स्टैंड अप इंडिया लोन स्कीम । महिलाओं और एससी/एसटी वर्ग के लिए लोन।

Stand up India योजना के तहत भी बिजनेस लोन मिलता है, लेकिन सभी लोगों को नहीं, बल्कि इस योजना के तहत केवल और केवल महिला उद्यमियों और अनुसूचित जाति/जनजाति से जुड़े उद्यमियों को भी बिजनेस लोन मिलता है। इसलिए यदि आप कोई महिला या अनुसूचित जाति/जनजाति से जुड़े उद्यमी हैं, तो आप इस योजना के तहत बिजनेस लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।

कहने का आशय यह है की स्टैंड अप इंडिया का प्रमुख उद्देश्य अनुसूचित जाति/जनजाति के बीच और महिलाओं के बीच उद्यमिता को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत प्रत्येक बैंक और उसकी शाखा को कम से कम किसी एक महिला, किसी एक अनुसूचित जाति से जुड़े व्यक्ति और किसी एक अनुसूचित जनजाति से जुड़े व्यक्ति को ग्रीनफिल्ड उद्यम स्थापित करने के लिए 10 लाख रूपये से 1 करोड़ रूपये तक का बिजनेस लोन दिए जाने की व्यवस्था की गई है।

stand up india loan scheme

खास बात यह है की इस लोन स्कीम के तहत विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र दोनों प्रकार के उद्यमों को स्थापित करने के लिए व्यापारिक ऋण लिया जा सकता है। यदि व्यापार व्यक्तिगत व्यक्ति का न होकर साझेदारी या संगठन के अन्य स्वरूप में है, तो इस उद्यम में कम से कम 51% हिस्सेदारी किसी महिला या अनुसूचित जाति/जनजाति से जुड़े व्यक्ति की होनी चाहिए। तभी वह Stand up India Scheme के तहत ऋण के लिए आवेदन कर सकता है ।

Stand up India Scheme के तहत लोन कौन कौन ले सकता है?  

इस योजना के तहत बिजनेस लोन लेने के लिए प्रमुख पात्रता मानदंड कुछ इस प्रकार से हैं।

  • अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला उद्यमी जिनकी कम से कम उम्र 18 वर्ष हो।
  • इस Scheme के तहत ऋण केवल ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट यानिकी ऐसे प्रोजेक्ट जिन्हें आरम्भ से शुरू किया जा रहा हो, न की किसी प्रोजेक्ट में सुधार किया जा रहा हो, से हैं। यानिकी अनुसूचित जाति/जनजाति या महिला कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करना चाहते हों, तो इस योजना के तहत बिजनेस लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं ।
  • यदि उद्यमी व्यक्तिगत न होकर साझेदारी में है या संगठन के किसी अन्य रूप में है तो इस स्थिति में महिला या अनुसचित जाति/जनजाति से जुड़े सदस्य का शेयर उस उद्यम में 51% से अधिक होना चाहिए।
  • बिजनेस लोन लेने वाला व्यक्ति/कंपनी किसी बैंक या वित्तीय संस्थान की डिफाल्टर नहीं होनी चाहिए।  

Stand up India Loan के बारे में    

इस योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण के बारे में अधिक से अधिक जानकारी की इच्छा पात्र एवं इच्छुक उद्यमियों में हो सकती है। इसमें इस ऋण की प्रकृति, लोन देने का मुख्य कारण, लोन का आकार क्या रहेगा? ब्याज दरें क्या होंगी? सिक्यूरिटी, पुनर्भुगतान इत्यादि से जुड़े कई सवाल हो सकते हैं। जो इस योजना के तहत बिजनेस लोन लेने के इच्छुक उद्यमियों को परेशान कर सकते हैं।

ऋण की प्रकृति – टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल को मिलाकर इस योजना के तहत इच्छुक एवं पात्र उद्यमियों को 10 लाख से 1 करोड़ रूपये तक का कंपोजिट लोन देने का प्रावधान किया गया है।

लोन लेने का उद्देश्य – अनुसूचित जाति/जनजाति से जुड़े उद्यमियों और महिला उद्यमियों द्वारा विनिर्माण क्षेत्र या सेवा क्षेत्र में नया उद्यम स्थापित करने के लिए इस योजना के तहत लोन लिए जा सकता है ।

लोन का साइज़ – कुल प्रोजेक्ट कास्ट का 85% सावधि ऋण के तौर पर मिल सकता है इसमें टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल लोन दोनों शामिल है। लेकिन यदि उधार लेने वाले व्यक्ति का योगदान कुल प्रोजेक्ट कास्ट में 15% से अधिक हुआ तो फिर 85% सावधि ऋण वाला नियम लागू नहीं होगा।

ब्याज दर – ब्याज दररेटिंग केटेगरी के आधार पर सबसे न्यूनतम होगी जो बेस रेट और 3% अवधि प्रीमियम को मिलाकर प्राप्त हुई दर से अधिक नहीं होगी ।  

सिक्यूरिटी – सिक्यूरिटी का चयन बैंक को करना होता है वह चाहे तो प्राथमिक सुरक्षा के अलावा कोलेटरल सिक्यूरिटी या क्रेडिट गारंटी फण्ड स्कीम के तहत ऋण को सुरक्षित कर सकता है।

लोन पुनर्भुगतान – इस Scheme के तहत लिए गए ऋण का पुनर्भुगतान 7 वर्षों तक में किया जा सकता है। और इसमें 18 महीनों की अधिस्थगन अवधि का भी प्रावधान किया गया है।

कार्यशील पूँजी –  यदि वर्किंग कैपिटल यानिकी कार्यशील पूँजी 10 लाख रूपये तक हो तो इसे ओवरड्राफ्ट के तौर पर स्वीकृत किया जा सकता है। लोन लेने वाले व्यक्ति को उसकी सुविधा के लिए रुपे डेबिट कार्ड जारी किया जाता है, इससे अधिक कार्यशील पूँजी को कैश क्रेडिट लिमिट के तौर पर स्वीकृत किया जाता है।

मार्जिन मनी – योजना के तहत लोन पर 15% मार्जिन मनी का प्रावधान किया गया है।

लोन के लिए डाक्यूमेंट्स और चेक लिस्ट    

स्टैंड अप इंडिया के तहत बिजनेस लोन के लिए आवेदन करने से पहले डाक्यूमेंट्स और चेक लिस्टी पर एक नजर अवश्य डालें।

  • पहचान प्रमाण – यदि आवेदनकर्ता व्यक्तिगत व्यक्ति हो तो पहचान प्रमाण के तौर पर वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड में से कोई एक इस्तेमाल में लाया जा सकता है। कंपनी की स्थिति में बैंकर से बिजनेस स्वामी का सिग्नेचर आइडेंटिफिकेशन, पार्टनर ऑफ़ डायरेक्टर इत्यादि दस्तावेज भी चाहिए हो सकते हैं ।
  • निवास प्रमाण – टेलीफोन बिल, बिजली बिल, प्रॉपर्टी टैक्स रिसीप्ट, पासपोर्ट, स्वामी का वोटर आईडी कार्ड इत्यादि इस्तेमाल में लाये जा सकते हैं।
  • बिजनेस का पता प्रमाण के तौर पर रेंट एग्रीमेंट, लीज एग्रीमेंट इत्यादि का उद्योग किया जा सकता है ।
  • ध्यान रहे आवेदनकर्ता किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए।
  • कंपनी का मेमोरेंडम ऑफ़ आर्टिकल ऑफ़ एसोसिएशन और पार्टनर की पार्टनर डीड इत्यादि।
  • लेटेस्ट इनकम टैक्स रिटर्न के साथ प्रमोटर और गारंटर की सम्पतियों का ब्यौरा और विवरण।
  • यदि लागू हो तो प्रदूषण नियंत्रण विभाग की क्लेअरेंस ।
  • यदि लागू हो तो उद्यम रजिस्ट्रेशन ।
  • अगले दो वर्षों की अनुमानित बैलेंस शीट।
  • जिस सम्पति को प्राथमिक या कोलेटरल सिक्यूरिटी के तौर पर रखा जा रहा हो उसकी लीज डीड/टाइटल डीड इत्यादि।
  • यदि आवेदनकर्ता महिला नहीं है तो अनुसूचित जाति/जनजाति का जाति प्रमाण पत्र।
  • रजिस्ट्रार ऑफ़ कम्पनीज द्वारा जारी कंपनी का इनकारपोरेशन सर्टिफिकेट जो यह प्रमाणित करता हो की कंपनी का कम से कम 51% शेयर किसी अनुसूचित/जाति जनजाति के व्यक्ति के नाम पर है ।

Stand up India Scheme के तहत लोन एप्लीकेशन प्रस्तुत करने की प्रक्रिया

यदि आप उपर्युक्त बताये गए निर्देशों के मुताबिक खुद को पात्र आवेदनकर्ता मानते हैं और आप Stand Up India Scheme के तहत लोन लेने के इच्छुक हैं। तो आप सीधे इसकी ऑफिसियल वेबसाइट www.standupmitra.in पर जा सकते हैं।  

लेकिन इस पोर्टल पर प्रारम्भिक पंजीकरण के दौरान लोन लेने के इच्छुक व्यक्ति से कई प्रश्नों को पूछकर जानकारी एकत्रित की जाती है। और जैसी जैसी जानकारी आवेदनकर्ता द्वारा भरी जाती है, पोर्टल द्वारा उसी आधार पर प्रतिक्रया दी जाती है।

Stand Up India portal में  प्रारम्भिक चरण में जो प्रश्न आपसे पूछे जा सकते हैं उनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • आवेदनकर्ता की लोकेशन।
  • आवेदनकर्ता की श्रेणी जैसे महिला/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति।
  • जिस व्यवसाय की योजना बनायीं गई है उसकी प्रकृति।
  • बिजनेस को संचालित करने के लिए उपलब्ध जगह।
  • प्रोजेक्ट प्लान बनाने के लिए आवश्यक मदद।
  • आवश्यक प्रशिक्षण/स्किल की जानकारी।
  • मौजूदा बैंक अकाउंट की डिटेल्स।
  • प्रोजेक्ट में स्वयं कितना फण्ड लगाना है।
  • मार्जिन मनी का प्रबंध करने के लिए भी मदद की आवश्यकता है।
  • बिजनेस करने का पहले से कोई अनुभव।

इन प्रश्नों के जवाब को आधार मानकर पोर्टल उसे दो श्रेणियों Ready Borrower और Trainee Borrower में से किसी एक श्रेणी के तहत श्रेणीबद्ध कर देगा।

Ready Borrower –

इस श्रेणी के तहत ऐसे आवेदनकर्ताओं को श्रेणीबद्ध किया जाता है जिन्हें किसी प्रकार के Handholding Support की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे उद्यमी  स्टैंड अप इंडिया पोर्टल (www.standupmitra.in) के माध्यम से अप्लाई कर सकते हैं। इस स्तर पर इस पोर्टल द्वारा आवेदाकर्ता की डिटेल्स सम्बंधित बैंक के साथ साझा की जाती है और नाबार्ड और सिडबी ऑफिस को भी लिंक किया जाता है। सिडबी और नाबार्ड के ऑफिस स्टैंड अप कनेक्ट सेण्टर के तौर पर कार्य करते हैं, और Stand Up India Scheme के तहत मिलने वाले लोन को इस पोर्टल के माध्यम से ट्रैक भी किया जा सकता है।  

Trainee Borrower –

यदि आवेदनकर्ता इस बात की ओर इंगित करता है की उसे Handholding support की आवश्यकता है तब भी उसे उपर्युक्त तरीके से ही अप्लाई करना होता है। लेकिन यह पोर्टल उस आवेदनकर्ता को सम्बंधित जिले के LDM और सम्बंधित नाबार्ड और सिडबी के ऑफिस से लिंक कर देगा। इस प्रक्रिया को आवेदनकर्ता अपने घर से भी आसानी से कर सकता है क्योंकि या पूरी प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक आधारित है।

स्टैंड अप कनेक्ट सेण्टर के तौर पर कार्यरत सिडबी और नाबार्ड Trainee Borrower के लिए उसके द्वारा मांगी गई सहायता का प्रबंध निम्न तरीकों से करते हैं।

  • फाइनेंसियल ट्रेनिंग – इस तरह का प्रशिक्षण देने के लिए फाइनेंसियल लिट्रेसी सेण्टर का प्रबंध किया जाता है।
  • कौशल – यदि इस योजना के तहत कौशल का प्रशिक्षण माँगा गया हो तो इसके लिए वोकेशनल ट्रेनिंग सेण्टर का प्रबंध नाबार्ड और सिडबी द्वारा किया जाता है।
  • उद्यमिता विकास कार्यक्रम के लिए डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज सेण्टर इत्यादि की मदद ली जाती है।
  • मार्जिन मनी के लिए स्टेट एससी फाइनेंस कारपोरेशन, वीमेन डेवलपमेंट कारपोरेशन, स्टेट खादी और विलेज इंडस्ट्रीज इत्यादि संस्थाओं से संपर्क करना।
  • सफल उद्यमियों से उपदेश और मन्त्र लेने के लिए DICCI, महिला उद्यमी एसोसिएशन, एनजीओ इत्यादि की मदद लेना।
  • बिजली, पानी इत्यादि यूटिलिटी कनेक्शन के लिए इनके ऑफिस से संपर्क करना।

केवल Stand up India Scheme के तहत लोन के लिए आवेदन करने के दौरान ही नहीं बल्कि लोन स्वीकृत हो जाने के बाद भी इच्छुक उद्यमी कभी भी स्टैंड अप कनेक्ट सेण्टर द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं का इस्तेमाल कर सकता है।

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