अरंडी तेल निर्माण बिजनेस कैसे शुरू करें | Castor Oil Manufacturing Business.

Castor oil यानिकी अरंडी के तेल की यदि हम बात करें तो यह एक बहुउद्देशीय वानस्पतिक तेल है और लोगों द्वारा इसका इस्तेमाल हजारों वर्षों पूर्व से किया जाता रहा है । रिकिनस कम्यूनिस, कैस्टर बीन या कैस्टर ऑयल प्लांट एक ऐसे परिवार के फूलों की प्रजाति है जो बारहमासी होते हैं। अर्थात यह बारहमासी फूलों की एक प्रजाति होती है। और कैस्टर बीन्स जिनसे Castor oil का निर्माण किया जाता है इनमें एक विषैला अन्जाइम होता है जिसे रिकिन कहा जाता है।

हालांकि अरंडी के तेल का निर्माण करते वक्त इसे एक विशेष तापमान पर गरम किया जाता है या फिर उच्च तापमान से गुज़ारा जाता है। और इस प्रक्रिया के कारण इसमें पाया जाने वाला विषैला अन्जाईम निष्क्रिय हो जाता है और जिससे तेल सुरक्षित तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इसलिए वर्तमान में अरंडी के तेल का इस्तेमाल अनेकों कॉस्मेटिक वस्तुओं के निर्माण में भी किया जाता है।

इसके अलावा इसका इस्तेमाल कुछ सामान्य सी व्याधियों जैसे कब्ज और त्वचा की बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए भी आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से Castor Oil Manufacturing Business के बारे में जानने का प्रयत्न कर रहे हैं। लेकिन उससे पहले आइये जानते हैं की लोग अरंडी के तेल का इस्तेमाल क्यों करते हैं अर्थात अरंडी के तेल के इस्तेमाल के क्या क्या फायदे हो सकते हैं।

Castor Oil Manufacturing Business hindi

अरंडी के तेल के अनुप्रयोग एवं फायदे ( Uses & benefits of castor Oil)

Castor Oil का इस्तेमाल करने के पीछे कई कारण हैं इनमें से कुछ कारण इस प्रकार से हैं।

  • अरंडी के तेल के औषधीय उपयोग की यदि हम बात करें तो इसे एक प्राकृतिक रेचक के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है।
  • चूँकि इस प्रकार का यह तेल हाइड्रेशन को बढ़ावा देता है इसलिए सौन्दर्य प्रसाधनों जैसे लोशन, मेकअप और क्लीनजर में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • अरंडी का तेल उतकों के विकास को प्रोत्साहित करता है ताकि घाव और पर्यावरण के बीच अवरोध उत्पन्न किया जा सके, और संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके।
  • इस प्रकार के तेल में मुख्य फैटी एसिड के तौर पर रिकिनोइलिक एसिड पाया जाता है जिसमें सूजन को कम करने वाले प्रभावशाली गुण विद्यमान रहते हैं।
  • Castor Oil में रोगाणुरोधी गुण होते हैं इसलिए जब यह त्वचा पर लागू किया जाता है तो ये बैक्टीरियल अतिवृद्धि से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
  • बालों में नियमित तौर पर अरंडी का तेल लगाने से यह बालों के शाफ़्ट को लुब्रिकेंट करता है जिससे बालों में लचीलापन बढ़ता है और उनके टूटने या झड़ने की संभावना कम हो जाती है।

अरंडी के तेल की बिक्री संभाव्यता

जैसा की हम पहले भी स्पष्ट कर चुके हैं की Castor Oil के एक नहीं बल्कि अनेकों उपयोग हैं इसलिए इसकी माँग बाज़ारों में हमेशा विद्यमान रहती है। हमारा देश भारत अरंडी के बीज के सर्वश्रेष्ठ उत्पादकों में से एक है वैश्विक अरंडी बीज उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी लगभग 85% है।

एक विश्वसनीय रिपोर्ट के अनुसार 2019 तक अरंडी के तेल का यह बाजार 790.5 किलोटन की मात्रा तक पहुंच चूका था और 2025 तक इसके 1,470 मिलियन डॉलर छूने की उम्मीद जताई गई थी। Castor Oil को केवल सौन्दर्य प्रसाधनों या आयुर्वेदिक औषधियों के तौर पर ही इस्तेमाल में नहीं लाया जाता है, बल्कि इसके अन्य औद्योगिक इकाइयों में भी कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल होता आया है।

इनमें विभिन्न उत्पादों जैसे बायोडीजल, पॉलीयूरेथेन चिपकने वाले, मशीनिंग तेल, प्रशीतन स्नेहक, इत्यादि बनाने वाली इकाइयाँ शामिल हैं। अरंडी के तेल की यही बहुमुखी प्रकृति ही हमेशा इसकी आवश्यकता एवं जरुरत को बाजार में बनाये रखती है।

अरंडी के तेल बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Castor Oil Manufacturing Business):

अरंडी के तेल बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए भी उद्यमी को वह सभी प्रक्रियाएं पूर्ण करने की आवश्यकता होती है जो किसी अन्य बिजनेस को । जैसा की अब तक हम इस लेख के माध्यम से यह तो जान ही चुके हैं की अरंडी के तेल के बहुमुखी उपयोग हैं इसलिए इसकी मांग कई औद्योगिक इकाइयों एवं आम लोगों द्वारा भी हमेशा की जाती है।

Castor Oil Manufacturing Business शुरू करने के इच्छुक उद्यमी को भी सभी प्रक्रियाएं जैसे जमीन का प्रबंध, वित्त का प्रबंध, मशीन एवं कच्चे माल की खरीदारी, कर्मचारियों की नियुक्ति, निर्माण की तकनीक इत्यादि सभी का प्रबंध करने की आवश्यकता होती है। आइये जानते हैं की कैसे कोई व्यक्ति खुद का यह बिजनेस शुरू कर सकता है।

1. जमीन का प्रबंध करें (Land & Building for Castor Oil Manufacturing):

वैसे तो उद्यमी इस तरह के इस बिजनेस को किसी भी गैर कृषि योग्य भूमि से शुरू कर सकता है लेकिन उद्यमी को ऐसी लोकेशन पर जमीन का प्रबंध करने की आवश्यकता होती है।

जहाँ पर सड़क, बिजली, पानी इत्यादि की उचित व्यवस्था हो। Castor Oil Plant स्थापित करने के लिए वर्कशॉप या विनिर्माण प्रक्रिया के लिए जगह, विद्युत् उपयोगिताओं के लिए जगह, इन्वेंटरी के लिए जगह और एक छोटा सा ऑफिस स्थापित करने के लिए भी जगह की आवश्यकता होती है। इस प्रकार से इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को 900-1200 Square Feet जगह की आवश्यकता हो सकती है। उद्यमी चाहे तो जमीन या दुकान किराये या लीज पर ले सकता है।      

2. वित्त का प्रबंध करें (Fund Arrangement for Castor Oil Manufacturing):

इस तरह के इस बिजनेस को शुरू करने में उद्यमी को कम से कम 7-10 लाख रूपये खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए Castor Oil Manufacturing Business शुरू करने वाला व्यक्ति यदि अपनी व्यक्तिगत बचत या अन्य स्रोतों से वित्त का प्रबंध कर सकता है तो ठीक है।

अन्यथा वह ऋण के औपचारिक स्रोतों जैसे बैंक ऋण और किसी सरकारी योजना के तहत सब्सिडी ऋण इत्यादि के लिए भी आवेदन कर सकता है। ध्यान रहे बिना पैसों के कोई भी बिजनेस शुरू करना लगभग असम्भव है। इसलिए वित्त किसी भी व्यवसाय को शुरू करने और लक्ष्यों तक पहुँचने में अहम् भूमिका निभाता है।     

3. आवश्यक लाइसेंस एवं पंजीकरण

सबसे पहले उद्यमी को अपने Castor Oil Manufacturing बिजनेस को एक वैधानिक स्वरूप प्रदान करना होता है इसलिए उद्यमी चाहे तो अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप के तहत रजिस्टर कर सकता है। और उसके बाद उद्यमी को जीएसटी रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता होती है ताकि वह टैक्स इनवॉइस इत्यादि जनरेट कर सके। टैक्स रजिस्ट्रेशन के अलावा उद्यमी को ड्रग एवं कॉस्मेटिक लाइसेंस की भी आवश्यकता हो सकती है क्योंकि अरंडी के तेल का इस्तेमाल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के तौर पर किया जाता है।

इसके अलावा स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस या फैक्ट्री लाइसेंस लेने की भी आवश्यकता हो सकती है। उद्यमी चाहे तो अपने उद्यम को उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन में भी रजिस्टर करा सकता है और यदि उद्यमी स्वयं का ब्रांड बनाकर अरंडी का तेल बेचने की सोच रहा है तो उसे ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता हो सकती है।    

4. मशीनरी एवं कच्चे माल की खरीदारी

कैस्टर बीन्स से Castor Oil का निर्माण करने के लिए विभिन्न मशीनरी एवं उपकरणों की आवश्यकता होती है। इसलिए इनकी खरीदारी करने से पहले उद्यमी को विभिन्न सप्लायर से कोटेशन मंगाकर उनका तुलनात्मक विश्लेषण करना चाहिए। इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लायी जाने वाली प्रमुख मशीनरी की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • आयल कलेक्शन टैंक के साथ हैवी ड्यूटी आयल एक्सपेलर चैम्बर
  • सभी उपकरणों जैसे फ्लिटर क्लॉथ, स्टेनलेस स्टील की आयल कलेक्शन ट्रे, गाल्वनाइज्ड ट्रे इत्यादि के साथ फ़िल्टर प्रेस
  • एल एंड टी स्टार्टर के साथ इलेक्ट्रिक मोटर
  • चिमनी के साथ बेबी  बायलर 
  • सभी उपकरणों सहित स्पार्क बॉक्स
  • इलेक्ट्रिक मोटर के साथ आयल डेकोरटिकेटर
  • अन्य मशीनरी और स्पेयर पार्ट्स  

जहाँ तक Castor Oil Manufacturing के लिए कच्चे माल का सवाल है इसके लिए प्रमुख कच्चा माल अरंडी के बीज ही चाहिए । अरंडी के बीजों से 40% से 60% तक तेल निकलता है जिसमें ट्राइग्लिसराइड प्रचुर मात्रा में होता है। इस तेल में पानी में घुलनशील टोक्सिन भी होता है यही कारण है की इसका इस्तेमाल खाद्य तेल के तौर पर नहीं किया जाता है।     

5. कर्मचारी नियुक्त करें

उपर्युक्त मशीनरी से Castor Oil का निर्माण करने के लिए उद्यमी को कुशल मशीन ऑपरेटर की आवश्यकता होती है। इसके अलावा ISO मानकों के अनुरूप अरंडी के तेल का उत्पादन करने के लिए कुशल क्वालिटी इंजिनियर की भी आवश्यकता होती है।

इसके अलावा सामान को एक वर्क स्टेशन से दुसरे वर्क स्टेशन में ले जाने के लिए कुछ हेल्पर की भी आवश्यकता होती है। और ऑफिस का काम सँभालने के लिए शिक्षित एवं कुशल कर्मचारी को नियुक्त करने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार से उद्यमी को कुल मिलाकर 7-8 कर्मचारी नियुक्त करने की आवश्यकता हो सकती है।     

6. निर्माण कार्य शुरू करें (Start Castor Oil Manufacturing Process):

 Castor Oil का निर्माण निष्कर्षण पद्यति से किया जाता है जो की आर्थिक दृष्टी से भी उपयुक्त है लेकिन निष्कर्षण यानिकी एक्सट्रैक्शन की पद्यति बैच टाइप या फिर निरंतर हो सकती है। निष्कर्षण प्रक्रिया से शुद्ध अरंडी के तेल का उत्पादन करने के लिए निष्कर्षण प्रक्रिया, आसवन प्रक्रिया, तेल में उपलब्ध मोम को अलग करने की प्रक्रिया शामिल है।

जब कैस्टर खुले में विभाजित होते हैं और इनमें बीजों का निर्वहन होता है तो Castor Oil Manufacturing Process में सबसे पहले पके हुए बीजों को सूखने दिया जाता है। ध्यान रहे कैस्टर के बीजों को निष्कर्षण से पहले साफ़ किया जाता है, फिर पकाया जाता है और फिर सुखाया जाता है।

इसके बाद ही इनसे तेल को पूर्व दबाव द्वारा निकाला जाता है उच्च दबाव देने के लिए एक्सपेलर में स्क्रू को बार बार टाइट किया जाता है। और जब बीजों से पूरा तेल निकाल दिया जाता है तो उसके बाद उस तेल को छाना जाता है। और दबाव के चलते जो सामग्री बच जाती है उसे केक कहा जाता है।

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