पैकिंग और मूविंग बिजनेस कैसे शुरू करें. Packers and Movers Business in India.

आज के युग में मनुष्य अपने पूरे जीवनकाल में पता नहीं कितने घर बदलता है Packers and Movers की भूमिका भी लोगों के शिफ्ट होने या फिर माल, सामान इत्यादि को एक स्थान से दुसरे स्थान पर भेजने में अहम् है। वैसे देखा जाय तो कई कारणों से लोग पेशेवर मूविंग कंपनी की तलाश में रहते हैं लेकिन इनमें से एक जो प्रमुख कारण है वह यह है की जब लोग अपने घर का स्थानान्तरण, ऑफिस का स्थानान्तरण कर रहे होते हैं तो उन्हें Packers and Movers की सर्विस लेने की आवश्यकता होती है।

बड़ी मूविंग कम्पनीयाँ अंतराष्ट्रीय स्थानान्तरण और कारों को ट्रांसपोर्ट करने का भी काम करती हैं। यही कारण है की शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के चलते इस औदयोगिक क्षेत्र में भी अपार वृद्धि देखी जा सकती है। आधुनिक जीवनशैली में घरों और ऑफिस का स्थानान्तरण एक आम गतिविधि बन गई है और लोग अपनी पेशेवर जरूरतों के लिए एक शहर से दुसरे शहर एक जगह से दूसरी जगह स्थानान्तरित होते रहते हैं और किसी भी परिवार के लिए स्थानान्तरण की यह प्रक्रिया काफी थकाने वाली होती है। इसलिए इस थकान को कम करने के लिए आम तौर पर लोग परिवहन कंपनी के बजाय प्रोफेशनल Packers and Movers को यह जिम्मेदारी देना पसंद करते हैं।

अब वे दिन गए जब एक व्यक्ति एक ही स्थान या शहर में जन्म लेता था और ताउम्र वहीँ रहता था लेकिन आज अधिकांश भारतीय अपनी जीवनशैली को बेहतर करने के लिए स्थानान्तरण के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। नए व्यक्ति को जिस भी शहर में जॉब मिल जाती है वह वहां स्थानांतरित हो जाता है और पहले से जॉब कर रहे व्यक्ति को  ट्रान्सफर, प्रमोशन इत्यादि के कारण स्थानांतरित होना पड़ता है। बेहतर नौकरी के अवसरों, प्रमोशन के अवसरों या पहले से लगी नौकरी को कोई खोना नहीं चाहता यही कारण है की लोगों को अपनी पेशेवर जरूरतों के हिसाब से स्थानान्तरित होना पड़ता है। और इसी कारण लोगों को Packers and Movers की सर्विस लेने की आवश्यकता होती है।

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पैकर्स और मूवर्स बिजनेस क्या है (What is Packers and Movers Business):

जैसा की Packers and Movers नाम से ही स्पष्ट है इस तरह की बिजनेस इकाई अपने ग्राहकों को माल, समान इत्यादि पैकिंग करके एक स्थान से दुसरे स्थान या एक शहर से दुसरे शहर को स्थानान्तरण की सुविधा प्रदान करती है। कहने का आशय यह है की जब लोगों को किसी कारणवश अपना घर या ऑफिस एक स्थान से दुसरे स्थान या फिर एक शहर से दुसरे शहर में स्थानान्तरण करने की आवश्यकता होती है उस समय पैकिंग और मूविंग कंपनी उनके सामान को सुरक्षित निर्धारित स्थान तक पहुँचाती है। अब चूँकि यह लोगों के स्थानान्तरण से जुड़ा हुआ व्यवसाय है और लोग रोज रोज तो शिफ्ट होते नहीं है लेकिन महानगरों में यह सिलसिला जारी रहता है कभी कोई कभी कोई शिफ्ट होता रहता है। लेकिन छोटे शहरों में रोज ग्राहक मिल पाना असम्भव है इसके बावजूद इस व्यवसाय में कम प्रोजेक्ट मिलने पर भी अच्छी खासी कमाई की जा सकती है।

पैकर्स और मूवर्स द्वारा क्या क्या सर्विस दी जाती हैं

Packers and Movers बिजनेस से जुड़ी इकाइयाँ व्यक्तिगत व्यक्तियों, संगठनों, व्यवसायों इत्यादि को अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं वे ग्राहकों को एंड टू एंड और शिफ्टिंग सेवाओं की पेशकश करते हैं। इसमें घरेलू और व्यवसायिक माल और समानों की पैकिंग, लोडिंग, परिवहन, अनलोडिंग और उस समान को पुन: वैसे ही व्यवस्थित ढंग से रखना शामिल है। इस तरह की इकाइयों द्वारा निम्न तरह की सेवाओं की पेशकश की जाती है।

  • स्थानीय शिफ्टिंग
  • अंतराज्यीय रिलोकेशन सर्विस
  • घरेलू और ऑफिस रिलोकेशन
  • वाणिज्यिक और औद्योगिक माल परिवहन
  • पैकिंग और अनपैकिंग सेवाएं
  • कार और बाइक परिवहन
  • डोर टू डोर सर्विस
  • वेयरहाउसिंग और माल भंडारण सेवा     

इसका मतलब यह है की जब किसी व्यक्ति या ऑफिस को समान सहित किसी अन्य स्थान या शहर में जाना पड़ता है तो उस समय उसके समान की पैकिंग से लेकर उसे वांछित स्थान तक पहुँचाने की जिम्मेदारी Packers and Movers इकाइयाँ लेती हैं। इसके अलावा कई लोग ऐसे भी होते हैं जो सम्पूर्ण पैकिंग और मूविंग सर्विसेज नहीं लेते बल्कि केवल पैकिंग या केवल परिवहन की सर्विसेज ही लेते हैं।

पैकर्स और मूवर्स सेवा किसे चाहिए  

Packers and Movers सर्विस की आवश्यकता हर उस व्यक्ति, परिवार, ऑफिस, कॉर्पोरेट घरानों होती है जो एक स्थान से दुसरे स्थान एक शहर से दुसरे शहर समान सहित शिफ्ट होना चाहते हैं। जहाँ तक व्यक्तिगत व्यक्तियों का सवाल है ये आम तौर पर अपने पेशेवर जरूरतों के आधार पर स्थानांतरित होते हैं। और यह भी आवश्यक नहीं है की केवल परिवार ही एक स्थान से दुसरे स्थान पर स्थानांतरित होती हैं बल्कि कभी कभी बड़ी बड़ी फर्में भी अपने ऑफिस और कार्यक्षेत्र को एक शहर से दुसरे शहर में स्थानांतरित करते हैं। जो लोग किराये के मकानों में रहते हैं उन्हें अपने घरों में स्थानांतरित करने की आवश्यकता होती है।

इसलिए इस तरह के व्यवसाय के लिए मूल रूप से ग्राहक का कोई विशेष वर्ग निर्धारित नहीं है छोटे व्यवसायों से लेकर कॉर्पोरेट घरानों को और व्यक्तिगत व्यक्ति से लेकर परिवार तक सभी इसके ग्राहक हो सकते हैं। ग्राहक Packers and Movers इकाई से उनके माल या समान की सुरक्षा, समय पर डिलीवरी, अच्छी सर्विस, स्पष्ट नियम एवं शर्तों इत्यादि अपेक्षाएं रखती है।

पैकर्स और मूवर्स बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to Start Packers and Movers Business in India):

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की Packers and Movers एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें नियमित ग्राहक मिलना मुश्किल है और छोटे शहरों, नगरों में तो यह मुश्किल और बड़ी है। इसलिए सबसे पहले उद्यमी को इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए एक अच्छे से शहर का चुनाव करना होगा । तो आइये जानते हैं की कैसे कोई इच्छुक व्यक्ति खुद का पैकिंग और मूविंग बिजनेस शुरू कर सकता है।

1. शहर का चुनाव करें (Choose City for packers and Movers Business):

यह एक ऐसा व्यवसाय है जो शायद हर शहर या नगर में नहीं चल सकता इसलिए इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए स्थान या शहर का चुनाव व्यवसाय या कंपनी की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुंबई, पुणे, बैंगलोर, दिल्ली,  हैदराबाद, गुरुग्राम, नोएडा, अहमदाबाद इत्यादि महानगरों में इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना लाभकारी हो सकता है। हालांकि इन शहरों में पहले से ही कई मूवर्स कम्पनियां इस काम में कार्यरत हैं इसलिए नए उद्यमी के लिए अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक संचालित करना और उससे लाभ कमाना इतना आसान नहीं रहने वाला है। हालांकि यदि उद्यमी को लगता है की महानगरों में उन्हें कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा तो वे अच्छी तरह रिसर्च करने के बाद किसी ऐसे शहर का चुनाव भी Packers and Movers Business के लिए कर सकते हैं जहाँ अभी तक इनका अभाव है।   

2. सर्विस एरिया का चुनाव करें

जिस शहर का चुनाव आपने अपने व्यवसाय को शुरू करने के लिए किया है वहाँ से उद्यमी अन्य किन किन शहरों में अपनी सर्विस प्रदान करेगा यानिकी उद्यमी का सर्विस एरिया क्या होगा अब इसका चुनाव करना होगा। जिस शहर का चयन आपने अपने Packers and Movers Business शुरू करने के लिए किया है वहां पर आपको अपना ऑफिस या प्रधान कार्यालय स्थापित करना होगा। और साथ में यह भी देखना होगा की उस कार्यालय से आप कहाँ कहाँ तक अपनी सर्विस प्रदान कर पाएंगे। जैसे यदि उद्यमी का ऑफिस या प्रधान कार्यालय दिल्ली में है तो वह अपने सर्विस एरिया के तौर पर गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद इत्यादि को निर्धारित कर सकता है। इसलिए उद्यमी को अपने व्यवसाय के लिए शहर का चुनाव करने के पश्चात सर्विस एरिया का भी चुनाव अवश्य करना चाहिए।    

3. अपने बिजनेस के लिए नाम का चयन करें

अब उद्यमी का अगला कदम अपने व्यवसाय के लिए नाम का चयन करने का होना चाहिए ध्यान रहे व्यवसाय का नाम व्यवसाय की प्रकृति से मेल खाता हो। स्टार्टअप का नाम चुनना भी एक बेहद महत्वपूर्ण निर्णय होता है इसलिए सभी बातों को ध्यान में रखकर ही इसका चुनाव करना चाहिए। नाम सर्च करने के लिए उद्यमी मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स की वेबसाइट का इस्तेमाल कर सकता है और यदि मनमुताबिक नाम मिल जाता है तो उसे रजिस्टर करना भी न भूलें ताकि अन्य कोई व्यक्ति आपके व्यवसाय जैसा नाम दुबारा नहीं ले पाए।    

4. वित्त का प्रबंध करें (Arrange fund for Packers and Movers Business)

अन्य व्यवसायों की ही तरह Packers and Movers Business के लिए भी वित्त का प्रबंध करने की आवश्यकता होती है लेकिन शुरूआती दौर में इस व्यवसाय को कम निवेश के साथ भी शुरू किया जा सकता है। क्योंकि अक्सर लोगों को ये ग़लतफ़हमी रहती है की इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए बहुत सारे कर्मचारियों और वाहनों. ड्राईवरों इत्यादि की आवश्यकता होती है जबकि सच्चाई यह है की आप इन सबको तभी दैनिक मजदूरी या किराये पर नियुक्त कर सकते हैं जब आपको कोई प्रोजेक्ट मिल गया हो। हाँ इतना जरुर है की मजदूरों, ड्राइवरों, ट्रांसपोर्टर इत्यादि के साथ उद्यमी का टाई अप या संपर्क अवश्य होना चाहिए। उद्यमी को ऑफिस किराये पर लेने की आवश्यकता होती है, ऑफिस के लिए फर्नीचर. कंप्यूटर, प्रिंटर इत्यादि खरीदने की आवश्यकता होती है।

इसके अलावा रजिस्ट्रेशन में कुछ लागत और टूल्स उपकरण और ऑफिस में एक दो कर्मचारी नियुक्त करने की भी आवश्यकता हो सकती है। इस प्रकार से उद्यमी इस व्यवसाय को शुरू करने में आने वाली लागत की गणना करके वित्त का प्रबंध औपचारिक ऋणों, व्यक्तिगत बचत या फिर बैंक ऋणों इत्यादि के माध्यम से कर सकता है।     

5. लाइसेंस और पंजीकरण लें

खुद का Packers and Movers Business शुरू करने के लिए उद्यमी को निम्नलिखित लाइसेंस और पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है।

  • उद्यमी को अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप, वन पर्सन कंपनी इत्यादि में से किसी एक के तहत रजिस्टर करने की आवश्यकता होती है।
  • उद्यमी को स्थानीय प्राधिकरण से शॉप्स एंड एस्टाब्लिश्मेंट लाइसेंस लेने की भी आवश्यकता हो सकती है।
  • जीएसटी रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है।
  • व्यवसाय के नाम से पैन और बैंक में चालू खाता खोलने की भी आवश्यकता हो सकती है। 
  • उद्यमी चाहे तो अपने व्यवसाय को उद्यम पोर्टल में रजिस्टर करा सकता है।
  • खुद का ब्रांड स्थापित करने और उसे सुरक्षित करने के लिए उद्यमी को ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता हो सकती है।     

6. ऑफिस स्थापित करें

Packers and Movers Business के लिए ऑफिस होना नितांत आवश्यक है जहाँ पर उद्यमी के ग्राहक उससे मिल सकें और वहां से वह व्यवसाय सम्बन्धी अन्य कार्य पूर्ण कर सके। इसके अलावा लोग इस तरह की जिम्मेदारी देने से पहले उद्यमी से उसके कार्यालय का पता पूछेंगे ताकि कुछ भी गड़बड़ होने पर वे वहां आसानी से पहुँच सकें। ऑफिस होना प्रमाणिकता की एक पहचान है उद्यमी चाहे तो छोटा सी जगह किराये पर लेकर वहां फर्नीचर, कंप्यूटर इत्यादि लगवाकर अपना ऑफिस स्थापित कर सकता है ।  

7. टूल्स और उपकरण खरीदें

Packers and Movers व्यवसाय का यह एक ऐसा प्रारूप है जिसमें उद्यमी को न तो स्थायी तौर पर कर्मचारियों की नियुक्ति करनी है और न ही स्थायी तौर पर कोई वाहन खरीदकर रखना है। क्योंकि खुद का वाहन खरीदने और कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति करने में बहुत अधिक पैसा खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है इसलिए जरुरत पड़ने पर इन्हें किराये पर लिया जा सकता है। लेकिन उद्यमी को पैकिंग करने में सहायक सामग्री पैकिंग उपकरण, टेप, गत्ते के बॉक्स, थर्माकोल, बबल पेपर, कैंची और मूविंग उपकरणों को खरीदने की आवश्यकता हो सकती है।   

8. ग्राहक ढूंढें और कमायें (Find Customer and Earn From packers and Movers Business)

अब जब Packers and Movers Business के लिए सभी प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली गई हैं तो अब अगला कदम ग्राहक ढूँढने का होना चाहिए। इसके लिए उद्यमी को अपने व्यवसाय के नाम की एक वेबसाइट बनानी होगी और उसमें अपने संपर्क सूत्र, कीमत, ऑफर सेवाएं इत्यादि सभी जानकारी उल्लेखित करनी होगी। इसके अलावा उद्यमी विज्ञापन और प्रचार के तरीकों के माध्यम से भी ग्राहक पाने की कोशिश कर सकता है। लेकिन उसे सोशल मीडिया, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, गूगल एड इत्यादि को भी नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

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