छाता बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? Umbrella Making Business Plan in Hindi.

कहीं आप छाता बनाने के व्यापार(Umbrella Making Business ) के बारे में जानने के इच्छुक तो नहीं हैं । छाते का इस्तेमाल आपने बारिश में होते हुए बहुत देखा होगा। जी हाँ जब बारीश होती है तो लोग घरों से बाहर निकलने के लिए छाते का इस्तेमाल करते हैं ताकि बारिश के छींटे उनको भिगो न पायें ।

ऐसा है की मौसम और ऋतुओं में बदलाव होता रहता है, लेकिन मौसम और ऋतु के हिसाब से मनुष्य अपने काम धंधे में तो बदलाव नहीं कर सकता। कहने का मतलब यह है की चाहे धुप हों, या छाँव, बारीश हो या कुछ भी लोगों को अपने अपने काम धंधों जैसे नौकरीपेशा वाले लोगों को अपने ऑफिस, दुकानदारों को अपनी दुकान में बच्चों को अपने स्कूल, कॉलेज इत्यादि में तो जाना ही पड़ता है।

आम तौर पर पहले छाते का इस्तेमाल सिर्फ बारीश में ही किया जाता था, लेकिन वर्तमान में धुप की तेज किरणों से बचने के लिए भी छाते का इस्तेमाल किया जाता है। मई जून की भीषण गर्मी में जब सूर्य की किरणें तीव्र होती हैं तब कोई भी व्यक्ति बिना छाते के दोपहर में घर से बाहर निकलने की हिम्मत शायद ही कर सकता है।

इसके अलावा वर्तमान में बड़े बड़े छातों का इस्तेमाल कई विक्रेता कई तरह की चीजों को बेचने के लिए भी करते हैं। समुद्र के किनारे इन छातों का इस्तेमाल होते हुए देखा जा सकता है, होटल ढाबों इत्यादि के बाहर धुप या वर्षा से बचने के लिए भी बड़े छातों का इस्तेमाल किया जाता है।

कुल मिलाकर देखें तो बदलते समय के साथ छातों के इस्तेमाल में बढ़ोत्तरी हुई है इसलिए इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना आज भी लाभकारी बिजनेस माना जा सकता है।

umbrella making business
Image: Umbrella Making Business in Hindi

छाता बनाने का बिजनेस क्या होता है

छाता यानिकी धुप और वर्षा से बचाने के साधन के रूप में इस्तेमाल में लायी जाने वाली वस्तु जिसके ऊपर की तरफ एक नायलॉन का कपडा जिसमें पानी बिलकुल ठहरता नहीं है विभिन्न तीलियों और बीच में लोहे या स्टील की डंडे की मदद से लगाया जाता है । जब छाते को खोला जाता है तो छाते पर लगी तीलियाँ फ़ैल जाती है जिससे छाते पर लगा कपडा भी फ़ैल जाता है और इस प्रकार आदमी बारीश या धुप में उस छाते के अन्दर आसानी से समा सकता है ।

जब किसी उद्यमी द्वारा लाभ कमाने के उद्देश्य से छातों का निर्माण किया जाता है तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह काम ही छाता बनाने का बिजनेस कहलाता है।

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छाता बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Umbrella Making Business):

यदि आप छाता बनाने का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं , तो सबसे पहले आपको इस बात का निर्णय लेना होता है की आप किस तरह के छातों का निर्माण करना चाहते हैं। वर्तमान अधिकतर छाते व्यक्तिगत उपयोग के लिए बनाये जाते हैं, इन्हें कोई भी व्यक्ति आसानी से ईधर उधर अपने साथ ओढ़कर या फिर बंद करके ले जा सकता है ।

हालांकि इनमें भी एक बटन वाले जिनका आकार छोटा होता है और एक सिटकनी वाले जिनका आकार बटन वाले छातों की तुलना में बड़ा होता है आते हैं। लेकिन ढकने की क्षमता दोनों तरह के छातों की लगभग एक जैसी ही होती है।

इसके अलावा कुछ बड़े छाते जिनका इस्तेमाल स्ट्रीट वेंडर धुप या फिर बारीश से बचने के लिए करते हैं, और इन्हीं बड़े छातों का इस्तेमाल कुछ होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट इत्यादि भी अपने ग्राहकों को अपने प्रांगण में बिठाने की सुविधा देने के लिए करते हैं। इसके अलावा समुद्र तटों में धुप इत्यादि से बचने के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाता है।

तो आइये जानते हैं की कोई इच्छुक व्यक्ति खुद का छाता बनाने का बिजनेस कैसे शुरू कर सकता है ।

छाता बनाने के लिए जगह का प्रबंध करें

यदि आप स्वयं का छाता बनाने का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले उस जगह या दुकान का प्रबंध करना हिगा जहाँ पर आप इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने का विचार कर रहे हैं। हालांकि इस बिजनेस के लिए कितनी जगह या कितनी बड़ी दुकान उपयुक्त होगी वह इस बात पर निर्भर करेगा की, आपने कौन कौन से छाते बनाने का निर्णय लिया है।

यदि आपने वर्तमान में चलने वाले सभी प्रकार के छातों को बनाने का निर्णय लिया है तो फिर आपको थोड़ी बड़ी जगह यहाँ तक की 200 से 250 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता हो सकती है। इस बिजनेस की अच्छी बात यह है की इसमें आपको किसी प्रकार की कोई हैवी मशीन का इस्तेमाल नहीं करना होता है। इसलिए आपका कम जगह में भी काम चल जाता है।

लेकिन इस 250 वर्ग फीट जगह को आपको कम से कम तीन हिस्सों वर्कशॉप जहाँ पर आप छाते का निर्माण करेंगे, कच्चे माल और तैयार माल के लिए स्टोर रूम एवं एक छोटे से ऑफिस में विभाजित करना होता है। यदि आप दुकान जगह किराया या लीज पर ले रहे हैं तो एग्रीमेंट बनाना बिलकुल न भूले।

जरुरी लाइसेंस प्राप्त करें

यद्यपि इस तरह के बिजनेस को बेहद छोटे स्तर पर शुरू करने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस और पंजीकरण की अनिवार्यता नहीं होती है। लेकिन वर्तमान में जिस प्रकार जीएसटी टीम के छापे पड़ रहे हैं उसको देखते हुए तो यही कहा जा सकता है की आप अपने बिजनेस को पहले से ही पूरे विधि विधान से शुरू करें, ताकि आप इस रेस में लम्बे जा पाएँ।

  • सबसे पहले आप चाहें तो अपने बिजनेस को प्रोप्राइटरशिप फर्म के तौर पर रजिस्टर करें।
  • अपने बिजनेस का कर पंजीकरण यानिकी जीएसटी पंजीकरण कराएँ।
  • व्यवसाय के नाम से पैन कार्ड बनाएँ और बैंक में चालू खाता खोलें।
  • यदि आप चाहते हैं किसी सरकारी प्रोजेक्ट के जरिये भी आपको काम मिले तो आप अपने बिजनेस का उद्यम रजिस्ट्रेशन भी करा सकते हैं।
  • यदि अपने बनाये हुए छातों को स्वयं के ही ब्रांड नाम से बेच रहे हैं तो ब्रांड नाम की सुरक्षा के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन भी अवश्य कराएँ ।
  • लोकल अथॉरिटी से ट्रेड लाइसेंस भी प्राप्त करें।       

आवश्यक मशीनरी और कच्चा माल खरीदें

छाता बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी और उपकरणों की लिस्ट भी बिजनेस के आकार के आधार पर अलग अलग हो सकती है । वैसे देखा जाय तो बेहद छोटे स्तर पर इस बिजनेस को घर से भी शुरू किये जा सकता है । जहाँ पर मशीनरी के तौर पर सिलाई मशीन, हथौड़ी, कैंची, छेन, रैक्स, कटिंग टेबल इत्यादि का इस्तेमाल किया जा सकता है । लेकिन एक व्यवसायिक उत्पादनकरने वाली इकाई शुरू करने के लिए निम्नलिखित मशीनरी की आवश्यकता हो सकती है।

  • पॉवर प्रेस
  • रिब बनाने वाली मशीन
  • वायर कटिंग मशीन
  • सुराख़ करने वाली मशीन
  • शीयरिंग मशीन
  • रोलिंग मशीन
  • वेल्ड करने वाली वेल्डिंग मशीन
  • बफिंग मशीन
  • ग्राइंडर
  • ट्यूब कटर
  • हुक बनाने वाली मशीन
  • पावरफुल ड्रिल मशीन जो समुद्र तट पर भी ड्रिल करने में सक्षम हो
  • इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन
  • कपड़ा कटाई करने वाली मशीन
  • कटिंग टेबल  

छाता बनाने के बिजनेस में इस्तेमाल में लाई जाने वाली कच्चे माल की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • नायलॉन का कपडा या वाटर प्रूफ कपड़ा जिससे छाता बनाया जाता है।
  • अम्ब्रेल्ला रिब्स
  • ब्रास के रिंग
  • माइल्ड स्टील से निर्मित पाइप जिसका इस्तेमाल छाते के बीच में किया जाता है।
  • प्लास्टिक के हैंडल
  • स्प्रिंग और क्लिप्स
  • स्लोटेद कैप पाइप
  • धागा
  • इलास्टिक टेप
  • रनर  

  यह सभी मशीनरी और सामग्री देश के बड़े महानगरों और मेट्रो सिटीज में आपको आसानी से मिल जाएगी। आप चाहें तो ऑनलाइन प्लेटफोर्म का सहारा भी मशीनरी और कच्चे माल का सप्लायर ढूँढने के लिए कर सकते हैं।  

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जरुरी स्टाफ नियुक्त करें

इस तरह का यह बिजनेस सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए आपको कम से कम दो स्किल और दो अनस्किल्ड कर्मचारियों को काम पर रखने की आवश्यकता हो सकती है। छाता बनाने से लेकर उन्हें होटल ढाबों या समुद्र के किनारे इंस्टाल करने के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता तो आपको होगी ही।

यदि आपको भी छाते बनाने के व्यवसाय का पुराना कोई बहुत अधिक अनुभव नहीं है तो आपकी कोशिश किसी अनुभवी कर्मचारी को नियुक्त करने की होनी चाहिए, जिसने पहले इस तरह की इकाई में काम किया हुआ हो ।

छाता बनाना शुरू करें

उपर्युक्त बताई गई मशीनरी और कच्चे माल से छातों की निर्माण प्रक्रिया (Umbrella Manufacturing Process) बहुत ही आसान हो जाती है। इसमें तार काटने वाली और सीधे करने वाली मशीन से छाता बनाने के लिए तार को आवश्यक लम्बाई में काटा जाता है। इस मशीन की खासियत यह है की यह तार को काटती भी है और सीधा भी करती है। उसके बाद कटे हुए तारों के शीर्ष और निचले भागो को चपटा कर लिया जाता है और उनमें सुराख़ कर लिया जाता है।

छाते में लगने वाली बड़ी तार के बीच वाले भाग को भी चपटा करके उसमें छेद कर लिए जाते हैं, ताकि इसमें छोटी तारों को आसानी से फिट किया जा सके। उसके बाद इनमें क्लिप्स लगाये जाते हैं और छठा बनाने की आगे की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है ।

कुल मिलाकर देखें तो उपर्युक्त बताई गई मशीन और कच्चे माल से छाते का निर्माण आसानी से किया जा सकता है। उद्यमी चाहे तो इस बिजनेस (Umbrella Making Business) के लिए इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी और कच्चे माल विक्रेता से इसकी निर्माण प्रक्रिया का प्रशिक्षण भी प्राप्त कर सकता है।

छाते कितने प्रकार के होते हैं?

डिजाईन के आधार पर छाते कई प्रकार के हो सकते हैं लेकिन इनमें बटन वाले और सिटकनी वाले छाते प्रमुख हैं । इसके अलावा समुद्र तट पर इस्तेमाल में लाये जाने वाले छाते और होटल ढाबों के बाहर इस्तेमाल में लाये जाने वाले छाते व्यक्तिगत इस्तेमाल में लाये जाने वाले छातों की तुलना में बहुत बड़े होते हैं।

छाता बनाने का बिजनेस करने के लिए कच्चा माल और मशीनरी कहाँ से खरीदें?

इस बिजनेस में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी और कच्चा माल किसी भी बड़े महानगर में आसानी से मिल जाती है। दिल्ली, अहमदाबाद, बैंगलोर, कोलकाता इत्यादि शहरों में इस तरह की मशीनरी आसानी से मिल सकती है।

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