जैसा की हम सबको अच्छी तरह से ज्ञात है की वर्तमान में लगभग सारी दुनिया कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से अपने घरों में कैद रहने को मजबूर है । जी हाँ दोस्तों वर्तमान में कोरोना वायरस नामक महामारी विश्व के लगभग सभी देशों में फ़ैल चुकी है और अब तक लाखों लोगों का जीवन इस बीमारी के कारण समाप्त हो गया है। अब जब पूरी दुनिया घर में कैद रहने को मजबूर है तो सारी आर्थिक गतिविधियों पर एक विराम सा लग गया है।
अर्थात कहने का आशय यह है की इस महामारी का लगभग सभी औद्योगिक क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ा है और छोटे स्तर पर तो कई बिजनेस फण्ड इत्यादि की कमी के चलते बंद होने के कगार पर पहुँच गई हैं। लेकिन इन सबके बावजूद अभी तक किसी को कुछ पता नहीं है की कोरोना नामक यह महामारी समस्त मानवजाति का पीछा कब छोड़ेगी। वैसे आम तौर पर देखा जाय तो लॉकडाउन के कारण सभी बिजनेस बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं लेकिन इन सबके बावजूद कुछ ऐसे बिजनेस हैं जिन पर इस महामारी काल का प्रभाव कम हुआ है या फिर हुआ ही नहीं।
इसलिए आज हम हमारे इस लेख में कुछ ऐसे बिजनेस के बारे में जानने का प्रयत्न कर रहे हैं जिन पर कोरोना वायरस का कुछ अधिक बूरा प्रभाव देखने को नहीं मिला है। बल्कि इस बीमारी ने मास्क एवं सैनिटाईजर उद्योगों के लिए नए अवसर खोल दिए और वर्तमान परिदृश्य में इनकी आवश्यकता अत्यंत आवश्यक हो गई है।

1. कृषि उत्पादों का व्यवसाय
इस कोरोना के दौर में एक बात तो साबित हो गई है की भले ही मनुष्य कितनी आलीशान जिन्दगी क्यों न जी रहा हो लेकिन उसके लिए भी सबसे आवश्यक वस्तुएं एवं चीजें वहीँ है जो एक गरीब के लिए हैं। अर्थात खाने पीने एवं स्वास्थ्य से सम्बंधित चीजें मुख्य हैं और लॉकडाउन में सरकार ने इन्हीं आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को खोले रखने के निर्देश दिए थे।
यद्यपि जब शुरूआती दौर में लॉकडाउन हुआ था तो लोगों ने अनाज, दालें एवं खाने पीने की अन्य वस्तुएं एकत्रित करनी शुरू कर दी थी। जिसके कारण कृषि उत्पादों की बिक्री जमकर हुई। हालांकि साग, सब्जी इत्यादि के ट्रांसपोर्टेशन एवं वितरण में मंडिया बंद होने के कारण व्यवधान जरुर उत्पन्न हुआ लेकिन लोगों ने इस लॉकडाउन के दौर में भी साग सब्जी इत्यादि खरीदना नहीं छोड़ा। इसलिए कहा जा सकता है की कृषि से सम्बंधित उत्पादों पर कोरोना वायरस का नकारात्मक असर देखने को नहीं मिला है।
2. ऑनलाइन स्ट्रीमिंग व्यापार
चूँकि लॉकडाउन की वजह से पूरी दुनिया में अधिकतर जनता अपने घरों के अन्दर बैठी है और उस जनता का प्रयास है की वह अपने घर से ही काम और पढ़ाई करे। यही कारण है की घर में बैठे बैठे बोरियत से बचने के लिए वे मनोरंजन के साधनों एवं मीडिया का अधिक इस्तेमाल करने लगे हैं।
लेकिन जैसा की हम सब जानते हैं की लॉकडाउन की वजह से टेलीविजन सेक्टर एवं फिल्म इंडस्ट्री दर्शकों को कुछ नए कंटेंट दे नहीं पा रही है। और यही कारण है की लोग अपने मनोरंजन की पूर्ति के लिए ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म जैसे नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, वूट, हॉटस्टार, यूट्यूब इत्यादि की ओर अग्रसित होने लगे हैं। और आंकड़े भी इसी ओर इशारा करते हैं की लॉकडाउन के इस दौर में ऑनलाइन स्ट्रीमिंग व्यवसायों में बड़ी तीव्र गति से सब्सक्राइबर की संख्या बढ़ी है।
3. हेल्थकेयर सेक्टर
समस्त मानव जाति घरों में इसलिए कैद है क्योंकि वह अपना जीवन एवं स्वास्थ्य बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए यह कहना उचित ही होगा की चाहे फार्मा हो या फिर हॉस्पिटल हेल्थ केयर सेक्टर से जुड़े ये दोनों क्षेत्र इस महामारी के उप्रिकेंद्र में हैं । यद्यपि महामारी के इस संकट को हेल्थकेयर सेक्टर एक अवसर के रूप में न देखकर एक संकट के रूप में देख रहा है।
यही कारण है की डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा न सिर्फ अपनी जान जोखिम में डालकर इस महामारी से ग्रस्त मरीजों का ईलाज किया जा रहा है बल्कि वे अपनी तरफ से दान और अन्य योगदान भी लगातार दे रहे हैं। ताकि इस संकट की घड़ी से जल्दी से जल्दी उबरा जा सके। लेकिन यह भी सच्चाई है की मेडिकल स्टोरों पर लोगों की भारी भीड़ देखी जा सकती है। जबकि ऑनलाइन मेडिसिन डिलीवरी करने वाले पोर्टल के आर्डर में भी पांच से छह गुना तक वृद्धि देखी गई है।
4. ई लर्निंग और मीटिंग प्लेटफार्म
हालांकि ऑनलाइन प्लेटफार्म हमेशा से ही मानव जीवन को आसान एवं सरल बनाने में सहायक सिद्ध हुए हैं। इसलिए मानव अपनी आवश्यकता के अनुरूप इनका इस्तेमाल करते आ रहा है लेकिन इस लॉकडाउन में लगभग सभी क्षेत्रों का अपने कार्यों को निष्पादित करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर विश्वास जताना एवं इनका इस्तेमाल करना एक मजबूरी सी हो गई है। कोरोना वायरस की आहात जिस भी देश में हुई है वहां के शासन प्रशासन ने वहां के स्कूल, कॉलेज, कार्यालयों इत्यादि को बंद कर दिया है।
यही कारण है ली लोगों को ई लर्निंग एवं मीटिंग के लिए विभिन्न एप्लीकेशन जैसे ज़ूम, Byju’s, Vedantu, Unacademy इत्यादि का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के इस दौर में इन ई लर्निंग एप्लीकेशन के डाउनलोड इत्यादि में काफी वृद्धि देखी गई है । वर्तमान में लगभग सभी स्कूल एवं कॉलेज ई लर्निंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं है की इस दौर में इनके सब्सक्रिप्शन में 60-70% की वृद्धि हुई है। इन प्लेटफोर्म का इस्तेमाल केवल एजुकेशन इंडस्ट्री द्वारा ही नहीं किया जा रहा है।
बल्कि वोर्किंग सेक्टर द्वारा भी ज़ूम, गूगल हैंगआउट इत्यादि जैसी ऑनलाइन प्लेटफोर्म का इस्तेमाल अपने कार्यों को घर से निष्पादित करने के लिए किया जा रह है। यही कारण है की इस लॉक डाउन के दौर में ये आवश्यक बन गए हैं और बड़ी तीव्र गति से आगे बढ़ रहे हैं। चूँकि इस प्रकार के इन ऑनलाइन प्लेटफोर्म ने इस दौर में घर से काम करना एवं घर से पढाई करने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। और कामकाजी लोगों एवं छात्रों को अपने नियमित कार्यों को निबटाने में मदद की है। इसलिए इस महामारी का इन पर भी कुछ नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है।
5. डिलीवरी और लोजिस्टिक सर्विसेज
लोगों को बिना जरुरी काम के अपने घर से निकलने की इजाजत लॉकडाउन के दौरान नहीं है। इसके अलावा यदि की आवश्यक काम से व्यक्ति निकलना भी चाहता है तो उसे सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखनी पड़ेगी। इसलिए जब इस तरह की पाबंदियां लग जाती हैं और मनुष्य अपने परिवार का भी ख्याल करता है। तो वह किसी ऐसे विकल्प की तलाश में रहता है जिससे उसे बाहर न जाना पड़े और उसकी आवश्यकता की भी पूर्ति हो जाय।
ऐसे में व्यक्ति के पास अपनी आवश्यक वस्तुओं को ऑनलाइन खरीदने का विकल्प रहता है ताकि डिलीवरी बॉय उनके दरवाजे पर आकर सामान की डिलीवरी कर जाय। यही कारण है की खाने से लेकर दवाइयां इत्यादि सभी आवश्यक वस्तुएं मनुष्य द्वारा ऑनलाइन खरीदी जा रही हैं। यही कारण है की लॉकडाउन के इस दौर में भी ऑनलाइन पोर्टल जैसे अमेज़न, फ्लिप्कार्ट इत्यादि वेबसाइट पर कस्टमर इंगेजमेंट में काफी वृद्धि हुई है। लोग इन प्रचलित ई कॉमर्स कम्पनियों से इसलिए भी सामान खरीद रहे हैं क्योंकि इनका दावा है की वे पूर्ण रूप से सरकारी गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए अर्थात मास्क, सैनिटाईज इत्यादि सावधानियाँ अपनाकर सुरक्षित डिलीवरी करेंगी।
उपर्युक्त बताये गए कुछ ऐसे औद्योगिक क्षेत्र एवं व्यापार हैं जिन पर इस कोरोना वायरस नामक महामारी का कोई नकारात्मक असर देखने को नहीं मिला है। उल्टा इन क्षेत्रों को इस महामारी के दौर में लाभ ही प्राप्त हुआ है।
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