बजट क्या होता है और एक प्रभावी बजट प्लान कैसे बनाएँ।

क्या आपने कभी बजट के बारे में सुना है, शायद अवश्य सुना होगा। क्योंकि कभी कभी आपने अपने घरवालों माता पिता या अन्य सदस्यों को बजट का हवाला देते हुए अवश्य सुना होगा की उनका बजट इतना नहीं है। कुछ लोग यह सोचते हैं की बजट तो वे लोग बनाते हैं जिनके पास पैसों की कमी होती है, जबकि यह सच नहीं है। इसलिए कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें यह प्रक्रिया एक सजा की तरह लगती है।

असल में देखा जाय तो बजट बनाने का मतलब यह बिलकुल नहीं है की आपने खुद को किसी चीज से वंचित रखना है। बल्कि यह इसलिए होता है ताकि आप अपने पैसों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर सकें । इसमें आप महीने में या एक समय विशेष में जो भी खर्चे करते हैं सबको शामिल कर सकते हैं।

घूमने फिरने, मौज मस्ती से लेकर सब कुछ। लेकिन बजट हमेशा कमाई से कम ही होना चाहिए क्योंकि बजट खर्चा करने के बारे में होता है न की कमाई करने के बारे में। तो आइये इसे और अच्छे से समझने का प्रयास करते हैं।

budget plan kaise banaye

पूरा लेख एक नजर में

बजट क्या होता है (What is budget in Hindi)   

बजट की यदि हम बात करें तो यह कमाई और खर्चों पर आधारित खर्चों की एक योजना है। दुसरे शब्दों में हम यदि इसे समझने की कोशिश करें तो हम पाएंगे की यह एक अनुमान होता है की आप एक निर्धारित अवधि में कितनी कमाई करेंगे और उसमें से कितना खर्चा करेंगे।

खर्च हमेशा कमाई से कम ही होना चाहिए इसलिए बजट भी कमाई से कम ही होता है। यदि आप अपने घर की कमाई और खर्चों के  आधार पर खर्चा करने की योजना बनाते हैं, तो यह एक पारिवारिक बजट होता है।

पारिवारिक बजट बनाने के तरीके प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकते हैं, कुछ लोग पेन, कागज़ की मदद से हाथ से लिखना पसंद करते हैं तो कुछ मोबाइल एप्प एवं कंप्यूटर का भी इस्तेमाल इस तरह का कार्य करने के लिए करते हैं। लेकिन जब बात बिजनेस बजट की आती है तो इसे बनाने के लिए अधिकतर कंपनियां एक ही तरह के मानकों का इस्तेमाल करती हैं।

जब कोई इकाई भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक निर्धारित अवधि के लिए अपनी वित्तीय परिणामों और वित्तीय स्थिति का पूर्वानुमान लगाकर मौजूदा खर्चों, और नए कामों में आने वाले खर्चों के लिए पैसे आवंटित करती है तो इसे बिजनेस बजट कह सकते हैं।

इसका इस्तेमाल प्लानिंग और प्रदर्शन मापन उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है, जिसमें लगभग सभी प्रकार के खर्चे अचल सम्पतियों को खरीदने का खर्चा, नए उत्पादों को बनाने में आने वाला खर्चा, कर्मचारियों की ट्रेनिंग इत्यादि का खर्चा, बोनस, संचालन इत्यादि खर्चे शामिल होते हैं।

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बजट की संरचना ( Structure of budget in hindi)  

छोटे से छोटे स्तर का बजट बनाने के लिए भी उसमें दो तरह का विवरण पहला यह की भविष्य की उस निर्धारित अवधि में कमाई कितनी होगी? और दूसरा उस कमाई का कितना हिस्सा खर्चा होगा, होना अनिवार्य है।

यह तो बात हुई एक साधारण बजट की, लेकिन जब एक जटिल बजट बनाना हो तो उसमें कई तरह का विवरण जैसे बिक्री का पूर्वानुमान, बिक्री की गई वस्तुओं की लागत, लक्ष्यित बिक्री तक पहुँचने में खर्चा हुआ पैसा, कितनी कार्यशील पूँजी की आवश्यकता होगी, अचल सम्पति खरीदने की आवश्यकता, वित्तपोषण की आवश्यकताएँ और कैश फ्लो का पूर्वानुमान इत्यादि प्रमुख विवरण शामिल हो सकते हैं।

वर्तमान में जहाँ बड़ी कम्पनियाँ बजट बनाने के लिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती हैं, वहीँ अन्य इकाइयाँ कंप्यूटर में एक्सेल या अन्य स्प्रेडशीट के माध्यम से बजट बनाती हैं।

जहाँ तक सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने का सवाल है यह कंप्यूटेशन गलतियों को काफी कम कर देता है, इसके अलावा बजटिंग सॉफ्टवेयर किसी अनधिकृत व्यक्ति को बजट में छेड़छाड़ करने से भी रोकते हैं। यही कारण है की बड़े उद्यम इनका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करते हैं।

आखिर बजट बनाना महत्वपूर्ण क्यों है ( Why budgeting is important)

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की अक्सर लोग यही सोचते हैं की बजट वे लोग बनाते हैं जिनके पास पैसों की कमी होती है। जबकि यह सच नहीं है, भले ही पारिवारिक बजट हर कोई परिवार नहीं बनाता हो, लेकिन बिजनेस बजट हर छोटी बड़ी कंपनी अवश्य बनाती है।

बजट से केवल उन कंपनियों या लोगों को लाभ नहीं होता जो आर्थिक संघर्ष से गुजर रहे हों, बल्कि इससे सभी को फायदा होता है।

अपने पैसे को अच्छे ढंग से इस्तेमाल करने और अपने पास उपलब्ध साधनों के भीतर रहने में बजट प्रभावी ढंग से कारगर होता है। यह आपको आपके वित्तीय लक्ष्यों तक पहुँचाने में भी सहायता प्रदान करता है।

कमाई और खर्चों को समझने में मदद करता है

जैसा की हमने बताया की बजट बनाते समय किसी व्यक्ति को या इकाई को भविष्य में एक निर्धारित समय में अपनी कमाई और खर्चों का पूर्वानुमान लगाना होता है। और इसी पूर्वानुमान के आधार पर खर्चों की योजना बनानी होती है।

इसलिए यह किसी व्यक्ति या इकाई को उसकी कमाई और खर्चों को ट्रैक करने में सहायता प्रदान करता है। यदि बजट के मुताबिक कुछ चीजें नहीं हो पा रही हों, तो उद्यमी या व्यक्ति आसानी से पता लगा सकता है की कहाँ पर कमी है। उसके बाद उस कमी को आसानी से दूर भी कर सकता है।

भविष्य के लिए बचत करने में सहायक होता है

एक कहावत है की इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की आपने कितना कमाया फर्क इस बात से पड़ता है की आपने कितना बचाया। चूँकि बजट भविष्य में होने वाली खर्चों की एक योजना होती है, जो उस निर्धारित समय में होने वाली कमाई से हमेशा कम होती है। इसलिए यह आपातकाल एवं भविष्य के लिए पैसे बचाने में भी सहायक होता है।

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कर्जा होने का खतरा नहीं रहता है

व्यक्ति को अपने पास उपलब्ध संसाधनों को ध्यान में रखकर एवं उसके भीतर ही बजट का निर्माण करना होता है। जिससे वह भविष्य में एक निर्धारित समय में होने वाले सभी खर्चों का अनुमान लगाकर बजट बनाता है, इससे अनावश्यक कर्जा लेने से व्यक्ति या इकाई बच जाती है।

चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार करता है

यदि आप बजट नहीं बनाएँगे तो हो सकता है की आप अपनी कमाई से अधिक का खर्चा कर दें, और जब आपको इस बात का एहसास हो, तो तब आप मानसिक तनाव लेना शुरू कर दें।

इसके अलावा कभी कभी कुछ अप्रत्याशित खर्चे भी व्यक्ति या इकाई के सामने आ खड़े होते हैं, और इस स्थिति में यदि आपके पास पैसे ही नहीं होंगे तो आप इन चुनौतियों का सामना कैसे कर पाएँगे।

सभी खर्चे शामिल कर सकते हैं

चाहे आप कोई बिजनेस इकाई हों, या कोई व्यक्तिगत व्यक्ति बजट बनाते समय आप सभी खर्चे जैसे यदि बिजनेस इकाई हो तो वेतन देने में होने वाला खर्चा, किराया, पानी, बिजली एवं अन्य यूटिलिटी, बीमा कराने का खर्चा, पेशेवर सर्विस लेने में आने वाला खर्चा, विज्ञापन और लोन इत्यादि लेने में आने वाले खर्चे शामिल कर सकते हैं।

इसके अलावा यदि उस विशेष समयावधि में आपकी योजना कुछ नई चीज खरीदने की या बनवाने की भी हो तो उस खर्चे को भी बजट में शामिल किया जा सकता है।

बिजनेस इकाई को बजट बनाने के फायदे

एक प्रभावी बजट प्लान व्यवसाय के स्वामी को ऐसे ऐसे उपकरण प्रदान करता है जिससे वह अपने व्यवसाय की वित्तीय स्थिति का अनुमान आसानी से लगा सकता है।

इसके अलावा यह कंपनी के मालिक को उसकी कंपनी का वित्तीय विवरण निवेशकों और निदेशकों के साथ साझा करने में भी मददगार हो सकता है। बिजनेस बजटिंग के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार से हैं।

  • आप चाहे कितने भी दूरदर्शी क्यों न हों, लेकिन फिर भी आप निश्चित रूप से यह नहीं जान सकते की भविष्य में आपके बिजनेस के साथ क्या क्या हो सकता है। निजी जीवन में भी अप्रत्याशित घटनाएँ होती रहती हैं। इसलिए बजट प्लान करके आप अपनी कमाई का कुछ न कुछ हिस्सा अवश्य बचा पाते हैं। जिसे आप आपतकाल में इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • यदि आप अपने व्यवसाय का बजट नहीं बनाते हैं, तो आप किसी अन्य को अपने बिजनेस की अनुमानित कमाई और खर्चों के बारे में समझाने में अक्षम होते हैं। दूसरी तरफ ऐसे व्यवसाय जो प्रत्येक वर्ष बजट के माध्यम से अपनी अनुमानित कमाई और खर्चों का ब्यौरा रखते हैं, उन पर निवेशक अधिक विश्वास करते हैं। और ऐसे व्यवसायों में निवेश करना पसंद करते हैं। इसलिए बिजनेस बजट निवेशकों को भी आकर्षित करता है।
  • बिक्री बढ़ानी हो तो सेल्स टीम और बिक्री प्रक्रियाओं पर भी खर्चा करना होगा, इसलिए बजट में यह भी शामिल होता है की एक निश्चित समयावधि में आप बिक्री प्रक्रियाओं पर कितना खर्चा करके कितना कमाने का अनुमान लगा रहे हैं । जिससे यह आपको बिक्री लक्ष्यों को निर्धारित करने में मदद करता है।
  • हर कंपनी के अपने वित्तीय लक्ष्य निर्धारित होते हैं, लेकिन यदि कंपनी ने बजट बनाकर कमाई और खर्चों में संतुलन नहीं बनाया तो वह कभी भी अपने निर्धारित वित्तीय लक्ष्यों तक नहीं पहुँच पाएगी। इसलिए यह निर्धारित वित्तीय लक्ष्यों तक पहुँचने में भी मदद करता है।
  • जैसा की हम पहले ही बता चुके है की एक प्रभावी बजट में इकाई से जुड़ा हर खर्चा शामिल होता है, इसलिए यदि बिजनेस इकाई पर मौजूदा कोई ऋण है। तो उसको चुकता करने के बारे में बजट में अवश्य होगा। यही कारण है की यह बिजनेस इकाई को कर्जे से दूर रखने में भी मददगार होता है। और ऋण पर लगने वाली पेनल्टी से भी बचाता है।
  • भले ही आपका व्यवसाय टैक्स सीमा से बाहर तक की आय अर्जित न करता हो, लेकिन बिजनेस इकाई के लिए यह बेहद फायदेमंद रहता है की वह टैक्स रजिस्ट्रेशन कराके हर साल रिटर्न फाइल करे। बजट में आप किसी सीए या टैक्स सॉफ्टवेयर का भी खर्चा जोड़ सकते हैं, जिससे आपको हमेशा याद रहेगा की आपको टैक्स रिटर्न फाइल करना है।
  • बजट बिजनेस के स्वामी को उस व्यवसाय के लिए जरुरी और महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने में भी मददगार साबित होता है। जब आपको पता चलता है की आप वेतन पर कितना खर्च कर रहे हैं? तो आप उसे बढ़ाने या घटाने के बारे में निर्णय ले सकते हैं।                

एक प्रभावी बजट प्लान कैसे बनाएँ

हालांकि यदि आप पहली बार बजट बना रहे हैं, तो यह प्रक्रिया आपको काफी जटिल लग सकती है। लेकिन यदि आप इसे आसान बनाना चाहते हैं तो आप नीचे दी जा रही युक्तियों पर विचार कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं की एक प्रभावी बजट प्लान बनाने के लिए आप किन किन युक्तियों पर विचार कर सकते हैं।

इंडस्ट्री मानकों को जानें  

आप किस इंडस्ट्री में बिजनेस कर रहे हैं और उस इंडस्ट्री में बजट बनाने के लिए किन मानकों का इस्तेमाल होता है, यह जानना बेहद जरुरी है। क्योंकि वैसे देखा जाय तो अलग अलग कंपनीयों के खर्चे भी अलग अलग होते हैं, लेकिन आम तौर पर देखा गया है की एक जैसी इंडस्ट्री में बिजनेस कर रहे बिजनेस इकाई के मुख्य खर्चे एक जैसे ही होते हैं।

जबकि कर्मचारी कल्याण इत्यादि के खर्चे अलग अलग हो सकते हैं। इसलिए सबसे पहले इंडस्ट्री मानकों को जानना आवश्यक हो जाता है।

सभी तरह की कमाई को शामिल करें   

जब आप भविष्य में एक निर्धारित समय के लिए कमाई का अनुमान लगा रहे हों, तो उसमें हर स्रोत से होने वाली कमाई का अनुमान लगाएँ । कोई भी ऐसा स्रोत जिसे आप शामिल न करें भविष्य में वह आपकी निर्णय क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

बजट में खर्चों का कमाई से कम होने का मतलब है की आपका एक अच्छा बजट है, जिससे आप भविष्य के लिए भी पैसा बचने में भी सक्षम हो सकते हैं।

अपने बजट का आकलन वास्तविक आकंड़ों से करें

यदि आप पहली बार बजट बना रहे हैं, तो हो सकता है की आपके पास पहले से कोई आंकडें मौजूद न हों। लेकिन यदि आप पहले भी बजट बना चुके हैं और दुबारा इसे बना रहे हैं, तो पिछले आंकड़ों का वास्तविक आंकड़ों से मिलान अवश्य कर लें, और उसी के आधार पर विभिन्न मदों पर होने वाले खर्चे का अनुमान लगाएँ।

पहली बार बना रहे हैं तो बजट बना लेने के बाद हर महीने इसका वास्तविक आंकड़ों से मूल्यांकन करते रहें, तभी आपको पता चला पायेगा, की आपका अनुमान कितना गलत या सही है।

लम्बे समय के खर्चों को भी शामिल करें     

अक्सर देखा गया है की लगभग सभी व्यवसाय के मालिकों को उनकी भविष्य की योजना के बारे में पता रहता है, इसलिए उन्हें यह भी पता रहता है की चार महीने बाद, आठ महीने बाद दो साल बाद उन्हें क्या क्या खरीदने की आवश्यकता हो सकती है। बजट में इनके लिए पहले से प्रावधान करना इसलिए जरुरी हो जाता है, क्योंकि इससे आप अनावश्यक कर्जे में पड़ने से बच जाते हैं ।

बजट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें

एक प्रभावी और त्रुटिमुक्त या कम त्रुटी वाला बजट बनाने के लिए आपको सॉफ्टवेयर खरीदने की आवश्यकता हो सकती है। सही सॉफ्टवेयर का चुनाव करने से आपको कमाई और खर्चे का ब्यौरा रखने में आसानी और यह ठीक चल रहा है या नहीं इसकी व्यापक रिपोर्ट प्राप्त करने में भी मदद होती है और इसके अलावा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल मानवीय त्रुटियों से भी बचाता है।

खर्चों को बढ़ा चढाकर दिखाएँ    

कुछ लोग या बिजनेस इकाई इसे गलत मानती हों, लेकिन अपने खर्चों का ज्यादा अनुमान लगाना कहीं से भी गलत और नुकसानदेह नहीं है।

बल्कि जब आप बजट में अपने खर्चों को ज्यादा आंकते हैं, तो आप अप्रत्याशित खर्चों के लिए भी एकदम तैयार रहते हैं। बजट में पैसे बचने से आप उसे आपतकाल फण्ड में रख सकते हैं, या उसको वहाँ खर्च कर सकते हैं जहाँ अनुमान से अधिक खर्च हो रहा हो।

डिपार्टमेंट के आधार पर बजट बनाएँ   

एक बिजनेस या कंपनी को चलाने के लिए कई डिपार्टमेंट जिनमें एकाउंट्स, एचआर और एडमिन, सेल्स एवं मार्केटिंग, कस्टमर रिलेशनशिप विभाग इत्यादि शामिल रहते हैं। लेकिन इन सबका एक बजट न बनाकर सब विभाग का अलग अलग बजट तैयार करें, इससे हर विभाग को खर्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा, और वे किसी भी अनावश्यक खर्च को करने से बचेंगे।

बजट न बनाने के जोखिम

हालांकि यहाँ पर हम पहले भी बता चुके हैं की यदि किसी घर में उसका बजट नहीं बनता है, तो इससे कोई बहुत बड़ा नुकसान उस घर को नहीं हो जाएगा।

लेकिन यदि कोई बिजनेस इकाई ऐसा करती है तो उसे अप्रत्याशित नुकसान भी हो सकता है। बिजनेस इकाइयों के लिए बजट बेहद महत्वपूर्ण है यदि कोई इकाई ऐसा नहीं करती है तो उसे कई जोखिम हो सकते हैं जिनमें से कुछ की लिस्ट निम्न है।

  • आपातकाल फण्ड की कमी।
  • नए संचालन शुरू करने और नए बाज़ार में प्रवेश करने में अक्षम होना।
  • पैसों को निवेश करने में अक्षम होना।
  • कंपनी के लिए कर्ज से बाहर निकलना मुश्किल हो सकता है जिसके चलते बिजनेस संचालन बंद करना पड़ सकता है।
  • व्यवसायिक सम्बन्धों में तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है क्योंकि ग्राहकों, विक्रेताओं, आपूर्तिकर्ताओं के प्रति दीर्घकालीक प्रतिबद्धता में कमी होती है।
  • बिजनेस के लिए जरुरी खरीदारी और ऋण सुरक्षित करने में अक्षम होना।   

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