टूथ ब्रश बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? Tooth brush Making Business Plan in Hindi

Tooth brush Making Business Plan in Hindi – टूथ ब्रश का इस्तेमाल तो आप रोज एक बार नहीं, बल्कि दो दो बार भी करते होंगे। जी हाँ यदि आप चाहते हैं की आप बहुत ज्यादा बीमार न पड़े तो आपको अपनी साफ़ सफाई का ध्यान रखना पड़ेगा, और इस सफाई में आपको अपने दांतों को खास तौर पर साफ़ रखने की आवश्यकता होती है। क्योंकि यदि दांत या मुहँ साफ़ नहीं होगा तो उसके रस्ते कई कीटाणु जन्म ले सकते हैं, जो बाद में आपको बीमार करने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।

यही कारण है की डेंटल स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए टूथ ब्रश एक प्रमुख उपकरण के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है। मनुष्य को अपने ओरल स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए डेंटिस्ट द्वारा दिन में कम से कम दो बार टूथ ब्रश करने की सलाह दी जाती है ।

आम तौर पर एक टूथ ब्रश को टूथपेस्ट के साथ इस्तेमाल में लाया जाता है । बाज़ार में कई तरह के टूथ ब्रश और टूथ पाउडर आते हैं जिनका इस्तेमाल दांतों की सफाई करते वक्त टूथ ब्रश पर किया जाता है। कहने का आशय यह है की यह एक ऐसी आइटम है, जिसका इस्तेमाल लगभग हर उम्र के इन्सान द्वारा किया जाता है।

जहाँ पहले ग्रामीण इलाकों में दांतों को साफ़ करने के लिए कई प्राकृतिक दातुन जैसे नीम, तिमूर इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता था । वर्तमान में ग्रामीण भारत में भी बड़े पैमाने पर दांतों की सफाई के लिए टूथ ब्रश का इस्तेमाल किया जाने लगा है । यही कारण है की इसकी माँग भारतीय बाज़ारों में हमेशा मौजूद होती है।

tooth brush manufacturing

टूथ ब्रश के उपयोग और बाज़ार

टूथ ब्रश  करना यानिकी दांतों की सफाई करना मनुष्य के नित्य कर्मों में शामिल है। सुबह सुबह नाश्ता करने से पहले उसे दांतों की सफाई के लिए टूथ ब्रश करने की जरुरत पड़ती है। और ऐसा भी नहीं है की एक परिवार के सभी सदस्य केवल एक ही टूथ ब्रश का इस्तेमाल करते हों, बल्कि हर छोटे बड़े सदस्य कलो अपना अलग अलग टूथ ब्रश चाहिए होता है।

और यदि आप अपने दाँतों की निरंतर सफाई करते हैं तो आम तौर पर डेंटिस्ट दो महीने में एक टूथ ब्रश बदलने की सलाह देते हैं। इसका मतलब यह हुआ की जिसने एक बार टूथ ब्रश खरीद लिया तो उसे हर दो महीने में फिर से टूथब्रश खरीदने की जरुरत पड़ती है, जो इस उत्पाद की माँग को बढ़ाने में सहायक होती है।   

यही नहीं जिस तरह से मनुष्य के लिए रोज खाना जरुरी है, उसी तरह वर्तमान में लोगों में मुहँ और दांतों की साफ़ सफाई के प्रति बढती जागरूकता के कारण उनके लिए दिन में कम से कम एक बार टूथ ब्रश करना भी जरुरी हो गया है। इसी के चलते जब कोई मनुष्य कहीं पर किसी काम से घर से दूर अन्य शहर में जाता है और वहाँ पर अपना टूथ ब्रश ले जाना भूल जाता है, तो ऐसे ज्यादातर लोग नया टूथब्रश और टूथपेस्ट खरीदकर अपने दांतों की सफाई करना नहीं भूलते हैं ।

दाँतों की साफ़ सफाई के इस्तेमाल में लाये जाने वाले सबसे सामान्य और प्रमुख उपकरण के तौर पर टूथब्रश का ही इस्तेमाल किया जाता है। और भारत जैसे जनाधिक्य देश में जहाँ की एक अरब से ज्यादा आबादी है वहाँ पर इस तरह के प्रोडक्ट के लिए एक बहुत बड़ा स्थापित बाज़ार पहले से हैं। और जैसे जैसे लोगों में जागरूकता बढती जा रही है, वैसे वैसे इसके इस्तेमाल और बढ़ते जा रहे हैं।

टूथ ब्रश बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Toothbrush Making Business in India):

टूथब्रश की यदि हम बात करें तो इसके दो पार्ट होते हैं, एक हैंडल यानिकी बॉडी पार्ट होता है दूसरा वह पार्ट होता है जो मुहँ के अन्दर जाता है और उस पर नायलॉन के ब्रीसल्स बने होते हैं, जिस पर टूथपेस्ट लगाकर दांतों की सफाई की जाती है ।

लेकिन जितना साधारण इसका विवरण है क्या उतना आसान इसे बनान भी है, जी नहीं व्यवसायिक तौर पर इसका निर्माण करने के लिए इच्छुक उद्यमी को लाखों रूपये निवेश करने की आवश्यकता होती है । इसलिए आगे हम इस बिजनेस (Toothbrush Making Business) को शुरू करने की स्टेप बाई स्टेप जानकारी प्रदान कर रहे हैं ।

एक परियोजना रिपोर्ट बनाएँ

जैसा की हमने बताया की इस परियोजना को शुरू करने में इच्छुक उद्यमी को लाखों रूपये का निवेश करने की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए उद्यमी के लिए बेहतर यही है की वह सबसे पहले एक व्यवहारिक परियोजना रिपोर्ट तैयार करे। ताकि उसे इस बात का पता चल सके की उसे अपने बिजनेस को शुरू करने में लगभग कितने का निवेश करने की जरुरत होगी।

यद्यपि एक परियोजना रिपोर्ट में सिर्फ उस परियोजना को शुरू करने में आने वाली लागत ही शामिल नहीं होती है। बल्कि उसके लक्ष्य, उद्देश्य, प्रतिस्पर्धा, मार्किट रिसर्च, इस्तेमाल में लाइ जाने वाली मशीनरी कच्चा माल से लेकर अनुमानित मुनाफा तक शामिल होता है।

इस तरह की प्रोजेक्ट रिपोर्ट किसी एक्सपर्ट और इस फील्ड में काम करने वाली एजेंसीयों के माध्यम से बनाई जा सकती है। ऐसे प्रोजेक्ट जो बहुत ज्यादा जटिल नहीं होते हैं, उनकी परियोजना रिपोर्ट उद्यमी द्वारा खुद भी तैयार की जा सकती है, लेकिन इसके लिए भी मार्किट रिसर्च की आवश्यकता होती है।       

फण्ड का प्रबंध करें

एक व्यवहारिक परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के बाद उद्यमी को इस बात का ज्ञात हो जाता है की उसके बिजनेस को शुरू करने में कितनी लागत आ सकती है । इसलिए अब उद्यमी का अगला कदम उस बिजनेस को धरातल के पटल पर उतारने के लिए फण्ड का प्रबंध करने का होना चाहिए।

फण्ड का प्रबंध करने के लिए उद्यमी द्वारा कई तरह के तरीके अपनाए जा सकते हैं। ज्यादा लोग खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए सर्वप्रथम अपनी बचत पर नज़र डालते हैं।जब उन्हें लगता है की उनकी बचत के पैसे उनके बिजनेस को शुरू करने के लिए कम पड़ जाएँगे, तो उसके बाद कुछ लोग अपने नाते, रिश्तेदार, दोस्तों और पारिवारिक सदस्यों से ऋण लेने पर विचार करते हैं ।

लेकिन जब इन स्रोतों से भी पैसों का प्रबंध नहीं हो पाता है तो उसके बाद वे औपचारिक लोन जैसे बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों से लोन लेने के लिए आवेदन करते हैं। यदि आप भी इस बिजनेस को शुरू कर रहे हैं तो आप भी इनमें से किसी एक या सभी तरीकों का इस्तेमाल फण्ड का प्रबंध करने के लिए कर सकते हैं।      

जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करें

जब आप एक फैक्ट्री स्थापित कर रहे होते हैं तो आपको मशीनरी उपकरणों को सरलता से इंस्टाल करने के लिए जगह तो चाहिए ही होती है। इसके अलावा मशीनरी को चलाने के लिए जितनी हॉर्स पॉवर विद्युत् की आवश्यकता होती है उन इलेक्ट्रिक पैनलों एवं अन्य उपकरणों को रखने के लिए भी जगह की आवश्यकता होती है। और इतना ही नहीं इन्वेंटरी मैनेजमेंट के लिए अलग से इन्वेंटरी रूम की जरुरत हो सकती है।

ऑफिस कार्यों को निबटाने के लिए एक छोटे से ऑफिस की भी आवश्यकता हो सकती है, इस तरह से देखें तो इस बिजनेस को शुरू करने के लिए उद्यमी को लगभग 2200 वर्गफीट जगह की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि यह पूरी तरह इस बात पर भी निर्भर करता है की उद्यमी कितनी उत्पादन क्षमता का प्लांट लगाने की योजना बना रहा है।

जहाँ तक जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करने का सवाल है यदि उद्यमी केवल जमीन खरीदकर या फिर लीज पर लेकर इस बिजनेस को शुरू करता है तो उसे कंस्ट्रक्शन लागत में काफी पैसा खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए यदि उद्यमी चाहे तो किसी बनी बनाई बिल्डिंग इत्यादि को किराये पर लेकर उसे अपनी आवश्यकतानुसार डिजाईन में बदल सकता है । इस स्थिति में उद्यमी को ₹35000 हर महीने किराया देने की आवश्यकता हो सकती है। किराया भी समय, लोकेशन इत्यादि के हिसाब से अलग अलग हो सकता है।   

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जरुरी लाइसेंस प्राप्त करें  

भारत में कोई भी बिजनेस वैधानिक रूप से शुरू करने के लिए लाइसेंस रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता होती है। टूथ ब्रश बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को निम्नलिखित लाइसेंस और पंजीकरणों की आवश्यकता हो सकती है।

  • बिजनेस रजिस्ट्रेशन (प्रोप्राइटरशिप फर्म, वन पर्सन कंपनी, पार्टनरशिप फर्म, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, इत्यादि)
  • व्यवसाय के नाम से पैन कार्ड चालू खाता
  • जीएसटी रजिस्ट्रेशन
  • ट्रेड लाइसेंस
  • फैक्ट्री लाइसेंस
  • उद्यम रजिस्ट्रेशन (वैकल्पिक)
  • ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन (वैकल्पिक)
  • फायर और पोल्यूशन विभाग से एनओसी    

मशीनरी और उपकरणों की खरीदारी करें

इस बिजनेस (Tooth Brush Making Business) में इस्तेमाल में लाई जाने वाली कच्चे माल और मशीनरी इत्यादि भारत के हर महानगर में आसानी से उपलब्ध है। लेकिन इनकी खरीदारी करने से पहले उद्यमी को विभिन्न सप्लायर से संपर्क करके कोटेशन मँगाकर उनका तुलनात्मक विश्लेषण करके अपने बिजनेस के लिए किसी बेस्ट सप्लायर का चुनाव करना चाहिए।

  • टूथब्रश की बॉडी प्लास्टिक से निर्मित होती है इसलिए इसे बनाने के लिए इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी कीमत ₹11.8 लाख मान के चल सकते हैं।
  • नायलॉन के ब्रीसल्स लगाने के लिए टूथ ब्रश ट्फिंग का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी कीमत ₹9.2 लाख तक मान के चल सकते हैं।
  • नायलॉन के ब्रीसल्स को आवश्यक साइज़ में काटने के लिए ट्रीमिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी कीमत ₹6.9 लाख हो सकती है।
  • अन्य हैण्ड ऑपरेटेड टूल्स और उपकरण जिनकी कीमत ₹50000 तक हो सकती है।   

टूथ ब्रश बनाने की मशीनरी और उपकरणों को खरीदने में इच्छुक उद्यमी को लगभग ₹28.40 लाख खर्चा करना पड़ सकता है। इस बिजनेस में कच्चे माल के तौर पर प्लास्टिक के दाने, नायलॉन, रबर ग्रिप, पैकेजिंग सामग्री इत्यादि की आवश्यकता होती है।

कर्मचारियों की नियुक्ति करें

  • कम से कम  2 मशीन ऑपरेटर
  • 4 कुशल/अकुशल श्रमिक
  • 3 हेल्पर
  • 1 अकाउंटेंट
  • 1 सुपरवाईजर
  • 2 सेल्समेन

इस तरह का यह बिजनेस सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उद्यमी को 13-14 स्टाफ को काम पर रखने की आवश्यकता हो सकती है ।

टूथ ब्रश बनाना शुरू करें

  1. सबसे पहले प्लास्टिक से निर्मित टूथब्रश की बॉडी का निर्माण किया जाता है इसे इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन के द्वारा पूर्ण किया जाता है।
  2. जब टूथ ब्रश की बॉडी बनकर तैयार हो जाती है तो इसके अगले सिरे पर नायलॉन के ब्रीसल्स लगाने के लिए ट्फिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है ।
  3. ट्फिंग प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ट्रीमिंग प्रक्रिया पूर्ण की जाती है इस प्रक्रिया में नायलॉन के ब्रीसल्स को ट्रीमिंग मशीन की मदद से वांछित साइज़ में काट लिया जाता है।
  4. और जब ट्रीमिंग और ग्रिप लगाने की प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है तो उसके बाद पैकेजिंग मशीन की मदद से इनकी पैकेजिंग की जाती है ।  

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टूथ ब्रश बनाने का बिजनेस शुरू करने में लागत

टूथ ब्रश बनाने का बिजनेस शुरू करने में आने वाला खर्चा इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी किस स्तर पर फैक्ट्री स्थापित करना चाहता है । लेकिन एक ऐसी फैक्ट्री जिसमें प्रतिदिन 1000 टूथब्रश का निर्माण किया जाता हो उसे शुरू करने में आने वाला खर्चा कुछ इस प्रकार से हो सकता है ।

खर्चे का प्रकाररुपयों में
मशीनरी उपकरणों पर खर्चा₹28.40
बिल्डिंग का किराया (3 महीने का)₹1.05 लाख
फर्नीचर और फिक्सिंग का खर्चा₹2.5 लाख
सैलरी, कच्चा माल इत्यादि वर्किंग लागत₹9 लाख
कुल लागत₹40.95 लाख
Investment in Tooth Brush manufacturing

टूथ ब्रश के बिजनेस से होने वाला मुनाफा

इस बिजनेस से होने वाला मुनाफा कई कारकों पर निर्भर करता है। लेकिन जो सबसे बड़ा कारक है वह यह है की उद्यमी द्वारा उत्पादित सभी टूथ ब्रश की बिक्री का होना। कहने का आशय यह है की यदि उद्यमी अपने द्वारा उत्पादित टूथब्रश को निर्धारित कीमतों पर बेचने में सफल हो गया तो वह इस बिजनेस (Tooth Brush Making Business) से अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकता है ।

लेकिन हम यहाँ पर एक ऐसी फैक्ट्री की बात कर रहे हैं जहाँ पर एक दिन में 1000 टूथब्रश का निर्माण होता हो, इस स्तर पर इस बिजनेस से एक साल में लगभग ₹7.5 लाख तक का अनुमानित शुद्ध मुनाफा हो सकता है।               

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