Laghu Udyog Bharati : सूक्ष्म लघु उद्योगों का संगठन लघु उद्योग भारती ।

Laghu Udyog Bharti : यह एक ऐसी कंपनी है जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के उत्थान के लिए काम कर रही है । जैसा की हम सब जानते हैं की भले ही आज भारत में अपना खुद का उद्यम शुरू करना पहले के मुकाबले थोड़ा आसान ओ गया हो। लेकिन यहाँ पर खुद का व्यापार शुरू करना हमेशा से एक बहुत बड़ी चुनौती इसलिए भी रही है क्योंकि व्यापारियों को कई तरह के लाइसेंस और पंजीकरण प्राप्त करने के लिए सरकारी ऑफिसों के चक्कर लगाने पड़ते थे। ऐसे में बहुत सारे भारतीय ऐसे भी थे जो अपने खुद का व्यवसाय शुरू करने का विचार त्याग देते थे।

इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बैंक या गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान ऋण देने से भी हिचकते थे । लेकिन सच्चाई यह तब भी थी और अब भी है की भारत में सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाली इकाइयाँ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों से ही जुड़ी हैं।

सूक्ष्म और लघु उद्यमों की कई सारी समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से वर्ष 1994 में एक कंपनी का गठन किया गया जिसका नाम लघु उद्योग भारती रखा गया। यह कंपनी देश में पिछले पच्चीस वर्षों से लघु उद्योग और एमएसई सेक्टर के सहयोग और उत्थान के लिए काम कर रही है।

लघु उद्योग भारती क्या है

लघु उद्योग भारती भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का एक पंजीकृत संगठन है। या देश में वर्ष 1994 यानिकी पिछले पच्चीस सालों से कार्यरत है। इसकी अधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक वर्तमान में पूरे भारत में इसकी 250 से अधिक ब्रांचेज हैं। चूँकि यह एमएसई (Micro, Small Enterprises) का संगठन है इसलिए इन इकाइयों को इसमें सदस्यता लेनी होती है । भारत में लगभग 400 जिलों में इसकी सदस्यता फैली हुई है।

यह एक ऐसा संगठन है जो देश में सूक्ष्म लघु उद्यमों के हितों की बात करता है, और इस क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न समस्याओं को दूर करने की ओर प्रयासरत होकर यह इन उद्यमों के राहों में आने वाली अनेकों प्रकार की बाधाओं को दूर करने में सफल भी हो रहा है। इसलिए यदि आप स्वयं एक उद्यमी हैं और आपका उद्यम सूक्ष्म और लघु उद्यम के तहत आता है तो आप भी इसकी सदस्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं।

Laghu udyog bharati ke bare me
Image : Laghu Udyog Bharati Ke Bare Me

सूक्ष्म और लघु उद्योगों का महत्व

किसी भी देश के आर्थिक विकास में वहाँ पर मौजूद सूक्ष्म और लघु उद्यम उस आर्थिक ढाँचे का इंजन के रूप में कार्य करते हैं । इसलिए कोई भी राष्ट्र इन उद्यमों का विकास किये बिना विकास की सीढियाँ नहीं चढ़ सकता। एक आंकड़े के मुताबिक भारत में ही नहीं बल्कि लगभग सभी अर्थव्यवस्थाओं में इस तरह के ये उद्यम पूरी अर्थव्यवथा में 95% तक का योगदान प्रदान करते हैं। देश में इन्हीं इकाइयों में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा होते हैं।

भारतीय अर्थव्यवथा में इस तरह के ये क्षेत्र कुल मैन्युफैक्चरिंग उत्पादन में लगभग 45% की हिस्सेदारी रखते हैं, तो वहीँ कुल निर्यात में लगभग 40% का योगदान प्रदान करते हैं। यही नहीं 10 करोड़ से अधिक लोग इन इकाइयों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे में यह भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहद अनुकूल माना जाता है , उसके पीछे कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।

  • भारत में प्रति वर्ष लगभग एक करोड़ युवा नौकरी की तलाश में निकलते हैं । ऐसे में कृषि से क्षेत्र से अधिक उम्मीदें नहीं की जा सकती और बड़े कॉर्पोरेट में लगातार नौकरियों की कमी हो रही है । तो सूक्ष्म, लघु एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जिसमें इस बेरोजगार आबादी को रोजगार देने की क्षमता उपलब्ध है।
  • जहाँ बड़े उद्यम स्थापित करने के लिए बड़े निवेश की आवश्यकता होती है ऐसे में प्रति व्यक्ति को रोजगार देने में होने वाले निवेश अधिक चाहिए होता है । जबकि भारत में इस तरह के कार्यों को करने के लिए पूँजी कम होती है ऐसे में कम निवेश में सूक्ष्म और लघु उद्योग स्थापित करके अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सकता है ।
  • सूक्ष्म और लघु उद्यम कहीं भी स्थापित किये जा सकते हैं जिससे रोजगार का वितरण सही से हो सकता है । और शहरों में झुग्गी बस्तियों की समस्या को ख़त्म किया जा सकता है।
  • यही नहीं सूक्ष्म और लघु उद्यमों का विकास होने से माना जा सकता है देश का समुचित विकास हो रहा है। क्योंकि इन्हें व्यवसाय की सबसे छोटी इकाइयों के तौर पर देखा जाता है।

लघु उद्योग भारती का मिशन/विजन

लघु उद्योग भारती नामक इस संगठन के कुछ प्रमुख विजन/मिशन निम्नलिखित हैं।

  • उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के साथ साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देना।
  • यह संगठन मानता है की यदि सूक्ष्म और लघु उद्यमों का विकास होगा तो उसके साथ साथ देश का समुचित विकास भी होगा।
  • बिजनेस को संचालित करने में इस्तेमाल में लाये जाने वाले सभी श्रमिकों, अधिकारीयों, मालिक , ग्राहकों इत्यादि को एक परिवार की तरह समझकर बिजनेस का संचालन करना।
  • लोगों का जीवन स्तर में सुधार हो सके इसके लिए फायदेमंद रोजगारों की संख्या में वृद्धि करना।
  • उत्पादन में गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा के मानकों को ध्यान में रखते हुए लगातार वृद्धि करना।
  • सूक्ष्म और लघु उद्यमों में स्वदेशी टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहित करना।
  • सूक्ष्म और लघु उद्यमों के उत्थान के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देना।
  • उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का अच्छे ढंग से दोहन हो सके इसके लिए सूक्ष्म और लघु उद्यमों की स्थापना करना।
  • सूक्ष्म और लघु उद्यम से जुड़ी इकाइयों को ईको फ्रेंडली तरीके से जिसमें पर्यावरण को कम से कम या फिर कोई नुकसान न हो के साथ संचालित करना।
  • क्लस्टर गठन और अनुषंगीकरण के माध्यम से मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि का विकेंद्रीकरण करना, ताकि आर्थिक असंतुलन का मुकाबला अच्छे ढंग से किया जा सके ।

लघु उद्योग भारती की स्थापना के पीछे उद्देश्य (Objectives of Laghu udyog Bharati)

लघु उद्योग भारती नामक इस सूक्ष्म, लघु उद्यमों के संगठन की स्थापना कई तरह के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए हुई थी। इनमें से कुछ प्रमुख उद्देश्यों की लिस्ट इस प्रकार से है।  

  • सूक्ष्म और लघु उद्यमों को लाइसेंस पंजीकरण में परेशानी आती थी, इसी बात के मद्देनज़र इस संगठन का उद्देश्य इंस्पेक्टर राज का खात्मा और प्रक्रियाओं को सरल बनाने का रहा है।
  • एमएसई के लिए विद्युत् और वितरण की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • उद्यमों को उनके उत्पादों और उत्पादकता में सुधार के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना।
  • उद्यमों में प्रौद्योगिकी और आधुनिकी करण को प्रोत्साहित करके गुणवत्ता में सुधार करना।
  • बेहतर प्रबंधन पर प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • उत्पादों की बिक्री के लिए प्रोत्साहित करना और मार्केटिंग करने में सहायता प्रदान करना।
  • उचित दामों पर कच्चे माल की उपलब्धता कराना, ताकि कोई सूक्ष्म लघु उद्यम कच्चे माल के अभाव में बंद न हो।
  • सूक्ष्म और लघु उद्यमों को खोलने के लिए महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करना।
  • जब भी जरुरत हो सेमिनार, वर्कशॉप और कांफ्रेंस आयोजित करना ।
  • उद्यमी, उद्यमिता, ग्राहक, कर्मचारी सभी के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण करना भी Laghu Udyog Bharti के उद्देश्यों में शामिल है।
  • उत्पादों का अच्छे से प्रदर्शन करने के लिए व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों में इन उद्यमों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
  • लघु उद्योग भारती में रजिस्टर्ड उद्यमों के प्रतिनिधित्व के लिए पैनल की संरचना करना और बेहतर प्रतिनिधित्व प्रदान करना।

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सरकारी बोर्ड/कमेटियों में लघु उद्योग भारती पैनल

भारत सरकार द्वारा गठित कई सारे बोर्ड/ कमिटी/एजेंसी इत्यादि में लघु उद्योग भारती द्वारा देश में उपलब्ध सूक्ष्म और लघु उद्यमों के प्रतिनिधित्व के तौर पर भागीदारी की जाती हैं। इन बोर्ड/ कमिटी/एजेंसी की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए स्थापित माइक्रो, स्माल और मीडियम इंटरप्राइजेज बोर्ड में प्रतिनिधित्व दिया जाता है।
  • जिस कमेटी द्वारा एमएसएमई उद्यमों को अवार्ड के लिए चुना जाता है, उसमें प्रतिनिधित्व दिया जाता है।
  • इस क्षेत्र के लिए बजट का प्रावधान करने से पहले प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री द्वारा बजट पूर्व परामर्श किया जाता है।
  • मिनिस्ट्री गवर्निंग एंड टेक्नोलॉजिकल अप्रूवल बोर्ड एमएसएमई में प्रतिनिधित्व दिया जाता है।
  • वाणिज्य मंत्रालय में माइक्रो, स्माल इंटरप्राइजेज का प्रतिनिधित्व दिया जाता है।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक की वह कमेटी जो सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों को दिए जाने वाले क्रेडिट दिशानिर्देशों की समीक्षा करने का दायित्व संभालती है।
  • इंटरनेशनल लेबर आर्गेनाइजेशन
  • स्टैंडिंग लेबर कमिटी
  • सेंट्रल बोर्ड फॉर वर्कर्स एजुकेशन
  • बाल श्रम परियोजनाएं
  • श्रमिकों के वेतन के लिए बनी केंद्र सरकार की  समिति    
  • श्रम कानूनों पर कार्य कर रहे कार्यकारी समिति और समूह
  • ईएसआई पर बनी सलाहकार समिति जो समय समय पर इनमें बदलाव करती है
  • नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल
  • श्रम और रोजगार मंत्रालय से जुड़ी सभी समितियाँ

FAQ (सवाल/जवाब)

लघु उद्योग भारती क्या है?

लघु उद्योग भारती सूक्ष्म और लघु उद्यमों का एक संगठन है जो देश में पिछले 25 वर्षों से कार्यरत है।

लघु उद्योग भारती कौन सा सर्टिफिकेट जारी करने के लिए प्राधिकृत है ?

यह सूक्ष्म और लघु उद्यम से जुड़ी ऐसी इकाइयों को जो अपना उत्पाद बाहर देशों की ओर निर्यात करना चाहते हैं को सीओ (Certificate of Origin) जारी करने के लिए अधिकृत है।

लघु उद्योग भारती कौन कौन सी सर्विसेज प्रदान करता है?

इसकी अधिकारिक वेबसाइट के अनुसार यह एमएसएमई रजिस्ट्रेशन, सर्टिफिकेट ऑफ़ ओरिजिन, वित्त सहायता, क्वालिटी सर्टिफिकेशन में सहायता, बिजनेस को प्रमोट करने में सहायता, ट्रेड फेयर में भागीदारी करने में सहायता जैसी कई सर्विसेज प्रदान करता है ।

लघु उद्योग भारती की मेम्बरशिप फीस कितनी है?

इस संगठन की मेम्बरशिप लेने के लिए आपको लगभग ₹6500 खर्च करने की आवश्यकता होती है । जिसकी वैलिडिटी लगभग दस साल की है।

लघु उद्योग भारती की मेम्बरशिप कैसे लें

लघु उद्योग भारती की मेम्बरशिप लेने के लिए आपको इसकी ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होता है। उसके बाद जो एक फॉर्म खुलता है उसमें आपको अपने बिजनेस का नाम, राज्य, जिला, ब्लाक, अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल  इत्यादि डिटेल्स भरनी होती है। और सबमिट पर क्लिक करना होता है।

तो दोस्तों आशा करते हैं की Laghu Udyog Bharati के बारे में जो भी आप जानना चाहते थे, वह इस लेख के माध्यम से जान गए होंगे। लेकिन इस संगठन में सिर्फ सूक्ष्म और लघु उद्यम ही सदस्य बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं, क्योंकि यह संगठन उन्हीं के हितों की लड़ाई लड़ रहा है। यदि आप भी किसी सूक्ष्म या लघु उद्यम के स्वामी हैं। तो आप इस संगठन से जुड़ने के लिए विचार कर सकते हैं, लेकिन उससे पहले मौजूदा सदस्यों से फीडबैक अवश्य प्राप्त करें।

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