिये स्कूल कॉलेज जाना पसंद करते हैं। यही कारण है की स्कूल या कॉलेज के पार्किंग जोन में आपको सैकड़ों बाइक खड़ी हुई मिल जाएँगी । नौकरीपेशा लोग भी अक्सर अपने ऑफिस या ड्यूटी पर बाइक से जाना ही पसंद करते हैं। इसका मुख्य कारण यह है की बाइक को आप जाम में भी ईधर उधर से निकालकर आगे ले जा सकते हैं।

कहने का आशय यह है की भारत की इतनी बड़ी जनसँख्या है की यहाँ पर हर किसी के बस की नई बाइक खरीदना नहीं है। होता क्या है की जो लोग समर्थ हैं वे कुछ सालों में अपनी पुरानी बाइक बेचकर नई बाइक खरीदना चाहते हैं, और जो लोग नई बाइक खरीदने में असमर्थ हैं वे लोग पुरानी बाइक खरीदना चाहते है।

भारत में ऐसी एक बहुत बड़ी आबादी है जो मोबाइल फ़ोन की तरह ही कुछ सालों में अपनी बाइक बदलते रहते हैं। ऐसे में उन्हें नई बाइक खरीदने की इतनी उत्सुकता रहती है की वे अपनी पुरानी बाइक को सस्ते दामों में भी देने को तैयार हो जाते हैं। और जो पुरानी बाइक खरीदने वाले होते हैं उनके लिए उस सेकंड हैण्ड बाइक की उपयोगिता इतनी होती है की वे उसके रीजनेबल कीमत देने को तैयार रहते हैं।

second hand bike business
Image: Second hand bike

सेकंड हैण्ड बाइक का बिजनेस करना क्यों लाभकारी हो सकता है?

जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की भारत जनसँख्या की दृष्टी से दूसरा सबसे बड़ा देश है। और यहाँ की एक बहुत बड़ी आबादी है जो अभावों में जीवन व्यतीत करती है। इसमें नौकरीपेशा, फैक्ट्री कंस्ट्रक्शन साईट पर काम करने वाले मजदूर, पढाई करने वाले विद्यार्थी इत्यादि एक बहुत बड़ी आबादी शामिल है, जो नियमित तौर पर दुपहिया वाहनों के इस्तेमाल के लिए जिम्मेदार है।   

जहाँ तक सेकंड हैण्ड बाइक खरीदने वाली आबादी की बात है, इसमें यह जरुरी नहीं है की जिसकी इनकम कम होगी, या फिर जिसकी क्षमता नई बाइक खरीदने की नहीं होगी, वही सेकंड हैण्ड बाइकखरीदेगा। बल्कि वह भी जिसे बाइक ड्राइव करना नहीं आता और वह चाहता है की उसे भी बाइक चलाना आ जाय तो ऐसे लोग भी शुरूआती दौर में सीखने के लिए सेकंड हैण्ड बाइक खरीदना पसंद करते हैं।

इंडिया एक युवा देश है और यहाँ पर ऐसे युवाओं की कोई कमी नहीं है जो नई नई बाइक खरीदने का शौक रखते हैं। यानिकी यहाँ पर ऐसे लोग भी हैं जो नए नए फीचर वाली बाइक खरीदने का शौक रखते हैं। ऐसे में जब उन्हें नई बिके खरीदनी होती है तो उससे पहले वे चाहते हैं की उनकी पुरानी बाइक बिक जाय, इसलिए उद्यमी चाहे तो इन लोगों से सस्ते दामों में सेकंड हैण्ड बाइक खरीदकर उन्हें लाभप्रद दामों में औरों को बेच सकता है ।

जितनी आबादी यहाँ पर नई नई बाइक खरीदने का शौक रखने वाले युवाओं की है, उससे कई गुना आबादी उन युवाओं की है जो या तो नई बाइक खरीदने में आर्थिक रूप से अक्षम हैं। या फिर अन्य कई कारणों से उन्हें पुरानी बाइक खरीदनी है। इसलिए इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना उद्यमी के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।

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सेकंड हैण्ड बाइक बिजनेस शुरू करने के लिए प्रमोटर कैसा होना चाहिए?

यदि प्रमोटर को पहले से बाइक रिपेयरिंग का काम आता हो तो यह उसके सेकंड हैण्ड बाइक का बिजनेस शुरू करने के लिए सबसे अच्छा महत्वपूर्ण गुण हो सकता है। क्योंकि अक्सर लोग उसी से सेकंड हैण्ड बाइक खरीदना पसंद करते हैं जहाँ पर पुरानी बाइक इत्यादि को ठीक करने का भी काम होता हो। मान लीजिये की को व्यक्ति जो अपनी पुरानी बाइक बेचने के लिए प्रयासरत है, लेकिन इसी बीच उसकी बाइक में कुछ छोटी मोटी दिक्कत आ जाती है, अब उस दिक्कत के साथ तो उसकी बाइक को कोई खरीदेगा नहीं।

चूँकि वह अपनी पुरानी बाइक को बेचना चाहता है इसलिए यह भी बहुत कम संभावना है की वह व्यक्ति उस बाइक पर बहुत ज्यादा पैसे खर्च करेगा। ऐसे में वह किसी बाइक रिपेयरिंग वाले के पास ले जाकर उसे ठीक करने में आने वाले खर्चे को जानकर उसी को उस बाइक को सस्ते दामों में बेच सकता है। और आपका फायदा यह होगा की आप उस बाइक को रिपेयर करके सेकंड हैण्ड बाइक के तौर पर बेच सकते हैं ।  

यदि आप एक बाइक रिपेयरिंग करने वाले मैकेनिक हैं, तो आपकी इस तरह के बिजनेस में सफलता की संभावना अधिक हो जाती है।

सेकंड हैण्ड बाइक का बिजनेस कैसे शुरू करें?

इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए आपको बहुत अधिक औपचारिकतायें पूर्ण करने की आवश्यकता नहीं होती हैं। यानिकी यदि आप इस व्यापार को बेहद छोटे स्तर पर शुरू कर रहे हैं, तो इसमें आपको किसी प्रकार के लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता तो नहीं होती है । लेकिन यदि उद्यमी चाहता है की भविष्य में भी उसका सेकंड हैण्ड बाइक का बिजनेस निर्बाध रूप से चलता रहे, तो इसके लिए उसे इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है।

दुकान का प्रबंध करें

इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको किसी मुख्य सड़क पर एक दुकान किराये पर लेने की आवश्यकता होती है। दुकान का मुख्य सड़क पर होना इसलिए आवश्यक है, क्योंकि आप चाहें तो वहां पर बाइक सर्विसिंग और रिपेयरिंग का काम भी कर सकते हैं।

यदि आप सेकंड हैण्ड बाइक के बिजनेस के साथ रिपेयरिंग और सर्विसिंग का भी बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो आपको थोड़ी बहुत अतिरिक्त जगह की आवश्यकता हो सकती है। आम तौर पर आपको इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए कम से कम 300 वर्गफीट में बने एक हॉल की आवश्यकता हो सकती है। जिसमें कम से कम १५ – २० बाइक आराम से खड़ी की जा सकें ।

जरुरी वित्त का प्रबंध करें

मुख्य सड़क पर दुकान आपको थोड़े महंगे दामों में मिलेगी लेकिन यहाँ पर इस तरह एक बिजनेस की चलने की संभावना भी अधिक होगी । इस बिजनेस के लिए वित्त का प्रबंध करने से पहले यह जरुरी हो जाता है की आपको अपने बिजनेस में आने वाली लागत का पता होना चाहिए।

इस बिजनेस को शुरू करने में जो आपकी प्रमुख लागत होगी वह होगी पुरानी बाइकों को खरीदने में आने वाली लागत, यदि आप दस बाइक से भी इस तरह का यह बिजनेस शुरू करते है। और एक सेकंड हैण्ड बाइक की औसतन कीमत 20 हज़ार रूपये लगाते हैं, तो इस तरह से आपको ₹2 लाख तो केवल सेकंड हैण्ड बाइक खरीदने के लिए चाहिए।

दुकान का किराया या सिक्यूरिटी अमाउंट के रूप में दी जाने वाली एकमुश्त राशि अलग है। कहने का आशय यह है की आपको अपनी बिजनेस की योजना के मुताबिक इस बिजनेस के लिए वित्त का प्रबंध करना होगा।     

लाइसेंस प्राप्त करें

यद्यपि छोटे स्तर पर यदि आप मात्र १-२ बाइक से घर से ही इस बिजनेस की शुरुआत कर रहे हैं तो आपको किसी प्रकार के लाइसेंस लेने की अनिवार्यता नहीं होती है। लेकिन यदि आप शुरूआती दौर में 10-15बाइक से इस बिजनेस की शुरुआत कर रहे हैं, और आगे इस बिजनेस को लेकर और बड़े लक्ष्यों को हासिल करने के प्रति तटस्थ हैं, तो आपको निम्नलिखित लाइसेंस और पंजीकरण करा ही लेने चाहिए।

  • अपने बिजनेस को प्रोप्राइटरशिप फर्म के तौर पर रजिस्टर कर सकते हैं।
  • टैक्स रजिस्ट्रेशन के तौर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराएँ।
  • स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं।
  • समबन्धित आरटीओ में अपने बिजनेस का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।  

सस्ते दामों में जो बाइक बेचना चाहते हैं उन्हें ढूंढें

लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर लेने के बाद अब आपका अगला कदम उन लोगों को ढूँढने का होना चाहिए, जो अपनी पुरानी बाइक बेचना चाहते हैं। हालांकि यदि आपने अपनी दुकान के आगे पुरानी बाइक खरीदने और बेचने का बोर्ड लगा रखा है, तो हो सकता है की कुछ ग्राहक जो खुद की पुरानी बाइक बेचना चाहते हों, वे आपकी दुकान पर ही आ जाएँ।

लेकिन आपको खुद भी सस्ते दामों में पुरानी बाइक खरीदने की भरपूर कोशिश करनी चाहिए। यदि आप बाइक रिपेयरिंग का काम जानते हैं तो आपको पता होगा की किस तरह की बाइक को खरीदना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। जितने कम दामों में आप बाइक खरीद पाएंगे उतने ही अच्छे ऑफर आप अपनर ग्राहकों को भी दे पाएंगे और इस प्रतिस्पर्धा के माहौल में अपने बिजनेस को सफलतापूर्वक चला पाएंगे।

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सेकंड हैण्ड बाइक के लिए ग्राहक ढूंढें

यदि आप खुद एक बाइक मैकेनिक हैं तो पुरानी बाइक खरीदते समय आपने उसको अच्छे ढंग से चेक किया होगा और उसके बाद उसे उसी हिसाब से ख़रीदा होगा । कहने का आशय यह है की जो बाइक आपने खरीदी होगी उसमें क्या क्या कमियाँ हैं यह पता आपको बाइक खरीदते समय ही चल गया होगा और आपने यह भी अनुमान लगा दिया होगा की आप उस बाइक को ढंग से रिपेयर करके कितने तक में बेच सकते हैं।

जब आप पुरानी बाइक खरीद लेते हैं तो उसके बाद आपको उसमें काम कराने की आवश्यकता होती है। बाइक को नया लुक देने के लिए आप चाहें तो पेन्ट इत्यादि भी करा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे बाइक की कोई भी टेक्निकल समस्या को आप प्राथमिकता के साथ हल करें। क्योंकि यदि किसी ग्राहक को आपके द्वारा बेचीं गई सेकंड हैण्ड बाइक में कुछ ही दिनों में कुछ समस्या आने लगती है, तो यह आपके बिजनेस के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

हालांकि यह सच है की पुरानी बाइक से लोगों की उम्मीदें नई बाइक जैसी तो नहीं होंगी, लेकिन फिर भी वे चाहेंगे की पुरानी बाइक खरीदकर भी उन्हें कुछ महीनों तक सर्विस के अलावा और किसी तरह का काम बाइक में न कराना पड़े। यदि आप ऐसा करने में कामयाब हो जाते हैं तो आप इस बिजनेस (Second Hand Bike Business) से अच्छी खासी कमाई कर पाने में सफल हो सकते हैं।

सेकंड हैण्ड बाइक का बिजनेस शुरू करने में कितना खर्चा आएगा?

इस बिजनेस में आने वाला खर्चा इस बात पर निर्भर करता है की आप इस तरह के इस बिजनेस को किस स्तर पर शुरू करना चाहते हैं। यदि आप केवल एक बाइक खरीदकर फिर उसे घर पर ही रिपेयरिंग करके लाभप्रद दामों में बेचना चाहते हैं, तो आप इस बिजनेस को ₹25-30 हज़ार से भी शुरू कर सकते हैं। क्योंकि इस स्तर पर आप घर से ही यह बिजनेस कर रहे होते हैं इसलिए न तो आपको दुकान का किराया देने की आवश्यकता होती है, और न ही एक बार में बहुत अधिक बाइक एक साथ खरीदने की।

लेकिन यदि आप इस बिजनेस को कम से कम १० पुरानी बाइक से शुरू कर रहे हैं, और दुकान भी किसी मुख्य मार्ग पर किराये पर लेने की योजना है तो आपको सेकंड हैण्ड बाइक का बिजनेस शुरू करने के लिए कम से कम ₹3 लाख की आवश्यकता हो सकती है।

सेकंड हैण्ड बाइक किससे खरीदें?

ऐसे लोग जो अपनी पुरानी बाइक बेचकर नई बाइक खरीदना चाहते हैं, या जो एक शहर से दुसरे शहर में शिफ्ट हो रहे हैं वे भी अक्सर सस्ते दामों में अपनी बाइक बेच देते हैं।

सेकंड हैण्ड बाइक किसको बेचें?

वर्तमान में ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है जो अच्छी कंडीशन वाली सेकंड हैण्ड बाइक खरीदने के लिए तैयार रहते है। नौकरीपेशा, स्टूडेंट एवं अन्य लोग जो नई बाइक खरीदने में अक्षम हैं उन्हें आप सेकंड हैण्ड बाइक बेच सकते हैं।  

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