आलू प्याज का थोक बिजनेस कैसे शुरू करें ।

क्या आप आलू प्याज के व्यापार (Aalu Pyaj Ka Business) के बारे में जानना चाहते हैं? आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है, तो वहीँ प्याज भी मसालों के राजा से कम थोड़ी ही है। जी हाँ भारतीय सब्जियों की यदि हम बात करें तो उनमें आलू और प्याज का जिक्र आना स्वाभाविक है। यद्यपि प्याज का इस्तेमाल सब्जी और मसाले दोनों के रूप में किया जाता है, लेकिन उत्तर भारत में इसका अधिकतर इस्तेमाल मसाले के तौर पर ही किया जाता है। यानिकी इसे हर प्रकार की सब्जी और नों वेज बनाने के इस्तेमाल में लाया जाता है ।

यही कारण है की आपको किसी घर में और सब्जी कुछ मिले या न मिले लेकिन आलू और प्याज तो मिल ही जाएँगे । आलू की कीमतें बाज़ारों में वर्ष भर लगभग एक जैसी ही बनी रहती है, लेकिन प्याज की कीमतें साल में कभी कभी बहुत ऊँची पहुँच जाती है । लेकिन इसके बावजूद भ लोगों का इसे खरीदने का सिलसिला कम नहीं होता है ।

ऐसे में यदि आप कोई थोक का व्यापार शुरू करने के बारे में विचार कर रहे हैं, तो आप आलू और प्याज का होलसेल व्यापार शुरू करने पर विचार कर सकते हैं। इसे रिटेल बिजनेस के तौर पर करना इसलिए लाभकारी नहीं है क्योंकि आलू प्याज खरीदने लोग सब्जी की दुकानों में जाते हैं, न की वहां पर जहाँ पर सिर्फ आलू और प्याज मिलें ।

इसलिए आज हम हमारे इस आर्टिकल में आपको आलू और प्याज का थोक व्यापार शुरू करने के बारे में बताएँगे, की कैसे आप इसे शुरू करके महीने में अपनी अच्छी कमाई कर सकते हैं। लेकिन उससे पहले यह जान लेते हैं की इस तरह का यह बिजनेस करना क्यों फायदेमंद हो सकता है ।

aalu pyaj ka business

आलू प्याज का थोक बिजनेस करना फायदेमंद क्यों है

भारत में शायद ही कोई ऐसा घर हो जहाँ पर आलू प्याज का इस्तेमाल सब्जी या मसालों के तौर पर नहीं किया जाता हो । सिर्फ इतना ही नहीं आलू का इस्तेमाल तो वर्तमान में बड़ी बड़ी चिप्स बनाने वाली कंपनियाँ जैसे लेज इत्यादि भी बड़े पैमाने पर करती है । और प्याज के इस्तेमाल से तो शायद आप अच्छी तरह से वाकिफ हैं की, सर्दियों में कई बार ऐसा होता है की प्याज की कीमत प्रति ₹80 से ₹120 तक पहुँच जाती है। यह इसलिए होता है क्योंकि प्याज की सप्लाई कम होती है और बाज़ार में माँग अधिक होती है।

खैर आलू और प्याज की बाज़ार में माँग को लेकर आपको भी कोई शंकतो होगी नहीं। लेकिन यदि हम अन्य सब्जियों से इनकी तुलना करेंगे तो हमें पता चलेगा की जहाँ अन्य सब्जियों को तुरंत एक या दो दिन में ही बेचना अनिवार्य हो जाता है । अन्यथा सब्जी के सड़ने, गलने या मुरझाने की चिंता बनी रहती है, जबकि आलू और प्याज को आप कुछ दिन बिना कोल्ड स्टोर के भी स्टोर करके रख सकते हैं। यह इतनी जल्दी ख़राब नहीं होते हैं। इसलिए भी अन्य सब्जियों की तुलना में आलू और प्याज का थोक व्यापार करना फायदेमंद होता है।

आलू और प्याज का थोक व्यापार कैसे शुरू करें (Aalu Pyaj Ka Business Kaise Shuru Kare)

आलू और प्याज का थोक व्यापार शुरू करने के लिए आपको किसी प्रकार के लाइसेंस और पंजीकरण की आवश्यकता तो नहीं होती है। लेकिन इसके लिए कच्चे माल का स्रोत और उसे आगे कितने मुनाफे के दामों में बेच सकते हैं की जानकारी होना आवश्यक है।वैसे तो यदि हम इस तरह के बिजनेस को शुरू करने की प्रक्रिया के बारे में दो लाइन में बताएं तो हम यही कहेंगे की किसानों से सीधे माल खरीदकर उन्हें स्थानीय मंडी में मुनाफे वाले दामों में बेच दो ।

लेकिन बात यहाँ पर थोक व्यापार की हो रही है तो आइये जानते हैं की आप इस तरह का यह बिजनेस कैसे शुरू कर सकते हैं।

आलू और प्याज की पैदावार का जायजा लें

जिस एरिया में आप यह बिजनेस शुरू करना चाहते हैं उस एरिया में आपको इसकी पैदावार कितनी होती है की जानकारी होना आवश्यक है। क्योंकि यदि उस एरिया में आलू और प्याज की पैदावार अधिक होती होगी तो इसका मतलब यह हुआ की आपको सीधे किसानों से ही उनकी पैदावार खरीदकर उन्हें थोक दामों में बेचकर लाभ कमाना है।

लेकिन जिस एरिया में आप इस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं यदि उस एरिया में आलू और प्याज की पैदावार ही न होती हो, तो ऐसे मेंआपको इस बिजनेस को शुरू करने के लिए यह पता करना होगा की आप अपने बिजनेस के लिए माल कहाँ से खरीदेंगे।

हालांकि आलू और प्याज तो आपको हर जगह आसानी से मिल जाएँगे, लेकिन चूँकि आपने इसे एक थोक व्यापार के रूप में शुरू करना है। तो इसका मतलब यह है की आपको इनके बड़े सप्लायर से संपर्क करके किसी अन्य एरिया से ट्रकों में भरकर आलू और प्याज मँगाना होगा।     

उपयुक्त जगह का चयन करें

अब यदि आपको इस बात का पता चल गया है की आप अपने बिजनेस के लिए उचित कीमतों पर माल कहाँ से खरीदेंगे। तो उसके बाद आपको अपनी दुकान के लिए जगह की तलाश करनी होगी। चूँकि आप आलू और प्याज का होलसेल बिजनेस शुरू करने वाले हैं इसलिए आपको एक बार में ही ट्रक भरा हुआ माल मंगाने की आवश्यकता हो सकती है। इस माल को रखने के लिए उद्यमी को एक बड़े से गोदाम की भी आवश्यकता होती है।

वैसे तो उद्यमी चाहे तो इस तरह की यह दुकान किसी भी स्थानीय मार्किट में किराये पर ले सकता है। और यही से उस स्थानीय बाज़ार में उपलब्ध अन्य सब्जी विक्रेताओं, होटल चलाने वाले इत्यादि को आलू प्याज थोक मूल्यों पर बेच सकता है।     

स्थानीय मंडी में दुकान का प्रबंध करें

आम तौर पर रिटेल सब्जी विक्रेता सारी सब्जी स्थानीय मंडी से ही खरीदना पसंद करते हैं। इसलिए यदि आप चाहते हैं की आप इस बिजनेस से अच्छा खासा मुनाफा कमाएँ, तो आपको उस स्थानीय मंडी में एक दुकान का प्रबंध करना होगा । आम तौर पर हर स्थानीय बाज़ार में उपलब्ध मंडी को संचालित करने के लिए एक मंडी समिति बनी होती है, जो वहाँ पर उपलब्ध दुकानों इत्यादि का निर्णय लेती है।

आप चाहें तो उस स्थानीय बाज़ार में उपलब्ध मंडी समिति के अध्यक्ष या अन्य गणमान्य जनों से संपर्क करके वहाँ पर दुकान किराये पर ले सकते हैं । यदि एक बार आपको स्थानीय मंडी में दुकान मिल जाती है तो उसके बाद आपके आलू प्याज के थोक बिजनेस को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।    

सीधे किसानों से फसल खरीदें

जिस एरिया में आप अपना यह बिजनेस शुरू करना चाहते हैं यदि उस एरिया में आलू और प्याज की पैदावार अच्छी होती है, तो आप सीधे किसानों से भी फसल खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करके भी इस बात को सुनिश्चित कर सकते हैं की उनके द्वारा की जाने वाली आलू और प्याज की पैदावार को सिर्फ आप ही खरीदेंगे।

सीधे किसानों से माल खरीदने का सीधा सा मतलब है की आप जो भी कीमत तय करेंगे वह सीधे किसानों को मिलेगा। बीच में किसी बिचौलिए के कारण कीमतों में अनावश्यक वृद्धि नहीं होगी।  

मुनाफे वाले दामों में बेचें

आपके मुख्य ग्राहक के तौर पर सब्जी के वे रिटेल विक्रेता होंगे जो उस एरिया में अन्य स्थानों पर रिटेल में सब्जी बेचते हों । इसके अलावा ढाबा, भोजनालयों एवं होटलों में भी क्विंटल के हिसाब से प्रतिदिन आलू प्याज की खपत होती है, वे भी आपके प्रमुख ग्राहक के तौर पर होंगे।

यदि आपकी दुकान या गोदाम स्थानीय मंडी में उपलब्ध है तो यकीन मानिये आप इस बिजनेस से डे वन से ही कमाना शुरू करे देंगे। क्योंकि मंडियों का खुलने का समय सुबह सुबह का होता है, और सभी आस पास के सब्जी के रिटेल विक्रेता और जिन्हें बड़ी मात्रा में सब्जी चाहिए होती है वे सुबह सुबह स्थानीय मंडी में पहुँच जाते हैं। और मात्र कुछ घंटों में ही कई क्विंटल माल बेचकर अच्छा खासा मुनाफाकमा लेते हैं।

आलू प्याज का थोक व्यापार करने में लागत

हालांकि सब्जी का व्यापार ऐसा है जिसे मात्र कुछ हज़ार रुपयों से भी शुरू किया जा सकता है। लेकिन यहाँ पर बात आलू और प्याज के थोक व्यापार की हो रही है, जिसमें आपको एक ही बार में कई क्विंटल या टन आलू प्याज एक साथ खरीदने की आवश्यकता हो सकती है। जिसके लिए अच्छी रकम की आवश्यकता हो सकती है।

आम तौर पर इस तरह का यह बिजनेस ₹5 लाख से ₹7 लाख तक के निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है । लेकिन उस स्थिति में जब आलू और प्याज की पैदावार उसी एरिया में हो रही हो जहाँ पर उद्यमी यह बिजनेस करना चाहता है तो फिर उद्यमी इसे ₹1 लाख से भी इसकी शरुआत कर सकता है। वह इसलिए क्योंकि दूर से माल मँगाने पर उद्यमी कभी भी आधा ट्रक या आधा टेम्पो माल नहीं मंगाएगा। जिसके लिए उसे कम से कम एक ट्रक माल तो एक साथ मँगाना पड़ेगा।

और स्थानीय स्तर पर तो वह माल ढुलाई के लिए किसी भी छोटे वाहन का भी इस्तेमाल कर सकता है।

आलू प्याज के बिजनेस में अवसर और जोखिम

आलू और प्याज के बारे में आपको किसी को कुछ भी समझाने की आवश्यकता नहीं होती है। बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर कोई इसके इस्तेमाल को बखूबी समझते हैं ।इसलिए आपको इसकी मार्केटिंग करने की तो बिलकुल आवश्यकता नहीं होती है। समस्या आपके लिए तब हो सकती है जब आपकी दुकान और गोदाम स्थानीय मंडी में न होकर किसी सामान्य बाज़ार में हो ।  चूँकि सब्जी खराब होने वाली वस्तु होती है, इसलिए इसे बेहद जोखिमभरा बिजनेस कहा जाता है ।

लेकिन आलू और प्याज के थोक व्यापार (Aalu Pyaj ke business) पर यह लागू नहीं होता, क्योंकि इन्हें तो आप थोड़े समय के लिए बिना कोल्ड स्टोरेज के भी स्टोर करके रख सकते हैं । इसलिए इस बिजनेस में जोखिम भी अन्य सब्जी के बिजनेस के मुकाबले कम ही है।

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