नाश्ते की दुकान कैसे खोलें । How to start Breakfast shop in India.

आप ये मत सोचिये की आप घर से नाश्ता करके निकलते हैं, तो सभी लोग ऐसा ही करते होंगे। जी नहीं, ऐसा नहीं होता है। सोचिये आप बस या ट्रेन से ट्रेवल कर रहे हैं और इसमें आपको ८ घंटे से अधिक का समय लग सकता है, तो आपको रस्ते में कहीं न कहीं पेट पूजा करने की आवश्यकता अवश्य होगी । सिर्फ वे लोग ही नहीं जो एक शहर से दुसरे शहर की ओर ट्रेवल कर रहे होते हैं, बल्कि वे लोग भी जो सुबह काम पर निकलने से पहले से घर से नाश्ता करके नहीं निकलते वे भी अक्सर नाश्ते की दुकानों में नाश्ता करते हैं ।

वैसे तो आम तौर पर नाश्ते का अर्थ केवल सुबह के खाने यानिकी ब्रेकफास्ट से ही लगाया जाता है। लेकिन व्यवहारिक तौर पर कुछ हल्का फुल्का कभी भी खा लेना को नाश्ता ही कहा जाता है। चूँकि ब्रेकफास्ट सुबह के खाने को ही कहा जाता है तो इस पर लोगों का सवाल यही होता है की यदि वह सुबह सुबह लगभग ११ बजे तक नाश्ता बेचेंगे तो उसके बाद क्या करेंगे।

ऐसे लोगों को हम सपष्ट कर देना चाहेंगे की आप चाहें तो आप नाश्ते में जो भी बेच रहे हैं इनमें पूरी सब्जी, ब्रेड ऑमलेट, कई तरह के पराठे, प्लेन पराठे सब्जी, ब्रेड टोस्ट, छोले भठूरे इत्यादि कई तरह के आइटम हो सकते हैं। इन्हें आप भीड़ भाड़ वाली जगहों पर पूरे दिन भर भी बेच सकते हैं, इनके लिए ग्राहकों की कोई कमी नहीं है ।

तो आइये आगे इस आर्टिकल में हम जानने की कोशिश करेंगे की कोई इच्छुक व्यक्ति खुद की नाश्ते की दुकान शुरू करने के लिए कौन कौन से कदम उठा सकता है।

Breakfast shop business

नाश्ते की दुकान कैसे खोलें (How to start Breakfast shop in India)

यद्यपि इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना बहुत अधिक कठिन नहीं है । लेकिन सबसे जरुरी बात जो इस बिजनेस को संचालित करने के लिए चाहिए होती है वह होती है एक अच्छी लोकेशन। इसके अलावा और कोई तकनिकी या विशेष कौशल इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए नहीं चाहिए । यदि आप जानना चाहते हैं की आप खुद की नाश्ते की दुकान कैसे शुरू कर सकते हैं। तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें ।

बिजनेस के लिए अच्छी लोकेशन का चयन करें

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की यदि आपको इस बिजनेस के लिए एक अच्छी लोकेशन मिल गई तो आप इस बिजनेस से बहुत अच्छी कमाई कर सकते हैं । और अपने बिजनेस को साल दर साल बढ़ा भी सकते हैं। अच्छी लोकेशन से आशय हमारा उस लोकेशन से है जहाँ पर आपको आपके ग्राहक आसानी से मिल जाएँ ।

याद रखिये की कोई भी ऐसा व्यक्ति जो घर से नाश्ता खाकर निकलेगा वह आपके बिजनेस का संभावित ग्राहक नहीं हो सकता है। इसलिए आपको इस बिजनेस के लिए दुकान किसी रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, एअरपोर्ट, टैक्सी स्टैंड, इंडस्ट्रियल एरिया, किसी यूनिवर्सिटी के परिसर में, किसी भीड़ भाड़ वाली स्थानीय मार्किट इत्यादि जगहों पर ली जा सकती है।

रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, एअरपोर्ट, टैक्सी स्टैंड इत्यादि जगहों पर जहाँ आपके टारगेट कस्टमर यात्री होते हैं । वहीँ एक इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्री इत्यादि में काम कर रहे कर्मचारी और मजदूर रहते हैं । और किसी कॉलेज, यूनिवर्सिटी के परिसर में वे विद्यार्थी रहते हैं जो वहाँ पढ़ रहे होते हैं ।

इस बिजनेस से कमाई कर पाना तभी संभव है जब इसे एक अच्छी लोकेशन पर शुरू किया जाय, आप केवल रिहायशी इलाके में रहने वाले लोगों को टारगेट करके इस तरह के बिजनेस से उतनी कमाई नहीं कर सकते, जितनी आपको किसी बिजनेस को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए चाहिए होती है।

चयनित लोकेशन पर जगह या दुकान का प्रबंध करें      

अब तक आपको यह तो पता चल ही गया होगा की इस बिजनेस के लिए उपयुक्त लोकेशन कौन सी रहेगी। इस बिजनेस को शुरू करने की ओर अगला कदम उस चयनित लोकेशन पर एक छोटी सी दुकान या फिर जगह का प्रबंध करने की आवश्यकता होती है। इसमें कोई दो राय नहीं की अच्छी लोकेशन पर दुकान या जगह का किराया थोड़ा अधिक हो सकता है। लेकिन वहां पर कमाई होने की संभावना अधिक होती है।

इसलिए एक बात ध्यान रखिये की आपने कुछ भी अतिरिक्त अपनी जेब से नहीं देना है बल्कि उस जगह की कमाई कर सकने की क्षमता का आकलन करने के पश्चात ही इस बात का निर्णय लेना है, की जो किराया माँगा जा रहा है वह वाजिब है की नहीं।

दुकान या जगह किराये पर लेते वक्त रेंट एग्रीमेंट या लीज एग्रीमेंट अवश्य बनवा लें । यह आपके बिजनेस को एक निश्चित समय के लिए प्रोटेक्शन दिलाता है, जिससे आप अपने व्यवसाय के प्रति सही निर्णय ले पाने में सक्षम हो पाते हैं।

नाश्ते का मेनू निर्धारित करें

आप नाश्ते की दुकान खोलने जा रहे हैं न की सिर्फ पूरी सब्जी की दुकान। इसलिए यदि आपने एक अच्छी लोकेशन पर दुकान का भी प्रबंध कर लिया हो तो आब आपका अगला कदम अपनी नाश्ते की दुकान के लिए मेनू निर्धारित करने का होना चाहिए। चूँकि हमारा देश भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है हर राज्य का अपना पहनावा और खान पान है ।

इसलिए उद्यमी को चाहिए की जिस राज्य में भी वह इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर रहा हो। उस राज्य में रहने वाले लोगों के खान पान के आधार पर ही मेनू निर्धारित करें। उदाहरण के लिए नाश्ते की दुकान का जो मेनू उत्तर भारत में चलेगा वही मेनू दक्षिण भारत में नहीं चल सकता, क्योंकि वहां का खान पान अलग होता है ।

उत्तर भारत की यदि हम बात करें तो यहाँ पर आम तौर पर नाश्ते में पूरी सब्जी, स्टफ पराठे के साथ दही या मक्खन, प्लेन पराठे के साथ सब्जी, छोले भठूरे, ब्रेड ऑमलेट, सैंडविच, ब्रेड टोस्ट इत्यादि आइटम लोकप्रिय हैं।  

नाश्ते की दुकान के लिए जरुरी बर्तन खरीदें   

एक बार जब आप मेनू निर्धारित कर लेते हैं तो उससे आपको पता चल जाता है की आपको उन्हें पकाने के लिए किन किन बर्तनों की आवश्यकता होगी । जैसे मान लीजिये आप पूरी सब्जी, छोले भठूरे इत्यादि अपनी नाश्ते की दुकान में बेचने वाले हैं ।  तो आपको पता चल जाएगा की आपको पूरी या भठूरे तलने के लिए एक बड़ी कढ़ाई चाहिए होगी । एक तार से बनी छेदनुमा छन्नी चाहिए होगी जिससे आप तेल से पूरी या भठूरों को तेल से आसानी से निकाल पाएँ।

जिन भी नाश्ते के आइटम को आपने अपने मेनू में शामिल किया है आशा करते हैं की आप उन्हें बनाने की पद्यति भी अवश्य जानते होंगे। यदि आप नहीं जानते हैं तो आपने आपके कुक या रसोइये के कहने पर उन्हें अपने मेनू में शामिल किया होगा। तो उनको पकाने, सर्व करने इत्यादि प्रक्रिया में जो भी बर्तन इत्यादि इस्तेमाल में लाये जाते हैं, उनकी एक लिस्ट तैयार कर लीजिये।

यह इसलिए क्योंकि इनमें कुछ छोटे छोटे बर्तन भी हो सकते हैं, जिन्हें आप खरीदते समय भूल सकते हैं। और बाद में इनके न होने पर आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है । इस तरह के बिजनेस में इस्तेमाल होने वाले बर्तन कहीं भी स्थानीय बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हैं।  

स्टाफ की नियुक्ति करें

यदि आप खुद एक अच्छे रसोइये हैं और अपने नाश्ते के मेनू में शामिल सभी आइटम को बनाना जानते हैं तो आपको कम से कम ३ हेल्पर को काम पर रखने की आवश्यकता हो सकती है। यद्यपि यह इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी की नाश्ते की दुकान में एक दिन में कितने ग्राहकों के आने की संभावना है। दिन में १०० से अधिक ग्राहकों को अपनी सर्विस अच्छे ढंग से देने के लिए आपको कम से कम २ हेल्पर की आवश्यकता होगी ।

लेकिन एक भीड़ भाड़ वाली जगह जहाँ पर दिन में लाखों लोग ईधर उधर निकलते हों ऐसी लोकेशन पर एक दिन में १०० से अधिक ग्राहक आराम से आ सकते हैं । तो इसलिए आप ३ बन्दों को काम पर रख सकते हैं, इसमें एक का काम साफ़ सफाई और बर्तन धोने का, एक का काम सब्जी काटना, आटा गूँथना जैसे काम हो सकते हैं ।  और एक बंदा आपको ऐसा चाहिए जो आपके न होने पर भी आपके काम को अच्छे ढंग से संभाल सके।  

स्वादिष्ट नाश्ता बनाएँ और बेचें  

हमने पहले ही कहा है की एक अच्छी लोकेशन पर आपके नाश्ते की दुकान के लिए ग्राहकों की कमी कभी नहीं होने वाली है । बशर्ते आप अपने ग्राहकों को साफ़ सफाई से अच्छा नाश्ता बनाकर खिलाएं । अपनी नाश्ते की दुकान में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। अन्यथा आप बहुत सारे ग्राहकों को खो सकते हैं । वह इसलिए क्योंकि वर्तमान में लोग काफी जागरूक हो गए हैं और उन्हें पता है की गंदगी से कई तरह के रोग उत्पन्न हो सकते हैं। इसलिए वे किसी गन्दी जगह पर खाना पसंद नहीं करते हैं ।  

हो सकता है की आपके पास रोज नए नए ग्राहक आएँ लेकिन इसके बावजूद भी ग्राहकों से नम्रता से पेश आना आपका सबसे पहला कर्तव्य है । यह मत सोचें की यह तो एक दिन का ग्राहक है, बल्कि यही सोचें की जब ग्राहक है तभी आपका धंधा है। आपका व्यवहार भी आपके धंधे को आगे बढ़ाने में या पीछे धकेलने में अहम् भूमिका निभाता है।

नाश्ते की दुकान शुरू करने में आने वाली लागत

वैसे तो इस तरह का यह बिजनेस बेहद कम निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है। लेकिन एक अच्छी लोकेशन पर इस तरह की दुकान खोलने का किराया जो भी हो लेकिन उससे पहले दुकान स्वामियों द्वारा कुछ एकमुश्त रकम जिसे उत्तर भारत में पगड़ी भी कहा जाता है, मांगते हैं। यही इस बिजनेस में आने वाली लागत को बढ़ा देती है। लेकिन यह चलन हर जगह नहीं है, कहीं कहीं पर है।

अगर इस एकमुश्त राशि को हम छोड़ दें तो फिर महीने का किराया एक औसतन लोकेशन पर ₹15000 मान के चल सकते हैं। कमर्शियल सिलिंडर, भट्ठी, काउंटर, बर्तनों को खरीदने में आने वाली लागत ₹45000 से ₹60000 के बीच हो सकती है। कच्चे माल के तौर पर आपको आटा, मैदा, तेल, मसाले इत्यादि की आवश्यकता होती है जिन्हें आप शुरूआती दौर में केवल एक हफ्ते के लिए ₹7000 तक में आसानी से खरीद सकते हैं। इस तरह से देखें तो आप इस बिजनेस को ₹70000 से ₹85000 के बीच आसानी से शुरू कर सकते हैं। 

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