भारत में गैस एजेंसी खोलने की प्रक्रिया। LPG Gas Agency Dealership in Hindi.

वर्तमान में चाहे ग्रामीण क्षेत्र हो, या शहरी हर जगह गैस एजेंसी खोलना एक बेहद ही लाभकारी व्यवसाय हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि धुआँ मुक्त चूल्हे के तौर पर सबसे पहले LPG Gas से चलने वाले चूल्हों को ही प्राथमिकता दी जाती है । यद्यपि आज से कुछ साल पहले की बात करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर लोग खाना बनाने या चूल्हा जलाने के लिए लकड़ियों का ही इस्तेमाल करते थे। लेकिन लकड़ी के चूल्हे से निकलने वाले धुएँ के कारण अधिकतर लोग अस्थमा एवं साँस सम्बन्धी अन्य बीमारियों का शिकार हो रहे थे।

इसी बात के मद्देनजर केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत गरीब लोगों कोमुफ्त में गैस कनेक्शन, गैस सिलिंडर और गैस चूल्हे प्रदान किये।  और आज इस योजना का प्रत्यक्ष प्रमाण धरातल पर दिखाई देता है जब दूर सुदूर गाँव में भी खाना बनाने के लिए LPG Gas का इस्तेमाल हो रहा होता है। कहने का आशय यह है की जहाँ पहले केवल शहरों में ही लोग गैस चूल्हों का इस्तेमाल करते थे वहीँ वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में भी गैस चूल्हों के इस्तेमाल में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।

ऐसे में यदि आप कोई ऐसा बिजनेस करने की सोच रहे हैं, जो आपको आपकी कमाई की गारंटी प्रदान करता है तो वह यही बिजनेस हो सकता है। यद्यपि इस बिजनेस को शुरू करने में आने वाली लागत करोड़ों रुपयों तक भी पहुँच सकती है, लेकिन एक रूरल डिस्ट्रीब्यूटर जिसके पास गैस एजेंसी खोलने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध हों, वह शुरूआती लागत को करोड़ों रुपयों तक पहुँचने से बचा सकता है।

यह एक ऐसा व्यवसाय है जो आपको कमाई की सुनिश्चितता प्रदान करता है वह इसलिए क्योंकि किसी आयल मार्केटिंग कंपनी एक निश्चित एरिया में एक ही गैस एजेंसी प्रदान करती है। इसलिए उस एरिया के सभी ग्राहकों को सँभालने की जिम्मेदारी उसी की होती है।

gas agency kaise shuru kare

गैस एजेंसी होती क्या है (What is gas agency in Hindi)

आप अपने घर के किचन में गए होंगे वहाँ पर आपने LPG Cylinder और गैस चूल्हा अवश्य देखा होगा। जी हाँ वह एलपीजी सिलिंडर जो आप अपने रसोईघर में देखते हैं उसमें LPG Gas भरी हुई होती है। जिससे रसोईघर में उपलब्ध चूल्हा जलता है, और आप उस चूल्हे में आसानी से खाना बना पाते हैं। अब चूँकि जब चूल्हा जलता है तब तब सिलिंडर से गैस निकलती है और एक दिन सिलिंडर खाली हो जाता है। फिर उस खाली सिलिंडर के बदले जो आपको भरा हुआ सिलिंडर देके जाता है वह गाड़ी गैस एजेंसी की होती है।

इसलिए आसान शब्दों में यदि हम कहें तो वह जगह जहाँ से गैस की गाड़ी गैस सिलिंडर लेकर हमारे घर तक पहुंचाती है वही गैस एजेंसी कहलाती है। यानिकी एक गैस एजेंसी एक निश्चित एरिया में उस आयल कंपनी के ग्राहकों को गैस पहुंचाती है, जिस आयल मार्केटिंग कंपनी की वह एजेंसी हो।

भारत में खुद की गैस एजेंसी कैसे शुरू करें (How to start own LPG gas agency in India)  

भारत में खुद की एलपीजी गैस एजेंसी खोलना आसान काम तो नहीं है, लेकिन यदि आपके पास पर्याप्त संसाधन और आवश्यक लागत का प्रबंध करने की क्षमता है तो आप इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं। यह एक ऐसा बिजनेस है जो जोखिम से मुक्त है, क्योंकि एक बार जब आपको HP, Indane, Bharat इत्यादि आयल कंपनी में से किसी भी कंपनी की गैस एजेंसी मिल जाती है। उस एरिया में इनका कस्टमर बेस पहले से ही होता है, और बाकी के कस्टमर बनाने के लिए आपको एक एजेंसी के तौर पर भरसक प्रयत्न करना होता है।

कोई भी आयल कंपनी को जब किसी नए एरिया में अपनी एजेंसी खोलनी होती है, तो वे उस एरिया के लिए विज्ञापन निकालते हैं। और इन्हें उस एरिया में लोकप्रिय अख़बारों एवं समाचार चैनलों में प्रकाशित करते हैं, इसके अलावा खुद की अधिकारिक वेबसाइट पर भी उस विज्ञापन को प्रकाशित करते हैं। इसलिए ऐसे लोग जो भविष्य में खुद की गैस एजेंसी खोलना चाहते हैं, वे आयल कम्पनीयों की अधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करते रहें। ताकि उन्हें इस बात की सूचना मिलती रहे।

LPG Distributorship कितने प्रकार की होती है

यदि आप खुद की गैस एजेंसी खोलना चाहते हैं तो आपके लिए यह जानना बेहद जरुरी हो जाता है की LPG Distributorship के कितने प्रकार होते हैं । अर्थात आयल कंपनियाँ किन प्रकारों के तहत डिस्ट्रीब्यूटरशिप प्रदान करती हैं। आम तौर पर अधिकतर आयल कंपनीयाँ चार प्रकारों के तहत गैस एजेंसी प्रदान करते हैं, जो निम्न हैं।

1. शहरी वितरक (Urban Distributor)

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है शहरी क्षेत्रो में गैस डिलीवरी एवं अन्य सर्विस प्रदान करने वाली  गैस एजेंसीयां शहरी वितरक के तहत आती हैं । कहने का आशय यह है की इस प्रकार के तहत आने वाली एजेंसी केवल शहरी क्षेत्रों में ही अपनी सर्विस प्रदान करती है।

2. रुर्बन डिस्ट्रीब्यूटर (Rurban Distributor)

रुर्बन रूरल और अर्बन दो शब्दों को मिलकर बना हुआ है जहाँ रूरल का अर्थ ग्रामीण और अर्बन का अर्थ शहर होता है। गैस एजेंसी के इस प्रकार के तहत एजेंसी शहर में मौजूद होती है लेकिन वह अपनी सर्विस ग्रामीण क्षेत्र में दे रही होती है। इस श्रेणी में आने वाली एजेंसी नगर पालिका सीमा से लगभग 15 किलोमीटर तक आने वाले सभी गाँवों में अपनी सर्विस प्रदान करती हैं, इसके अलावा यदि कोई अन्य क्षेत्र जो आयल मार्केटिंग कंपनी द्वारा निर्दिष्ट हो, उसे भी कवर किया जाता है।

3. रूरल डिस्ट्रीब्यूटर (Rural Distributor)

रूरल का अर्थ ग्रामीण क्षेत्र से लगाया जाता है इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में स्थित गैस एजेंसी को रूरल डिस्ट्रीब्यूटर कहा जाता है। इस श्रेणी के तहत आने वाली गैस एजेंसी आयल कंपनी द्वारा निर्दिष्ट ग्रामीण क्षेत्र में अपनी सर्विस प्रदान करती हैं । आम तौर पर इस तरह की एजेंसी भी अपने ऑफिस से 15 किलोमीटर के रेडियस में अपनी सर्विस प्रदान करती हैं, लेकिन कई मामलों में यह 15 किलोमीटर से अधिक भी हो सकती है।

4. दुर्गम क्षेत्रीय वितरक

दुर्गम क्षेत्रीय वितरक से आशय ऐसी एजेंसी या गैस वितरक से है जो अपनी सेवाएँ ऐसे क्षेत्र में प्रदान कर रही हैं जहाँ सेवाएँ प्रदान करने में कई कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। पहाड़ी क्षेत्र, जंगली क्षेत्र, द्वीप, आदिवासी क्षेत्र, डिस्ट्रब क्षेत्र इत्यादि दुर्गम क्षेत्र के उदाहरण हैं।

Gas Agency लेने के लिए कौन कौन आवेदन कर सकता है?

यदि आप खुद की गैस एजेंसी खोलना चाहते हैं तो आपको इसके लिए पात्र होना पड़ेगा। पात्र होने के लिए क्या क्या पात्रता मापदंड निर्धारित हैं उनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • आवेदन करने वाला व्यक्ति भारत का निवासी और भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • शैक्षणिक योग्यता के तौर पर उम्मीदवार को कम से कम किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं पास होना जरुरी है। हालांकि आवेदनकर्ता यदि स्वतन्त्रता सेनानी हो तो उसे इसमें छूट का प्रावधान है।
  • आयल कंपनी द्वारा जब विज्ञापन जारी कर दिया गया हो उस दिन तक उम्मीदवार की कम से कम उम्र 21 और अधिक से अधिक 60 वर्ष होनी चाहिए। लेकिन स्वतंत्रता सेनानी के लिए उम्र की कोई सीमा निर्धारित नहीं है।
  • आवेदन करने वाले व्यक्ति के परिवार का सदस्य किसी आयल मार्केटिंग कंपनी में कार्यरत नहीं होना चाहिए।
  • जिन Gas Agency पर मिलावट और कदाचार के चलते आयल मार्केटिंग कम्पनियों ने उसका लाइसेंस या समझौता रद्द कर दिया हो, वे दुबारा आवेदन नहीं कर सकते ।
  • आवेदन करने वाले व्यक्ति के पास एक एजेंसी को अच्छे ढंग से संचालित करने के लिए न ही वित्त की कमी हो और न ही अन्य किसी संसाधन जैसे गोदाम इत्यादि के लिए जमीन ।        

LPG Gas Agency खोलने के लिए क्या क्या बुनियादी सुविधाएँ होनी चाहिए

आयल कंपनी द्वारा सिर्फ उन्हीं लोगों को गैस एजेंसी खोलने का अवसर दिया जाता है, जिनके पर इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए पर्याप्त बुनियादी सुविधाएँ हों । आइये जानते हैं की ऐसी कौन कौन सी बुनियादी सुविधाएँ हैं, जो इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए चाहिए हो सकती हैं।  

  • इस तरह का बिजनेस शुरू करने वाले व्यक्ति के पास गैस सिलिंडर को स्टोर करने के लिए गोदाम होना चाहिए। इस गोदाम के लिए उद्यमी को विस्फोटक सुरक्षा संगठन के अधिकृत अधिकारी से लाइसेंस लेने की भी आवश्यकता होती है।
  • शहरी और रुर्बन श्रेणी के तहत एजेंसी शुरू करने वाले लगभग 8000 किलो LPG गैस स्टोर करके रख सकते हैं।
  • जबकि ग्रामीण वितरक 5000 किलो और दुर्गम क्षेत्र की गैस एजेंसी 3000 किलो LPG Gas भंडारित कर सकती हैं।
  • या तो गोदाम बना बनाया होना चाहिए या फिर एक प्लाट होना चाहिए जिस पर उद्यमी गोदाम का निर्माण कर सके। यह स्वभाविक है की शहरी और रुर्बन वितरक को गोदाम स्थापित करने के लिए बड़ी जगह और ग्रामीण वितरक और दुर्गम क्षेत्रीय वितरक को तुलनात्मक रूप से कम जगह की आवश्यकता होगी।
  • शहरी और रुर्बन वितरक के पास नगरपालिका, ग्राम पंचायत इत्यादि की सीमा से 15 किलोमीटर तक के दायरे में 25×30 स्क्वायर मीटर प्लोट होना चाहिए। ग्रामीण वितरक के लिए यह  21×26 स्क्वायर मीटर और दुर्गम क्षेत्रीय वितरक के लिए 15×16 मीटर तय की गई है।
  • इस प्लाट के पास या ऊपर से कोई हाईटेंशन तार, एलटी लाइन, टेलीफोन लाइन,नहर, नाला इत्यादि नहीं निकलना चाहिए।
  • एजेंसी की लोकेशन सभी प्रकार के वाहनों के लिए सुगमता से पहुँच वाली होनी चाहिए। यहाँ पर उसे अपना शोरूम या कार्यालय भी बनाना होगा।
  • इस तरह का बिजनेस शुरू करने वाले उद्यमी के पास गैस सिलिंडर को ग्राहकों के घरों तक पहुँचाने के लिए वाहनों की भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए।

LPG Gas Agency खोलने के लिए आवेदन कैसे करें?

भारत में तीन सबसे बड़ी आयल मार्केटिंग कंपनीयों में इंडेन, भारत और एचपी का नाम शामिल है। इन आयल मार्केटिंग कंपनियों को जब किसी नई लोकेशन पर एलपीजी गैस एजेंसी खोलनी होती है तो वे इसके लिए लोकल अख़बारों एवं अपनी ऑफिसियल वेबसाइट पर इसका विज्ञापन जारी करते हैं। ताकि इच्छुक एवं पात्र लोग आसानी से आवेदन कर सकें।

इसके अलावा कई ऐसी एजेंसीयां भी काम कर रही हैं जो इन तीनों आयल मार्केटिंग कंपनियों की इस माँग पर नजर बनाये रखती हैं और एजेंसी खोलने के लिए आवेदन हेतु अपना प्लेटफोर्म भी प्रदान करती हैं। लेकिन कभी कभी इस प्रकार का दावा करने वाली एजेंसीयां फ्रॉड भी हो सकती हैं। और आपको आर्थिक रूप से नुकसान पहुँचा सकती हैं।

इसलिए यदि आप भी अपनी गैस एजेंसी खोलने पर विचार कर रहे हैं, तो आपको किसी लोकल अख़बार या आयल मार्केटिंग कम्पनीयों की अधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से बताई गई प्रक्रिया का पालन करके ही इसके लिए आवेदन करना चाहिए। अन्यथा आप धोखे का भी शिकार हो सकते हैं, क्योंकि यहाँ पर कई ऐसे लोग हैं जो आपको LPG Gas Agency दिलाने के नाम पर आप से ठगी भी कर सकते हैं।   

आवेदन करते समय कोई शुल्क भी देना होगा क्या?

जी हाँ बिलकुल इसके लिए आवेदन करते समय कुछ शुल्क भी देना पड़ सकता है । हालांकि शुल्क कितना होगा इसकी पूरी जानकारी आयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा विज्ञापन प्रकाशित करने के दौरान दी जाती है। लेकिन एक जानकारी के मुताबिक अलग अलग वितरकों के लिए अलग अलग शुल्क निर्धारित होता है और यह नॉन रिफंडेबल होता है। यानिकी चाहे आपको एलपीजी गैस एजेंसी मिले या नहीं मिले यह शुल्क आपको वापस नहीं किया जाएगा।

गैस एजेंसी के प्रकार सामान्य वर्ग के लिए शुल्क ओबीसी वर्ग के लिए शुल्क एससी/एसटी के लिए शुल्क
शहरी और रुर्बन1000050003000
ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र800040002500

LPG Gas Agency हेतु आवेदन के समय किन बातों का ध्यान रखें

वर्तमान में यह प्रक्रिया आयल मार्केटिंग कंपनियों की अधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन पूर्ण की जा सकती है। यानिकी यदि आप एलपीजी गैस एजेंसी खोलने के लिए योग्य एवं पात्र उम्मीदवार हैं तो आप इसके लिए घर बैठे ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। लेकिन आवेदन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

  • ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म को सबमिट करने से पहले अच्छी तरह से चेक कर लें, और यदि उसमें कोई त्रुटी है तो उसे सही कर लें। क्योंकि सबमिट करने के बाद एप्लीकेशन फॉर्म को एडिट नहीं किया जा सकता है।
  • गैस एजेंसी के लिए ऑनलाइन आवेदन करते समय आवेदनकर्ता को अपनी फोटो और हस्ताक्षर एवं कुछ वित्तीय दस्तावेज अपलोड करने पड़ सकते हैं। इसलिए आवश्यक दस्तावेजों को पहले ही स्कैन करके तैयार कर लें।
  • आवेदन करते समय एप्लीकेशन फॉर्म की जो कॉपी जनरेट हुई होती है उसे फिजिकली कहीं भी सबमिट करने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • एप्लीकेशन फॉर्म को आधा भरकर भी सेव किया जा सकता है लेकिन इसे अंतिम तिथि से पहले पूरा भरकर सबमिट करना आवश्यक है ।
  • जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की गैस एजेंसी खोलने में काफी मोटी रकम खर्च होती है, इसलिए जब तक आप इस बात से संतुष्ट न हो जाएँ की आपके पास इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं, तब तक अप्लाई न करें।   
गैस एजेंसी लेने में कितना खर्चा आएगा?

यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है की आप वितरक के कौन से प्रकार के तहत एजेंसी लेना चाहते हैं। लेकिन यदि ऑफिस, गोदाम, वाहन, सिलिंडर इत्यादि को जोड़कर देखें तो कम से कम 45 लाख रूपये निवेश करने की आवश्यकता हो सकती है ।

एलपीजी गैस एजेंसी लेने के लिए क्या करना होगा?

यदि आपको लगता है की आपके क्षेत्र में गैस डिलीवरी की उचित व्यवस्था नहीं है तो आप आयल मार्केटिंग कंपनी के ऑफिस में जाकर संपर्क कर सकते हैं। और उस एरिया में नई गैस एजेंसी खोलने की इच्छा व्यक्त कर सकते हैं।         

अन्य भी पढ़ें